सीताराम के पुत्र प्रदीप की सूचना पर डायल-100 मौके पर पहुंची तो विनोद वहां से गायब हो चुका था। पुलिस विनोद के पिता को थाने लाई। सीताराम अपने बेटे प्रदीप के साथ थाने जा रहा था तभी गांव के बाहर विनोद ने अपने साथियों के साथ मिलकर फायरिंग करउसको गोली मार दी, जिससे उसकी मौत हो गई। प्रदीप ने बमुश्किल भाग कर अपनी जान बचाई। हत्या के विरोध में परिजनों ने एसपी ऑफिस के बाहर जाम लगाकर आरोपियों को तत्काल गिरफ्तार करने की मांग की है। एएसपी संजीव कंचन ने आरोपियों को तत्काल गिरफ्तार करने के निर्देश दिए हैं।
हत्या के बाद पुलिस की लापरवाही को लेकर मृतक के परिजनोंं ने भिण्ड आकर करीब एक बजे जाम लगा दिया। महिलाएं बीच रोड पर बैठ गई और आरोपियों को गिरफ्तार करने, गंाव में पुलिस गार्ड की तैनाती और सुरक्षा के लिए आम्र्स लाइसेंस दिए जाने की मांग करने लगे। मौके पर पहुंचे सीएसपी डीएस वैस ने मृतकों के परिजनों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन वह जाम खोलने के लिए तैयार नहीं हुए। इसके बाद जाम स्थल पर एएसपी संजीव कंचन पहुंचे और परिजनों तथा रिश्तेदारों को चर्चा करने ऑफिस ले गए।
एएसपी द्वारा 15 दिन में परिजनों को शस्त्र लाइसेंस दिए जाने का आश्वासन दिया तो वह जाम खोलने को तैयार हो गए। तहसीलदार रामजीलाल वर्मा भी मौके पर पहुंचकर मृतक के परिजनों को आर्थिक सहायता दिलाने का भरोसा दिलाया है। पीडि़त परिवार की महिलाओंं ने पुलिस को चेतावनी दी है कि यदि जान माल की हिफाजत नहीं की गई तो वे फिर से हाइवे पर जाम लगाने को मजबूर हो जाएंगी। उधर गंाव में एहतियात के तौर पर पुलिस गार्ड तैनात कर दिया गया है।
एएसपी संजीव कंचन से चर्चा करने के दौरान मृतक परिजनोंं ने आशंका जाहिर की हैकि आरोपी पक्ष के लोग अपने परिवार के किसी वृद्ध सदस्य की हत्या कर झूठे मामले में फंसाने की साजिश रच सकते हैं। इस प्रकार का चलन भिण्ड जिले में बहुत है। कई ऐसे मामले पुलिस के सामने आ भी चुके हैं।
रजपुरा निवासी सीताराम नरवरिया पुत्र रामेश्वर (50) ने सात दिन पहले रामजानकी मंदिर के पास सडक़ के किनारे आधा दर्जन पौधे लगा दिए थे। इसी पर गांव के विनोद सिंह नरवरिया ने आपत्ति जताई थी, क्योकि जहां पर पौधारोपण किया गया था वहीं पर विनोद का भी खेत है। शनिवार को सुबह विनोद ने पेड़ उखाड़ दिए। जिस पर दोनों पक्षों में विवाद होने लगा। इसके बाद सीताराम के बेटे प्रदीप नरवरिया ने डायल-100 को कॉल लगा दिया। पुलिस पहुंचती इससे पहले ही विनोद पुत्र इंद्रजीत सिंह (35) गायब हो गया। पुलिसकर्मियों ने दोनों पक्षों को समझाया विवाद खत्म न होने पर विनोद के पिता इंद्रजीत को गाड़ी में बैठा लिया और थाने ले जाने लगे।