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बच्चों की सुरक्षा के लिए जरूर पढ़ें यह खबर, वरना आपके साथ भी हो सकता है ऐसा

locationग्वालियरPublished: Jul 10, 2019 03:58:42 pm

Submitted by:

monu sahu

ड्राइवर का पुलिस वेरिफिकेशन भी नहीं कराते स्कूल संचालक
स्कूल वैन चालक द्वारा छात्रा से छेड़छाड़ करने से चिंता बढ़ी

Children are still going through death road to read...education news

बच्चों की सुरक्षा के लिए जरूर पढ़ें यह खबर, वरना आपके साथ भी हो सकता है ऐसा

ग्वालियर। यदि आपका बच्चा स्कूल में पढ़ रहा है और उसे स्कूल आने-जाने के लिए आपने बस अथवा वैन लगा रखीं है तो हो सकता है आपके बच्चे के साथ कोई गलत हरकत हो जाए। ऐसे में आपको सावधान रहने की जरूरत है। क्योकि अभिभावक भरोसे के साथ अपने बच्चों को स्कूल वाहनों में भेजते हैं, लेकिन बीते सोमवार को वैन चालक द्वारा छात्रा से की गई छेड़छाड़ की घटना से यह भरोसा टूट गया है। तो आइए हम आपको बताते है क्या है नियम।
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वैन में न महिला अटेंडर, न कैमरे
परिवहन विभाग द्वारा स्कूली छात्राओं को लाने-ले जाने वाली बसों, ऑटो, वैन व अन्य वाहन में महिला अटेंडर नियुक्त करने के निर्देश दिए गए हैं। कुछ निजी स्कूलों द्वारा बसों में शिक्षिकाओं की ड्यूटी लगाई गई है, जो बच्चों के साथ बस में बैठकर जाती हैं। लेकिन छात्राओं को ले जानी वाली वैन में महिला अटेंडर नहीं होती हैं, न ही सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। इन वाहनों में अग्निशमन यंत्र के नाम पर केवल 200 ग्राम का यंत्र लगाया जा रहा है।
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ये है मामला
सोमवार को वैन चालक द्वारा छात्रा से की गई छेड़छाड़ की घटना से यह भरोसा टूट गया है। इस घटना से अभिभावकों में डर बैठ गया है, लेकिन स्कूल संचालक अब तक बच्चों की सुरक्षा के प्रति गंभीर नहीं हुए हैं।स्कूल खुलने से पहले 29 जून को परिवहन कमिश्नर ने निजी स्कूल संचालकों की बैठक में कहा था कि बच्चों की सुरक्षा की जिम्मेदारी स्कूल प्रबंधन की है, लेकिन इसका अब तक कोई असर नहीं दिखा है। न तो स्कूल वाहनों में छात्राओं के साथ महिला अटेंडर जा रही हैं, न ड्राइवरों का पुलिस वेरिफिकेशन हो रहा है। परिवहन अधिकारी भी निर्देश देकर भूल जाते हैं, यही वजह है कि कई वाहन परिवहन नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए दौड़ रहे हैं। किसी भी वैन का व्यावसायिक वाहन के रूप में पंजीयन नहीं हैं, न उनका रंग पीला है, फिर वे बच्चों को ले जा रही हैं। स्कूल वैन और ऑटो में बच्चों की सुरक्षा के लिए कैमरे और अग्निशमन यंत्र भी नहीं हैं, इसके बाद भी न तो परिवहन विभाग द्वारा और न पुलिस द्वारा इन पर सख्त कार्रवाई की जा रही है।
चालक के लिए जरूरी
स्कूल बस, वैन, ऑटो के चालक के लिए सबसे महत्वपूर्ण है कि उनका ड्राइविंग लाइसेंस 5 साल पुराना हो। उनकी उम्र 21 साल से कम और 60 साल से अधिक न हो। वाहन चलाते समय मोबाइल फोन का उपयोग पूर्णत: प्रतिबंधित है। चालक किसी प्रकार का नशे का आदी नहीं होना चाहिए।
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सिर्फ एक आवेदन
परिवहन विभाग ने वैन को स्कूली वाहन के रूप में परमिट देने के लिए तैयारी कर ली है। पिछले दिनों विभाग द्वारा वाहन का व्यावसायिक इस्तेमाल के लिए पंजीयन कराने और स्कूल वाहनों में नियमों का पालन कराने के निर्देश जारी किए गए। इसके बाद कार्रवाई शुरू हुई तो वैन संचालकों ने समय मांगा, जिसके करीब 15 दिन बाद मंगलवार को पहला आवेदन वैन संचालक की ओर से परिवहन विभाग कार्यालय में आया है।
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बच्चों को जानकारी देंगे
सहोदय ग्रुप अध्यक्ष राजेश्वरी सावंत : गुड टच और बेड टच का ज्ञान देने स्कूलों में कार्यक्रम किए जाने हैं। छात्राओं को सेल्फ डिफेंस के लिए कराते आदि का प्रशिक्षण भी दिए जाने का प्लान तैयार किया जा रहा है।

पंजीयन निरस्त करें

पेरेंट्स एसोसिएशन अध्यक्ष सुधीर सप्रा : किसी वैन का स्कूली वाहन का परमिट नहीं है। बच्चों की सुरक्षा के प्रति स्कूल संचालक लापरवाही बरत रहे हैं। आरटीओ को ऐसी वैनों का पंजीयन निरस्त कर देना चाहिए।

जीपीएस लगाने पर सहमति

स्कूल वैन एसोसिएशन अध्यक्ष उमांशकर चौरसिया : वैन चालक द्वारा निंदनीय घटना करने के बाद एसोसिएशन की बैठक हुई और परिवहन विभाग द्वारा वैन में कैमरे और जीपीएस सिस्टम लगाने पर सहमति जाहिर की गई है।

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