scriptखुशखबरी: SBI ने ब्याज दरों में की कटौती, आज से लोन लेना हुआ सस्ता | State Bank of India cuts MCLR rates by 5 bps | Patrika News

खुशखबरी: SBI ने ब्याज दरों में की कटौती, आज से लोन लेना हुआ सस्ता

Published: Jul 10, 2019 10:50:11 am

Submitted by:

Shivani Sharma

SBI ने अपने MCLR रेट में कटौती कर दी है
बैंक की इस कटौती से अब लोन लेना सस्ता हो जाएगा
मंगलवार से नई ब्याज दरें लागू हो गई है

sBI

खुशखबरी: SBI ने ब्याज दरों में की कटौती, आज से लोन लेना हुआ सस्ता

नई दिल्ली। देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक भारतीय स्टेट बैंक ( state bank of india ) ने ब्याज दरों में कटौती कर दी है। अब से स्टेट बैंक के ग्राहकों को लोन लेने के लिए पहेल की तुलना में कम ब्याज देना होगा। एसबीआई ( SBI ) ने अपनी सभी अवधियों के कर्ज के लिए MCRL में 0.05 फीसदी की कटौती की है। इसके चलते SBI में अब 1 साल की MCLR 8.45 फीसदी से घटकर 8.40 फीसदी सालाना पर आ गई है।


होम लोन और ऑटो लोन लेना हुआ सस्ता

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के इस फैसले से होम लोन और ऑटो लोन लेना सस्ता हो गया है। इसका सीधा फायदा ग्राहकों को मिलेगा। एसबीआई ने ब्याज दरों में ऐसे समय में कटौती की है, जब रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने रेपो दर में कटौती का लाभ ग्राहकों तक तेजी से पहुंचने को कहा है।


ये भी पढ़ें: Deutsche Bank ने 18,000 कर्मचारियों की करी छंटनी, भारत के भी कई कर्मचारी शामिल


10 जुलाई से लागू होंगी नई दरें

आपको बता दें कि नई MCLR की दरें आज यानी 10 जुलाई 2019 से लागू हो गई हैं। मौजूदा वित्त वर्ष में बैंक ने तीसरी बार ब्याज दरों में कटौती की है। इसके अलावा देश के कई और बैंकों ने भी ब्याज दरों में कटौती की है। मौद्रिक नीति की जून में हुई समीक्षा के बाद रेपो दर में 0.25 फीसदी की कटौती रिजर्व बैं के द्वारा की गई थी। मौद्रिक नीति समिति की अगली बैठक 5 से 9 अगस्त के बीच होगी।


क्या होता है MCLR रेट

बता दें कि बैंकों के लिए लेंडिंग इंटरेस्ट रेट तय करने के लिए एक फॉर्मूला बनाया गया है, जिसे मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड लेंडिंग रेट यानी एमसीएलआर कहा जाता है। आरबीआई ने बैंकों फॉर्मूला बनाया है जो कि उनके फंड के मार्जिनल कॉस्ट पर आधारित है। इस फॉर्मूले की वजह से ग्राहकों को कम ब्याज दरों का फायदा मिलता है। साथ ही, इससे बैंकों द्वारा ब्याज दरें तय करने में पारदर्शिता भी रहती है।


ये भी पढ़ें: बजट में 1.7 लाख करोड़ रुपये का ‘गड़बड़झाला’, आखिर क्या छिपाना चाहती हैं वित्त मंत्री


ब्याज दरों में होती है कटौती

जब भी बैंक एमसीएलआर रेट में कटौती करता है तो उसका सीधा असर बैंक के ग्राहकों पर पड़ता है। बैंक जब ब्याज दरें कम करता है तो उससे ग्राहकों को लोन लेना काफी सस्ता हो जाता है और अगर वहीं ब्याज दरों को बढ़ाया जाता है तो लोन लेना महंगा हो जाता है। आपको बता दें कि लोन लेने वालों के अलावा उन ग्राहकों पर पड़ता है, जिन्होंने अप्रैल 2016 के बाद लोन लिया हो। दरअसल अप्रैल 2016 से पहले रिजर्व बैंक द्वारा लोन देने के लिए तय मिनिमम रेट बेस रेट कहलाती थी। यानी बैंक इससे कम दर पर कस्टमर्स को लोन नहीं दे सकते थे।

Business जगत से जुड़ी Hindi News के अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Facebook पर Like करें, Follow करें Twitter पर और पाएं बाजार,फाइनेंस,इंडस्‍ट्री,अर्थव्‍यवस्‍था,कॉर्पोरेट,म्‍युचुअल फंड के हर अपडेट के लिए Download करें patrika Hindi News App

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो