
पत्रिका न्यूज नेटवर्क
गाजियाबाद. कोरोना काल में लोगों को इलाज से लेकर श्मशान घाट (Crematorium) तक अंतिम संस्कार के लिए तमाम परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। गाजियाबाद (Ghaziabad) के हिंडन स्थित श्मशान घाट पर हालात इतने खराब हैं कि घंटों इंतजार के बाद शवों के दाह संस्कार कर नंबर आ रहा है। लोगों की इसी समस्या को देखते हुए एक शख्स ने पहल करते हुए अपनी 1500 गज पुश्तैनी जमीन ही श्मशान घाट बनाने के लिए नगर निगम (Ghaziabad Municipal Corporation) को दान कर दी है।
गाजियाबाद के साहिबाबाद इलाके के गांव करहेड़ा के रहने वाले सुशील निर्वाण ने बताया कि कोविड-19 (Covid 19) संक्रमण बड़ी संख्या में लोगों को अपनी गिरफ्त में ले रहा है और न जाने कितने लोगों की इसके कारण जान भी जा रही है, जिसके बाद से एकाएक गाजियाबाद हिंडन नदी पर स्थित मोक्ष स्थली पर अंतिम संस्कार वाले शवों की लंबी कतार लगी हुई है और मृतकों के परिजनों को बेहद परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। लोगों को 10 से 12 घंटे का इंतजार करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि इस संक्रमण से ग्रसित होने के बाद पहले लोग अस्पतालों के चक्कर काटने को मजबूर होते हैं और यदि उन मरीजों की मौत हो जाए तो अंतिम संस्कार के लिए भी भटकना पड़ता है या समय से उनका अंतिम संस्कार नहीं हो पाता है।
सुशील ने बताया कि लोगों के इस दर्द को देखता हुआ तो मुझे भी पीड़ा होती है। इसी को ध्यान में रखते हुए मैंने फैसला लिया है कि अपने हिस्से में मकान बनाने के लिए मिली पारिवारिक भूमि पर श्मशान बनेगा तो कुछ हद लोगों की समस्या दूर हो सकती है। इसलिए मैंने नूर नगर इलाके में अपनी 1500 गज जमीन का परिजनों से बात कर नगर निगम को श्मशान घाट बनाने के लिए दान कर दिया है। उन्होंने कहा कि इस फैसले के बाद उन्हें व उनके परिवार को आत्मिक शांति मिली है। सुशील निर्वाण ने कहा कि यह बेहद कठिन दौर है। इस कठिन दौर में आम लोगों को भी सरकार के ऊपर ही सब कुछ नहीं छोड़ना चाहिए, बल्कि सभी लोगों को इस दौर में जो जिस लायक है, उसे पूरा सहयोग करना चाहिए।
Published on:
03 May 2021 04:50 pm
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