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ऐसी स्थिति में अंतिम संस्कार के बाद शादी नहीं हो सकती थी,इसलिए शाम को दूल्हा-दुल्हन को अचलेश्वर मंदिर में ले जाया गया,जहां गमगीन माहौल में शादी की रस्में पूरी हुईं। दुल्हन की विदाई के बाद दोनों परिवार के लोग दूल्हे के ताऊ का अंतिम संस्कार करने पहुंचे।
ऐसी स्थिति में अंतिम संस्कार के बाद शादी नहीं हो सकती थी,इसलिए शाम को दूल्हा-दुल्हन को अचलेश्वर मंदिर में ले जाया गया,जहां गमगीन माहौल में शादी की रस्में पूरी हुईं। दुल्हन की विदाई के बाद दोनों परिवार के लोग दूल्हे के ताऊ का अंतिम संस्कार करने पहुंचे।
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दोनों परिवार में था शादी का माहौल
ललितपुर निवासी नेहा गुप्ता की शादी दही मंडी निवासी ब्रजेश पुत्र बिटï्ठल नाहर से मंगलवार को होनी थी। वधु पक्ष के लोग रिश्तेदारों से सहित ग्वालियर आ गए थे। दोनों परिवार में शादी का माहौल था। इसी बीच दोपहर में ब्रजेश के ताऊ व्यापारी बल्लभदास की तबीयत खराब हो गई। चिकित्सकों ने हालात गंभीर बताई। इस पर उन्हें उपचार के लिए दिल्ली ले जाया जा रहा था, लेकिन रास्ते में उनकी मौत हो गई। इसकी खबर मिलते ही शादी की खुशियां मातम में बदल गईं। वर और वधू के परिवार के लोग शोक में डूब गए।
दोनों परिवार में था शादी का माहौल
ललितपुर निवासी नेहा गुप्ता की शादी दही मंडी निवासी ब्रजेश पुत्र बिटï्ठल नाहर से मंगलवार को होनी थी। वधु पक्ष के लोग रिश्तेदारों से सहित ग्वालियर आ गए थे। दोनों परिवार में शादी का माहौल था। इसी बीच दोपहर में ब्रजेश के ताऊ व्यापारी बल्लभदास की तबीयत खराब हो गई। चिकित्सकों ने हालात गंभीर बताई। इस पर उन्हें उपचार के लिए दिल्ली ले जाया जा रहा था, लेकिन रास्ते में उनकी मौत हो गई। इसकी खबर मिलते ही शादी की खुशियां मातम में बदल गईं। वर और वधू के परिवार के लोग शोक में डूब गए।
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परिस्थिति देखकर तत्काल की व्यवस्था
अचलेश्वर महादेव मंदिर न्यास के अध्यक्ष हरिदास अग्रवाल का कहना है कि मेरे पास परिचत का फोन आया था,उन्होंने जैसे ही परिवार की परिस्थिति के बारे में बताया और शादी कराने की बात कही, तत्काल उन्हें नटराज हॉल में व्यवस्था कराई गई।
परिस्थिति देखकर तत्काल की व्यवस्था
अचलेश्वर महादेव मंदिर न्यास के अध्यक्ष हरिदास अग्रवाल का कहना है कि मेरे पास परिचत का फोन आया था,उन्होंने जैसे ही परिवार की परिस्थिति के बारे में बताया और शादी कराने की बात कही, तत्काल उन्हें नटराज हॉल में व्यवस्था कराई गई।
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वाटिका में रात में होनी थी शादी
ऐसी परिस्थिति में शादी हो या न हो,इस पर विचार किया जाने लगा। दोनों परिवारों के लोगों ने शादी की रस्में पूरी कराने पर सहमति जताई। शादी रात में वाटिका में होनी थी,जहां तैयारियां कर ली गई थीं, लेकिन पंडितों ने शादी वाटिका में न कराकर अचलेश्वर महादेव मंदिर में कराने को कहा, जिस पर शाम करीब 4 बजे दोनों परिवारों के कुछ सदस्य अचलेश्वर महादेव मंदिर पहुंचे और मंदिर के नटराज सभागार में मंत्रोच्चार के साथ शादी की रस्में पूरी की गईं।
वाटिका में रात में होनी थी शादी
ऐसी परिस्थिति में शादी हो या न हो,इस पर विचार किया जाने लगा। दोनों परिवारों के लोगों ने शादी की रस्में पूरी कराने पर सहमति जताई। शादी रात में वाटिका में होनी थी,जहां तैयारियां कर ली गई थीं, लेकिन पंडितों ने शादी वाटिका में न कराकर अचलेश्वर महादेव मंदिर में कराने को कहा, जिस पर शाम करीब 4 बजे दोनों परिवारों के कुछ सदस्य अचलेश्वर महादेव मंदिर पहुंचे और मंदिर के नटराज सभागार में मंत्रोच्चार के साथ शादी की रस्में पूरी की गईं।