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न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल ने छात्र नवल सिंह कुशवाह द्वारा एडवोकेट केके श्रीवास्तव के माध्यम से प्रस्तुत याचिका पर सुनवाई करते हुए प्रमुख सचिव मध्यप्रदेश शासन, यूनिक आईडेंटिफिकेशन अथॉरिटी के संचालक तथा क्षेत्रीय अधिकारी प्रोजेक्ट उदय को नोटिस जारी किए हैं। अधिवक्ता कृष्णकांत श्रीवास्तव ने बताया कि एमएससी कंप्यूटर साइंस नवल सिंह कुशवाह द्वारा सबसे पहले वर्ष 2011 में आधार कार्ड बनवाने के लिए आवेदन किया था।
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इसके बाद जब दो साल तक उसे आधार नंबर नहीं मिला तो उसने फिर इसके लिए प्रयास किए। उसने वर्ष 2015, 2016 तथा इस साल फिर प्रयास किए लेकिन उसे आधार कार्ड नंबर नहीं मिल सका। याचिका में कहा गया कि उन्हें बैंक द्वारा लगातार मैसेज दिए जा रहे हैं कि ३१ दिसंबर तक बैंक खाते को आधार से लिंक नहीं कराया तो उनका बैंक खाता बंद कर दिया जाएगा। एेसे ही मैसेज मोबाइल कंपनी से फोन बंद करने के भी आ रहे हैं।
अन्य पहचान पत्र से हो जाता था काम
छात्र नवल सिंह का कहना था कि अभी तक तो फॉर्म अन्य पहचान पत्रों के आधार पर भरे जा रहे थे, लेकिन इस बार व्यापमं द्वारा आधार अनिवार्य कर दिए जाने से वह पटवारी का फार्म भी नहीं भर पाया है। छात्र का कहना है कि आधार इतना महत्वपूर्ण हो गया है कि वह बिना आधार कार्ड के कुछ नहीं कर सकेगा।