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सरकार को खर्च करने होंगे 10 लाख करोड़ रुपए
कैबिनेट से मंजूरी के लिए रेलवे ने जो प्रस्ताव दिए हैं उनमें इन काॅरिडोर्स की फीजीबिलिटी स्टडी व 10 संभावित काॅरिडोर्स के डीटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट शामिल हैं। शुरुआती प्रस्ताव में दिल्ली-मुंबर्इ, दिल्ली-कोलकाता, दिल्ली-अमृतसर, पटना-कोलकाता व चेन्नर्इ-बेंगलुरु काॅरिडोर हैं। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक, इसके लिए आगामी 10 सालों में 10 लाख करोड़ रुपए खर्च होगा।
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रेल नेटवर्क को भी 17 हजार किलोमीटर तक बढ़ाया जाएगा
मौजूदा समय में केवल एक ही हार्इ-स्पीड काॅरिडोर उपलब्ध है। यह काॅरिडोर अहमदाबाद-मुंबर्इ काॅरिडोर हैं जिसपर फिलहाल काम चल रहा है। हालांकि, सरकार मौजूदा 1.2 लाख किलोमीटर रेल नेटवर्क में 17 हजार किलोमीटर आैर बढ़ाने की तैयारी में है। जिसके लिए 5 लाख करोड़ रुपए की निवेश की जरूरत है। सरकार कर्इ प्रोजेक्ट्स पर पैसेंजर्स में आर्इ कमी की वजह से इनपर ध्यान दे रही है ताकि रोड्स के अपेक्षा लोग ट्रेनों का इस्तेमाल करेें। सरकार इन निवेशों के लिए विश्व बैंक, JICA व एशियन डेवलपमेंट बैंक से पैसे लेगी।
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रेल नेटवर्क बढ़ाने के लिए तीन-स्तरीय रणनीति
रेल मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि रेलवे की क्षमता बढ़ाने और उसके नेटवर्क को बढ़ाने के लिए तीन-स्तरीय रणनीति है। राष्ट्रीय रेल क्षमता संवर्धन योजना, या रेल विस्टा परयोजन, दोनों यात्रियों और माल ढुलाई के लिए वहन क्षमता बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करेगी। विशेष रूप से वर्तमान परिवहन प्रवृत्ति की तुलना में माल ढुलाई परिवहन त्रिगुट रेलवे की हिस्सेदारी बढ़ाकर 45-50 फीसदी करने के लिए जो कि अब तक 30 फीसदी है।
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