11 दिसंबर 2025,

गुरुवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

अब Ph.D. में नहीं चलेगी नकल, थीसिस को करवाना होगा सॉफ्टवेयर से चैक

Education News in Hindi: यूनिवर्सिटी नकल किए शोध पर रखेगी निगाह, विश्वविद्यालय ने लागू किया एंटी-प्लेजरिजम सिस्टम

less than 1 minute read
Google source verification

जयपुर

image

Sunil Sharma

Jul 29, 2019

UGC,AICTE,admission,college,rajasthan university,career tips in hindi,top school,top universities,engineering courses,top colleges,RTU,

AICTE, UGC, engineering courses, career tips in hindi, admission, college, top universities, top colleges, top school, rajasthan university, RTU, health university

Education News in Hindi: राजस्थान विश्वविद्यालय में अब साहित्यिक चोरी या नकल से हो रही पीएचडी पर पूरी तरह से पाबंदी लग जाएगी। शोधार्थियों को पूरा शोध कार्य नया ही करना होगा। अगर उन्होंने शोध कार्य में किसी दूसरी यूनिवर्सिटी के शोध कार्य से नकल की तो शोधार्थी पकड़े जाएंगे।

ये भी पढ़ेः 12वीं पास वालों के लिए ये हैं शानदार कॅरियर, बरसेगा पैसा, होंगे मालामाल

ये भी पढ़ेः अगर आजमाएंगे ये टिप्स तो आपको करोड़पति बनने से कोई नहीं रोक सकता

दरअसल, राजस्थान यूनिवर्सिटी ने यूजीसी का एंटी-प्लेजरिजम सिस्टम लागू कर दिया है। यूजीसी ने उच्च शिक्षण संस्थानों में एकेडमिक इंटीग्रेटी एंड प्रिवेंशन ऑफ प्लेजरिजम की अनुशंषा कुछ वर्षों पहले की थी। देश के अधिकांश यूनिवर्सिटी ने इसे अपना भी लिया।

ये भी पढ़ेः Learn English: इन घरेलू वस्तुओं की मदद से भी आप बोल सकते हैं इम्प्रेसिव इंग्लिश

ये भी पढ़ेः Kenny Troutt जिन्होंने तय किया सड़क से महल तक का सफर, जानिए उनके सक्सेस सीक्रेट्स

ये भी पढ़ेः रोबोटिक इंजीनियरिंग सहित फॉरेन कोर्स की बढ़ रही है डिमांड, दिलाते हैं लाखों का पैकेज

रजिस्ट्रार ने जारी किए आदेश
राजस्थान यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार विवेक कुमार ने हाल ही में इस संबंध में आदेश भी जारी कर दिए हैं। इसके अनुसार शोध कार्य को एंटी प्लेजरिजम सॉफ्टवेयर टीयूआर एनआईटी आईएन में रन करना होगा। रन होने पर पता लगेगा कि शोध कार्य में किसी प्रकार की साहित्यिक चोरी तो नहीं है। सॉफ्टवेयर की रिपोर्ट के बगैर कोई भी शोध कार्य सब्मिट नहीं होगा।