
गाजियाबाद। लॉकडाउन (Lockdown) के बाद जब 4 मई (May) से शराब के ठेके खुले थे दुकानों के बाहर लाइनें लग गई थीं। पुलिस (Police) को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराने में काफी मशक्कत करानी पड़ रही थी। लॉकडाउन तो जारी है लेकिन अब आलम यह है कि ठेकों के बाहर की लाइन गायब हो चुकी हैं। बताया जा रहा है कि पूरे प्रदेश (Uttar Pradesh) में शराब की बिक्री में गिरावट दर्ज की गई है। गाजियाबाद (Ghaziabad) में ही 50 फीसदी की गिरावट बताई जा रही है।
दुकानों के गिराने पड़े थे शटर
लॉकडाउन के 41 दिन बाद 4 मई को प्रदेश में कई जगह ठेके खुल गए थे। गाजियाबाद में 5 मई से शराब के ठेके खुले थे। उस समय दुकानों के बाहर लंबी लाइने लगी थीं। शराब की जोरदार बिक्री हुई थी। शुरुआत दो दिन में ही करीब साढ़े करोड़ (Crore) रुपये की शराब व बीयर बिक गई थी। हालत यह हो गई थी कि कई जगह स्टॉक खत्म होने पर ठेकों के शटर गिराने पड़े थे। इसके बाद शराब व बीयर के दाम बढ़ा दिए। 11 मई से राज्य में बढ़े हुए दामों पर शराब बिकनी शुरू हो गई थी। अब हालत यह है कि ठेकों के बाहर से भीड़ गायब हो चुकी है। गाजियाबाद में ही शराब की बिक्री 50 फीसदी से अधिक गिर चुकी है। ठेकेदारों का भी कहना है कि अब भीड़ नहीं होती है। अब लोगों की संख्या बहुत कम हो गई है।
यह है वजह
बताया जा रहा है कि मजदूर वर्ग सबसे ज्यादा देसी शराब के ठेकों पर नजर आता था। जिले के अधिकतर मजदूर पलायन कर चुके हैं। इस वजह से देसी के ठेके लगभग सूने हो चुके हैं। इसके अलावा लोगों के सामने रोजगार की समस्या आ खड़ी हुई है। कई लोगों को सैलरी भी कम मिल रही है। इसका असर उनकी खरीदारी पर पड़ा है। इससे अंग्रेजी शराब के ग्राहक भी कम हो गए हैं। जिला आबकारी अधिकारी (District Excise Officer) मुबारक अली ने इसके पीछे पलायन को मुख्य कारण बताया। उन्होंने कहा कि अब शराब की बिक्री कम हो गई है। दरअसल, लोगों की परचेजिंग पॉवर कम हो गई है। साथ ही कई लोग शहर से पलायन कर चुके हैं। उम्मीद है कि स्थिति सामान्य होने के बाद ही बिक्री बढ़ सकती है।
Updated on:
22 May 2020 04:30 pm
Published on:
22 May 2020 04:28 pm
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