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भारत के सीरियलों और फ़िल्मों को पूरी तरह कॉपी कर रहा है पाकिस्तान

Many Pakistani drama and films are copy of Bollywood: बॉलीवुड की कॉपी कर रहा है लॉलीवुड। फ़िल्में तो फ़िल्में सीरियलों को भी कॉपी करने से नहीं छोड़ा पाकिस्तान ने।

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Many Pakistani drama and films are copy of Bollywood

Many Pakistani drama and films are copy of Bollywood

नई दिल्ली। हिंदी फिल्म इंडस्ट्री को दुनिया भर में बॉलीवुड (Bollywood) के नाम से जाना जाता है। दुनिया में सबसे ज्यादा फिल्में बनाने का रिकॉर्ड भारत के नाम है। सेंसर बोर्ड के मुताबिक भारत में हर साल करीब 20 से भी ज्यादा भाषाओं में 1500 से 2000 फिल्में बनाई जाती हैं। हिंदी सिनेमा को बॉलीवुड, साउथ की फिल्मों को टॉलीवुड, कॉलीवुड और अमरीकी फिल्मों को हॉलीवुड कहा जाता है।

ठीक वैसे ही पाकिस्तानी सिनेमा को लॉलीवुड (Lollywood) कहा जाता है। एक तरह से देखा जाए तो भारत और पाकिस्तान दोनों देशों की सांस्कृतिक विरासत लगभग एक जैसी ही है। इसलिए दोनों तरफ़ एक-दूसरे के सिनेमा के प्रसंशक मौजूद हैं। कहीं ना कहीं इसलिए ही पाकिस्तान के ज्यादातर सीरियल्स और फ़िल्में भी भारतीय मूवीज़ की कॉपी ( Pakistani drama and films are copy of Bollywood ) होती हैं या फिर उनसे मिलती-जुलती होती हैं।

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लेकिन कई बार पाकिस्तान ने भारत के कुछ फ़ेमस सीरियल और फ़िल्मों को खुद का नया नाम देकर कॉपी किया है। हम आपके लिए पाकिस्तान के कुछ ऐसे ही टीवी सीरियल्स और फ़िल्मों के बारे में जानकारी लेकर आए हैं जो भारतीय फ़िल्मों से प्रेरित हैं।

कोई नहीं अपना

बॉलीवुड में आई आमिर ख़ान की फ़िल्म 'अकेले हम अकेले तुम' की कॉपी है, ये पाकिस्तानी फ़िल्म। बॉलीवुड की फिल्म की तरह इसमें भी एक शख़्स अपने करियर के लिए अपने परिवार को ताक पर रख देता है।

मोहब्बत तुझे अलविदा

ये पाकिस्तानी की मूवी बॉलीवुड फ़िल्म 'जुदाई' जैसी थी। अगर फिल्म की कहानी की बात करे तो इसमें एक ऐसी महिला की कहानी थी जो अपने सपने पूरे करने के लिए अपने पति को एक अमीर महिला को सौंप देती है। इसके बाद फिल्म की पोल खुली तो इसके मेकर्स ने इसे उस फ़िल्म से प्रेरित बताया था।

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नौकर

1955 में बॉलीवुड स्टार जितेंद्र की मूवी आई थी 'औलाद'। इसमें उनके अपोजिट उषा साहनी जी थीं। ठीक इसके जैसी ही एक फ़िल्म जिसका नाम 'नौकर' है पाकिस्तान में भी बनाई गई है।

अर्थ: द डेस्टिनेशन

पाकिस्तानी निर्देशक शान शाहिद ने 'अर्थ: द डेस्टिनेशन' नाम की एक फ़िल्म बनाई थी। ये मूवी 1982 में रिलीज़ हुई महेश भट्ट की फ़िल्म 'अर्थ' की नकल थी। इतना ही नहीं उन्होंने इसे 'अर्थ' की अधिकारिक उर्दू रीमेक बनाने के लिए महेश भट्ट से संपर्क भी करना चाहा था।

चना जोर गरम

'साराभाई वर्सेज साराभाई' भारत का सुपरहिट सीरियल था। इसकी नकल है पाकिस्तान का 'चना जोर गरम'। इसमें भी एक रोशेस जैसा कैरेक्टर है ग़ज़ल और शेर पढ़ता है और एक पाकिस्तानी बहु जो अपनी अमीर सासू मां से परेशान है।

नाज़ो

ये एक पाकिस्तानी नाटक था जो लगभग हिंदी फ़िल्म 'बर्फ़ी' के जैसे ही था। इसमें झिलमिल के जैसा कैरेक्टर भी था, जिसे पाकिस्तानी एक्ट्रेस सोनिया हुसैन ने निभाया था।

हमीदा

1955 में बॉलीवुड अदाकारा गीता बाली की फ़िल्म 'वचन' रिलीज़ हुई थी। इसकी same to same कहानी पाकिस्तानी फ़िल्म 'हमीदा' में दिखाई दी थी।

चीख

'चीख' एक फ़ेमस पाकिस्तानी टीवी सीरियल है। इसकी कहानी बॉलीवुड मूवी 'दामिनी' से मिलती है। साथ ही इसमें भी एक महिला है जो एक जघन्य बलात्कार की साक्षी है जिसका दोषी उसका ही देवर है। इसमें भी वो महिला पीड़िता को इंसाफ दिलाने के लिए अपने परिवार से लड़ती है।