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एसएसपी की मां की तबीयत खराब हुई तो इमरजेंसी से जबरदस्ती ले गए डॉक्टर, दो पुलिसकर्मी लाइन हाजिर

Doctors boycott OPD after forcibly taken from emergency इटावा में इमरजेंसी से डॉक्टर को जबरदस्ती ले जाने के मामले में एसएसपी ने दो पुलिस कर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया है। इसकी जांच क्षेत्राधिकारी नगर को दी गई है। इसके पूर्व जिला अस्पताल के डॉक्टर में ओपीडी का बहिष्कार कर दिया था।

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डॉक्टर को ले जाते पुलिस कर्मी (फोटो सोर्स- 'X' Etawah वीडियो ग्रैब)

फोटो सोर्स- 'X' Etawah वीडियो ग्रैब

Doctors boycott OPD after forcibly taken from emergency इटावा में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक की मां को की तबीयत अचानक खराब हो गई। जिला अस्पताल पहुंचे पुलिस कर्मियों ने इमरजेंसी में तैनात डॉक्टर को अपने साथ चलने के लिए कहा। डॉक्टर के इंकार करने पर पुलिस जबरदस्ती डॉक्टर को अपने साथ ले गई। पुलिसकर्मी की अभद्रता से नाराज डॉक्टरों ने ओपीडी का बहिष्कार कर दिया। अस्पताल के कर्मचारी यूनियन में हड़ताल कर दी। इसकी जानकारी मिलते ही मौके पर पहुंचे सीएमओ ने हड़तालु कर्मचारियों से बातचीत की और उन्हें कम पर वापस आने के लिए मनाया। इधर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक में इस मामले में दो पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया है और क्षेत्राधिकारी नगर को जांच दी गई है। मामला डॉक्टर भीमराव अंबेडकर संयुक्त जिला चिकित्सालय का है।

ओपीडी का बहिष्कार

उत्तर प्रदेशe के इटावा में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बृजेश कुमार श्रीवास्तव की मां की तबीयत अचानक खराब हो गई। इस पर उन्होंने डॉक्टर लाने के लिए कहा। डॉ राहुल बाबू ने बताया कि सब इंस्पेक्टर ने उनका मोबाइल छीन लिया और जबरदस्ती अपने साथ ले गए। जबकि उन्होंने कहा था कि इमरजेंसी छोड़कर नहीं जा सकते हैं। आपके साथ दूसरा स्टाफ भेज रहे हैं। लेकिन उन्होंने अभद्रता की और गलत शब्दों का उपयोग किया। उन्होंने बताया कि वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने पुलिस की अभद्रता के लिए डॉक्टर से माफी मांगी और उन्हें वापस भेज दिया।

दो किया गया लाइन हाजिर

घटना की जानकारी मिलते ही स्वास्थ्य डॉक्टर में नाराजगी व्यक्त की और उन्होंने ओपीडी का बहिष्कार कर दिया। सीएमओ डॉक्टर बीके सिंह ने बताया कि ऐसे पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। जिससे भविष्य में इस तरह की घटना दोबारा ना हो। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक इटावा ने मामले को संज्ञान में लेते हुए दो आरक्षी को लाइन हाजिर कर दिया है और इसकी जांच क्षेत्राधिकारी नगर को दी गई है।