scriptVIDEO इस परियोजना को है मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का इंतजार, सुहागनगरी में समाप्त होने वाली है ये परेशानी | Yogi Adityanath to launch Jadejal project | Patrika News

VIDEO इस परियोजना को है मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का इंतजार, सुहागनगरी में समाप्त होने वाली है ये परेशानी

locationफिरोजाबादPublished: Aug 27, 2018 10:19:13 am

— करीब पांच सौ करोड़ की लागत से तैयार हो रही जेड़ाझाल परियोजना।

Jeda jhal

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फिरोजाबाद। तत्कालीन सपा सरकार में करीब पांच साल पहले शुरू हुई जेड़ा झाल परियोजना को अब भाजपा के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का इंतजार है। माना जा रहा है कि योगी आदित्यनाथ के शुभारंभ करने के बाद ही इस गंगाजल को सुहागनगरी वासियों के बीच पहुंचाया जाएगा। यह परियोजना लगभग तैयार हो चुकी है।
एका ब्लाक से निकली है गंगा नहर
परियोजना के अन्तर्गत जसराना नवीन नहर परियोजना के विषय में जानकारी देते हुए शहर विधायक मनीष असीजा ने बताया कि जसराना नवीन नहर परियोजना फिरोजाबाद के तहसील जसराना के ब्लॉक एका में निचली गंगा नहर की दाई पटरी से निकलती है। इसमें 200 क्यूसेक पानी की आपूर्ति की जाएगी। इसमें से 150 क्यूसेक पानी सिंचाई हेतु एवं 50 क्यूसेक पानी जसराना फीडर के किमी 25.260 से नगर निगम फिरोजाबाद के माध्यम से पीने का पानी उपलब्ध कराया जाएगा।
65 किलोमीटर लंबी है परियोजना
जसराना नवीन नहर प्रणाली की कुल लम्बाई लगभग 65 किमी है। परियोजना का कार्य लगभग 97 प्रतिशत पूर्ण हो चुका है। जसराना फीडर नहर एवं माइनरों पर प्रस्तावित 76 पक्के कार्यों में से 75 पक्के कार्य पूर्ण किए जा चुके है। जसराना फीडर नहर के शून्य किमी से 36 किमी तक नहर निर्माण कार्य पूर्ण किया जा चुका है और शून्य किमी से 28 किमी तक लाइनिंग का कार्य भी पूर्ण किया जा चुका है। जसराना फीडर नहर से निकलने वाली शेखूपुर हाथवन्त माइनर के हेड से 10 किमी तक जुलाहा माइनर के हेड से कुल 5.4 किमी, प्रतापपुर जखारा माइनर के हेड से 5.7 तक एवं फरीदा बरौली माइनर हेड से सात किमी नहर निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है। जिलाधिकारी ने प्रत्येक दशा में अवशेष कार्य 15 मई तक पूर्ण करके ट्रायल के रूप में पानी छोड़ने का निर्देश दिया।
2013 में शुरू हुई थी योजना
जसराना तहसील क्षेत्र के बड़े हिस्से को सिंचाई की सुविधा और नगरीय क्षेत्र को पीने का मीठा पानी मुहैया कराने के लिए जसराना नवीन नहर परियोजना का शिलान्यास मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने किया था। उस वक्त किसानों के विरोध के चलते काम शुरू नहीं हो पाया था। बाद में किसानों से बातचीत करने के बाद इसका हल निकल आया। इस परियोजना का कार्य आंध्र प्रदेश की निर्माण कंपनी आवंतिका को दिया है। इस कार्य को वर्ष 2014 तक पूर्ण करने का आदेश था लेकिन काम पूरा नहीं हो सका। शहर की करीब सवा छह लाख आबादी की प्यास इस नहर से बुझ सकेगी। सिंचाई विभाग के द्वारा जल निगम को दिए गए गंगाजल का शुद्धीकरण कर पाइप लाइन के माध्यम से शहर में जलापूर्ति करने की योजना तैयार की गई है।

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