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हरियाणा के शिक्षा मंत्री रामविलास शर्मा को सौंपी गई कला-संस्कृति विभाग की कमान

locationगुडगाँवPublished: Aug 10, 2018 07:13:44 pm

शिक्षा मंत्री की जिम्मेदारी के चलते शर्मा ने गीता को शिक्षा पाठ्यक्रम में शामिल करवाया। अब प्रतिवर्ष सभी जिलों में तीन दिवसीय गीता दिवस मनाया जा रहा है…

हरियाणा के शिक्षा मंत्री प्रो. रामबिलास शर्मा

हरियाणा के शिक्षा मंत्री प्रो. रामबिलास शर्मा

(चण्डीगढ़): हरियाणा के शिक्षा मंत्री प्रो. रामबिलास शर्मा को शिक्षा विभाग की अहम जिम्मेदारी के साथ कला एवं संस्कृति विभाग भी सौंपा गया है। वर्ष 2014 में हरियाणा में सरकार के गठन के साथ ही महेंद्रगढ़ से विधायक प्रो. रामबिलास शर्मा को शिक्षा विभाग समेत सात विभागों का कार्यभार सौंपा गया था। शर्मा की कार्यक्षमता को देखते हुए उन्हें अब शिक्षा के साथ-साथ कला और संस्कृति विभाग की भी जिम्मेवारी भी सौंपी गई है।

 

शिक्षा मंत्री की जिम्मेदारी के चलते शर्मा ने गीता को शिक्षा पाठ्यक्रम में शामिल करवाया। अब प्रतिवर्ष सभी जिलों में तीन दिवसीय गीता दिवस मनाया जा रहा है। शिक्षकों के लिए ऑन लाइन स्थानांन्तरण नीति बनाई और उस पर प्रभावी अमल किया गया। शिक्षा मंत्री ने प्रदेश में नए राजकीय महाविद्यालय खोलने, स्वच्छता अभियान, योग व सडक़ सुरक्षा को स्कूली पाठयक्रमों में शामिल करवाया।


स्कूलों में ढांचागत सुधार किये गए, 990 राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में 14 व्यावसायिक ट्रेडस शुरू किए गए। इन विद्यालयों में 81747 विद्यार्थी मौलिक एवं व्यावसायिक शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। मेक-इन हरियाणा-मेक इन-इंडिया अभियान के लिए व्यावासायिक शिक्षा शुरू की गई। डा. मंगल सिंह के बहुआयामी व्यक्तित्व पर शोध करने तथा उनकी विचाराधारा को बढ़ाने के लिए महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय रेाहतक में एक पीठ स्थापित की गई। हरियाणा कौशल विकास मिशन गठित किया गया। एकीकृत कौशल विकास योजना लागू की गइ। कुल 7626 युवाओं को प्रशिक्षण दिया। कुल 13 नए राजकीय व 125 नए निजी आईटीआई शुरू किए गए, राजकीय आईटीआई में 18 नए कोर्स शुरू किए गए, 1053 नई टे्रड यूनिट व 16848 अतिरिक्त सीटें उपलब्ध करवाई गई।

 

राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में स्टार्टअप इंक्यूबेटर कम सेंटर आफ एक्सीलेंस शुरू किया गया। हाल ही में शिक्षा बोर्ड में ऑन लाइन माक्र्स पंचिंग प्रणाली शुरू की गई। सूर्य कवि लख्मीचंद यूनिवर्सिटी को मंजूरी दिलाई। छात्राओं की समस्या को देखते हुए प्रत्येक 20 किलोमीटर की दूरी पर कन्या महाविद्यालय खोलने की घोषणा की गई। इस योजना के तहत अधिकतर कॉलेज खुल गए है। शिक्षा बोर्ड में ऑन लाइन वैरिफकेशन, डिजीटल लॉकर व्यवस्था शुरू की गई ताकि विद्यार्थियों को बोर्ड कैंपस के चक्कर नहीं लगाने पड़े।

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