scriptकाले हिरण और मोर से भरे हैं यहां के जंगल, शिकारी ने 9 तो पुलिस ने किए थे 10 फायर | forests here are full of black deer and peacocks | Patrika News

काले हिरण और मोर से भरे हैं यहां के जंगल, शिकारी ने 9 तो पुलिस ने किए थे 10 फायर

locationगुनाPublished: May 18, 2022 10:44:25 am

Submitted by:

Subodh Tripathi

जिले के जंगलों में काले हिरण और मोर की भरमार है, यहां से आवाजाही करने वाले लोगों यकायक काले हिरण और मोर नजर आते हैं, मोर की मधुर आवाज लोगों को आनंदित करती है.

काले हिरण और मोर से भरे हैं यहां के जंगल, शिकारी ने 9 तो पुलिस ने किए थे 10 फायर

काले हिरण और मोर से भरे हैं यहां के जंगल, शिकारी ने 9 तो पुलिस ने किए थे 10 फायर

गुना. जिले के जंगलों में काले हिरण और मोर की भरमार है, यहां से आवाजाही करने वाले लोगों यकायक काले हिरण और मोर नजर आते हैं, मोर की मधुर आवाज लोगों को आनंदित करती है, लेकिन इन पर अब शिकारियों की नजर लग चुकी है, यही कारण है कि इस क्षेत्र में आए दिन शिकार के मामले सामने आने लगे हैं, काले हिरण और मोर के शिकार के बाद हुई मुठभेड़ में शिकारी ने करीब 9 फायर किए थे, वहीं पुलिस द्वारा 10 फायर किए गए थे, पुलिस के पास जब गोलियां खत्म हो गई थी, तो शिकारियों ने उन पर धावा बोल दिया था। इस मामले में पुलिस ने अब तक तीन शिकारियों को मार गिराया है।

यहां के जंगलों में है हिरण और मोर
वन विभाग हर साल प्राणियों की गणना करता है। गुना जिले में राघौगढ़, आरोन, चांचौड़ा रेंज में जंगली जानवरों की भरमार है। काले हिरण जंगल में कम खेतों के पास अधिकतर संख्या में रहते हैं। जिले में काले हिरणों की संख्या दस से 15 हजार के करीब है। इनको गढ़ला गिर्द, बरखेड़ा, सतनपुर, टकटैया, चुराई, पिपरौदा, भौंरी, माहौर, गेहंूखेड़ा जैसे कई गांव हैं, जहां सबसे ज्यादातर काले हिरण देखे जा सकते हैं। वन विभाग के अनुसार दो हजार से अधिक मोर अलग-अलग रेंज में हैं। बड़ी संख्या में मोर भी तस्करों के हाथों शिकार हो रही हैं। हिरण, मोर और नील गाय का मांस आरोपियों और उनके साथी गुना और आसपास जिलों के साथ साथ राजस्थान में भी दो सौ से तीन सौ रुपए प्रति किलो के हिसाब से बेचते हैं।

यह भी पढ़ें : केंद्रीय मंत्री की गाड़ी के सामने लेटे थे घरवालें, नवविवाहिता बोली-उसी से करूंगी शादी, जिससे किया है प्यार

लाइसेंसी बंदूक से चलाई थीं गोलियां
मुठभेड़ में मुख्य आरोपी शहजाद ने पुलिस टीम पर 8 से 9 फायर किए थे। बताया जा रहा है कि उसने लायसेंसी बंदूक से गोलियां चलाई थी। इसके बाद रात में शहजाद का भी एनकाउंटर कर दिया गया। 18 वीं बटालियन समेत 10 थानों का पुलिस बल कार्रवाई में लगा रहा। पुलिस को घटनास्थल पर 12 बोर के 8 चले हुए कारतूत के खोखे मिले हैं। वहीं, एक जिंदा कारतूस भी मिला है। यह आरोपियों द्वारा चलाए गए थे। सब इंस्पेक्टर राजकुमार जाटव ने अपनी सर्विस रिवाल्वर से 10 गोलियां चलाई थीं, जब उनके पास गोलियां नहीं बचीं, तो शिकारियों ने उन पर धावा बोल दिया था।


काले हिरण के शिकार के आरोप में
आठ माह जेल में रह चुका है विक्की

तीन पुलिस कर्मियों की गोली मारकर हत्या करने वाले आरोपी विक्की पर पूर्व में वन विभाग में शिकार करने के आरोप में एक मामला दर्ज है, जिसमें उसको आठ माह की जेल भुगतना पड़ी थी। विक्की विदोरिया गांव का रहने वाला है। डीएफओ के अनुसार विदौरिया गांव के लोग शिकार में संलिप्त रहे हैं। पिछले वर्ष विभाग ने छह शिकार के केस कोर्ट में भेजे थे, जिनमें से विक्की और उसके साथी पर वन्य प्राणी अधिनियम समेत अन्य धाराओं में मामला दर्ज हुआ, इसके बाद वह आठ माह जेल में रहा। राघौगढ़ के कुछ शिकारियों पर मामले पूर्व में भी दर्ज किए गए हैं।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो