
पत्रिका न्यूज नेटवर्क
गाजियाबाद. गाजीपुर बॉर्डर पर धरनारत किसानों ने रविवार रात कैंडल मार्च निकालकर नए कृषि कानूनों के खिलाफ अपना विरोध जताया। इस दौरान मौजूद किसानों ने कहा कि जहां एक तरफ सरकार किसानों को देश की रीढ़ की हड्डी कहती है, वहीं दूसरी तरफ किसानों की बात पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। जब से कानून बना है अभी तक न जाने कितने किसानों की जान जा चुकी है। सरकार को जल्द से जल्द किसानों की मांग को मानते हुए यह काले कानून वापस लेने चाहिएं।
उल्लेखनीय है कि करीब 80 दिन से कृषि कानून की वापसी की मांग को लेकर बड़ी संख्या में किसान गाजियाबाद के गाजीपुर बॉर्डर पर धरने पर बैठे हुए हैं। इन किसानों का कहना है कि कृषि कानूनों की वापसी नहीं तो घर वापसी नहीं। वहीं, दूसरी तरफ सरकार ने भी साफ कर दिया है कि कृषि कानूनों में केवल बदलाव किया जा सकता है। ये कानून वापस नहीं होंगे। बता दें कि यूपी गेट पर धरनारत किसान अलग-अलग तरह से सरकार के खिलाफ अपना रोष जता रहे हैं। किसान रोजाना आंंदोलन की एक नई रणनीति तैयार करने में लगे हुए हैं। रविवार को भी बड़ी संख्या में धरना स्थल पर किसान दिखाई दिए। इनके बीच विपक्षी पार्टियों के कार्यकर्ता भी मौजूद रहे, जिन्होंने किसानों के साथ मिलकर रविवार की रात कैंडल मार्च निकालकर विरोध प्रकट किया। इस दौरान तमाम किसान बेहद गुस्से में नजर आए।
Published on:
15 Feb 2021 09:59 am
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