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international Women Day 2018: स्लम के बच्चों को बैंक मैनेजर तरुणा ने दी हौसलों की नई उड़ान

गाजियाबाद की बैंक मैनेजर तरुणा अपने दोस्तों संग 1752 बच्चों में जगा रही शिक्षा की अलख

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Ghaziabad

वैभव शर्मा/गाजियाबाद. दुनियाभर में आठ मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में मनाया जाता है और इस दिन दुनियाभर की उन महिलाओं को याद किया जाता है, जिन्होंने समाज को अपना योगदान दिया है। वहीं पत्रिका आपको ऐसी ही एक महिला के बारे में बता रहा है जो स्लम में रहने वाले बच्चों के भविष्य को उज्जवल करने का काम कर रही हैं। दरअसल, हमारे समाज को बदलने में शिक्षा का अहम रोल है। सरकार की तरफ से सर्व शिक्षा जैसे अभियान चलाए जाने के बाद भी आज तक देश के स्लम के बच्चों का जुड़ाव शिक्षा के साथ पूरा नहीं हो पाता। लेकिन, गाजियाबाद की एक बैंक मैनेजर ऐसी भी हैं जो इन बच्चों को बेहतर शिक्षा देने का काम कर रही है।

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शहर में 4 जगह देते है एजुकेशन

खुद गरीबी के माहौल में पढ़कर बैंक मैनेजर बनी तरुणा विधेय वर्तमान में 1753 बच्चों को पढ़ाकर मिसाल पेश कर रही हैं। तरुणा ने अपने बैचमेट और रेलवे इंजीनियर दोस्त सुशील मीणा के साथ मिलकर निर्भेद फाउंडेशन बनाया है। अब ये फाउंडेशन ट्रांस हिण्डन समेत प्रताप विहार में 4 जगह बच्चों को निःशुल्क शिक्षा दे रहा है।

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तरुणा विधेय मेरठ की रहने वाली हैं और उनके पिता रजाई-गद्दे का व्यवसाय करते हैं। तीन भाई-बहन में तरुणा सबसे छोटी हैं और वह बचपन से ही पढ़ने में काफी तेज थी। तरुणा का बताती हैं कि उनके पापा की छोटी सी दुकान थी। हम तीन भाई बहन की पढ़ाई का खर्च निकाल पाना काफी मुश्किल होता था, लेकिन किसी तरह से पिताजी ने हम तीनों भाई-बहन को पढ़ाया। लिमिटेड इनकम में तीन बच्चों की पढ़ाई का खर्च और परिवार को चलाना पापा के लिए किसी संघर्ष से कम नहीं था। इसी से मुझे आगे बढ़ने की प्रेरणा मिली।

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मदद में नहीं लेते किसी से कैश

तरुणा के मुताबिक उनकी पहल को काफी लोगों से सराहना मिली है। अब उनके कई इंजीनियरिंग और अन्य प्रोफशनल दोस्त उनकी मुहिम में शामिल हुए हैं। सभी मिलकर बच्चों को खाने की व्यवस्था करते हैं और उनके द्वारा बनाया गया निर्भेद फाउंडेशन किसी भी मददगार से रुपए नहीं लेता, बल्कि बच्चों के लिए समान मसलन खाना और किताब सामग्री ले लेता है।


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