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डिस्ट्रिक्ट जज ने किया सेंट्रल जेल का औचिक निरीक्षण, बंदियों के खाने में दाल कम और मिला साफ-सफाई का अभाव

locationदुर्गPublished: Jul 27, 2021 05:42:48 pm

Submitted by:

Dakshi Sahu

जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजेश श्रीवास्तव ने केन्द्रीय जेल दुर्ग का औचक निरीक्षण किया। उन्होंने पुरूष एवं महिला बैरिक में जाकर बंदियों से मुलाकात की और उनकी समस्या सुनी।

डिस्ट्रिक्ट जज ने किया सेंट्रल जेल का औचिक निरीक्षण, बंदियों के खाने में दाल कम और मिला साफ-सफाई का अभाव

डिस्ट्रिक्ट जज ने किया सेंट्रल जेल का औचिक निरीक्षण, बंदियों के खाने में दाल कम और मिला साफ-सफाई का अभाव

दुर्ग. जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजेश श्रीवास्तव ने केन्द्रीय जेल दुर्ग का औचक निरीक्षण किया। उन्होंने पुरूष एवं महिला बैरिक में जाकर बंदियों से मुलाकात की और उनकी समस्या सुनी। निरीक्षण में यह विशेष रूप से देखा गया कि बंदियों को कोविड-19 के संक्रमण से बचाव के लिए क्या-क्या व्यवस्था की गई है। निरीक्षण के दौरान एक सजायाफ्ता बंदी ओमप्रकाश, रामकिशन ने बताया कि उसका एक पैर नहीं है। जिस पर जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने जेल अधीक्षक को निर्देश दिए। कैदी रामनारायण ने मूल निवास कवर्धा जेल में स्थानांतरण की मांग की। इस पर जेल अधीक्षक को निर्देशित किया गया।
कैदियों को मिलने वाले भोजन की जांच की
इस दौरान बंदियों के सामान की भी जांच की गई। जिसमें कोई आपत्तिजनक वस्तुएं अथवा नशा से संबंधित वस्तु नहीं पाई गई। बंदियों को दिए जाने वाले भोजन सामग्री की गुणवत्ता देखी गई। जिसमें दाल की मात्रा कम पाई गई, प्रत्येक व्यक्ति को 150 ग्राम दाल दिए जाने का प्रावधान है। दाल की मात्रा बढ़ाए जाने निर्देशित किया गया। बंदियों को दिए जाने वाला भोजन संतोषजनक पाया गया। कई स्थानों पर सफाई में कमी पाई गई ।
निरीक्षण के दौरान ऐसे बंदी जिन्हें 432(2) दंड प्रक्रिया संहिता के तहत परिहार पर रिहा किया जा सकता है, के संबंध में जानकारी प्राप्त की गई। जेल प्रशासन को ऐसे बंदी जिन्हें परिहार का लाभ दिया जा सकता है, उनके आवेदन के लंबित रहने के कारणों सहित जानकारी प्राधिकरण को प्रेषित किए जाने निर्देशित किया गया। बंदियों को परिहार पर रिहा किए जाने के संबंध में 1 अगस्त 2021 से प्रायलेट प्रोजेक्ट की शुरूआत की जानी है, जिसमें सजायाफ्ता बंदियों को परिहार का लाभ समयावधि में प्रदान किया जाना है।
पांच नाबालिग बच्चों की देखभाल कर रही महिला बंदी
बंदियों को जानकारी दी गई कि कोविड संक्रमण अवधि में विचाराधीन बंदियों के प्रकरणों की सुनवाई वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्मय से की जा रही है। जेल प्रशासन को निर्देशित किया गया कि जिन बंदियों की पेशी हो उन्हें आवश्यक रूप से विडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से न्यायालय के समक्ष उपस्थित रखा जाए। जिला न्यायाधीश ने एसपी प्रशांत अग्रवाल, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट संतोष ठाकुर, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण राहुल शर्मा व जेल अधीक्षक के साथ बैठक की। उन्हें व्यवस्था सुधारने के निर्देश दिए। महिला जेल में कुल 5 नाबालिग बच्चे हैं जो महिला कैदी के संरक्षण में है। उन बच्चों की पढ़ाई व स्वास्थ्य का विशेष रूप से ध्यान रखने के निर्देश दिए गए।

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