scriptMalmas/Kharmas 2023: खरमास शुरू, आज से 30 दिन तक भूलकर भी न करें ये काम | Malmas/Kharmas 2023 start from today, End Date, Do this in 30 days | Patrika News

Malmas/Kharmas 2023: खरमास शुरू, आज से 30 दिन तक भूलकर भी न करें ये काम

Published: Mar 15, 2023 11:04:12 am

Submitted by:

Sanjana Kumar

Kharmas 2023 Start date and End Date, do not make these mistakes: दरअसल ज्योतिष शास्त्र में खरमास को अशुभ समय माना गया है। पत्रिका.कॉम के इस लेख में प्रयागराज के ज्योतिषाचार्य पं. प्रदीप पांडे आपको बता रहे हैं खरमास कब से शुरू हो रहा है और कब तक रहेगा। खरमास की कथा साथ ही यह भी इस एक महीने में कौन से कार्य करना वर्जित माना गया है, वहीं यह भी कि किन कार्यों को करने से व्यक्ति सुख और समृद्धि के साथ खुशहाल जीवन जी सकता है।
 

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Kharmas 2023 Start date and End Date, do not make these mistakes: हिन्दु पंचांग के मुताबिक आज 15 मार्च 2023 बुधवार से खरमास लग गया है। आज से शुरू हुआ यह मास 14 अप्रैल तक रहेगा। आपको बता दें कि खरमास को मलमास भी कहा जाता है। जैसे ही खरमास के दिन शुरू होते हैं तो अगले एक माह तक यानी 30 दिन तक कोई भी मांगलिक या शुभ कार्य नहीं किया जाता। खरमास के ये दिन साल में दो बार आते हैं। ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक जब ग्रहों के राजा सूर्य देव देवगुरु बृहस्पति की राशि धनु में या फिर मीन राशि में प्रवेश करते हैं, तब-तब खरमास लगना माना जाता है। खरमास की अवधि एक माह मानी गई है। मान्यता है कि खरमास के इन दिनों में कोई भी शुभ या मांगलिक कार्य विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश, जनेऊ संस्कार आदि नहीं किया जाना चाहिए। दरअसल ज्योतिष शास्त्र में खरमास को अशुभ समय माना गया है। पत्रिका.कॉम के इस लेख में प्रयागराज के ज्योतिषाचार्य पं. प्रदीप पांडे आपको बता रहे हैं खरमास कब से शुरू हो रहा है और कब तक रहेगा। खरमास की कथा साथ ही यह भी इस एक महीने में कौन से कार्य करना वर्जित माना गया है, वहीं यह भी कि किन कार्यों को करने से व्यक्ति सुख और समृद्धि के साथ खुशहाल जीवन जी सकता है।

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कब से कब तक खरमास 2023
खरमास 15 मार्च 2023 से शुरू हो जाएंगे। यानी बुधवार के दिन सूर्य देव प्रात: 6 बजकर 33 मिनट पर मीन राशि में प्रवेश करेंगे। इसे मीन संक्रांति भी कहा जाता है। 15 मार्च 2023 से शुरू होने वाला खरमास 14 अप्रैल 2023 की दोपहर 2 बजकर 59 मिनट तक रहेगा।

क्यों नहीं किए जाते शुभ कार्य
खरमास में मांगलिक कार्य करने की सख्त मनाही की गई है। शास्त्रों के मुताबिक जब सूर्य का गोचर मीन राशि में होता है तब, वह अपना तेज कम कर लेते हैं और अपने गुरु बृहस्पति की सेवा में रहते हैं। वहीं तेज खोते सूर्य की वजह से गुरु ग्रह का बल भी कमजोर होता है। जबकि शुभ कार्य के लिए इन दोनों ही ग्रहों की स्थिति मजबूत होना अनिवार्य मानी गई है। यही कारण है कि खरमास की अवधि में मांगलिक या शुभ कार्य करने की मनाही है। हालांकि खरमास की इस अवधि में श्रीहरि विष्णु की पूजा, पाठ, मंत्र जाप किया जाए, तो यह बेहद शुभ फलदायी माना गया है।

खरमास की कथा
हिंदु मान्यता के अनुसार खरमास की एक धार्मिक कथा प्रचलित है। जिसके मुताबिक प्रत्यक्ष देवता सूर्य अपने सातों घोड़ों पर सवार होकर निकलते हैं, तो वह कहीं नहीं रुकते और बिना रुके ही लगातार रफ्तार से पूरे ब्रह्मांड का चक्कर लगाते रहते हैं। माना जाता है कि एक बार जब भगवान सूर्य ने चक्कर लगाते समय अपने घोड़ों को थका और प्यासा पाया तो, उन्होंने उन्हें आराम करने के लिए एक तालाब के पास ले जाकर छोड़ दिया। वहीं उनकी जगह दो खर यानि गधे को बांधकर अपना रथ खींचने लगे। घोड़ों के मुकाबले गधों को रथ खींचने में बड़ी मुश्किल हुई। और ऐसा होने से सूर्य देवता के रथ की गति धीमी हो गई।

 

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भूलकर भी न करें ये काम
– खरमास में विवाह, सगाई करना वर्जित माना गया है। मान्यता है कि यदि खरमास की इस अशुभ अवधि में विवाह आदि कार्य किए जाते हैं तो, व्यक्ति को दांपत्य जीवन में कई तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।
– माना जाता है कि इस दौरान किए गए रिश्ते भावनात्मक और शारीरिक सुख से वंचित रहते हैं।
– मुंडन, जनेऊ संस्कार और कान छेदन भी खरमास में वर्जित माना गया है। मान जाता है कि ऐसा करने से व्यक्ति पर नेगेटिव इफेक्ट पड़ता है।
– खरमास की इस अवधि में नए घर में प्रवेश से बचना चाहिए। माना जाता है कि इससे दोष लगता है और परिवार में अशांति पसरी रहती है।
– खरमास की इस अशुभ अवधि में कोई भी नए काम जैसे बिजनेस आदि की शुरुआत भी नहीं करनी चाहिए। यदि फिर भी कोई नया काम किया जाए, तो इन कार्यों में संघर्ष तो बढ़ता ही है, वहीं सफलता मिलना भी मुश्किल होता है। इसके साथ ही आर्थिक स्तर पर भी हानि उठानी पड़ती है।

जरूर करें ये काम
– खरमास में सूर्य देवता पूजा-अर्चना अत्यंत शुभ और फलदायी मानी गई है।
– इसीलिए खरमास में हर दिन सुबह सूर्योदय से पहले स्नान-ध्यान करके उगते हुए सूर्य देव को तांबे के लोटे से अघ्र्य देना चाहिए।
– खरमास में अपनी पूजा में सूर्य की शुभता पाने के लिए आदित्य हृदय स्रोत और भगवान श्री विष्णु की कृपा पाने के लिए श्री विष्णु सहस्रनाम पाठ जरूर करना चाहिए।
– खरमास में अपने पिता, गुरु और गोमाता की सेवा करने से सौभाग्य में वृद्धि होती है।
– खरमास में प्रतिदिन तुलसी जी की सेवा और पूजा-पाठ करना चाहिए।
– खरमास में भगवान सूर्य और गुरु ग्रह के मंत्रों का अधिक से अधिक बार जप करना चाहिए।

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