अपनी सुरक्षा के लिए लिया था हथियार अब शस्त्र की सुरक्षा बनी मुसीबत, जानिए आखिर क्यों असुरक्षित हो गए हथियार
फिरौती में अपने पिता और रिटायर्ड हवलदार ससुर तीन लाख फिरौती वसूलना चाहता था। साजिश में उसका किराएदार राम मराठा शामिल था। कमल ने राम को एक हजार रुपया टोकन देकर डील की और फिरौती मिलने पर 50हजार रुपया का वादा किया। वह शिवांश को परिजन की नजर बचाकर वह शिंदे की छावनी तक ले गया वहां राम से सुरक्षित जगह ले जाने को कहा। पुलिस के मुताबिक राम ने ही कमल को कॉल कर धमकी दी थी। उसके बाद कमल ने थाने में अपहरण की कहानी सुनाई।
फिरौती में अपने पिता और रिटायर्ड हवलदार ससुर तीन लाख फिरौती वसूलना चाहता था। साजिश में उसका किराएदार राम मराठा शामिल था। कमल ने राम को एक हजार रुपया टोकन देकर डील की और फिरौती मिलने पर 50हजार रुपया का वादा किया। वह शिवांश को परिजन की नजर बचाकर वह शिंदे की छावनी तक ले गया वहां राम से सुरक्षित जगह ले जाने को कहा। पुलिस के मुताबिक राम ने ही कमल को कॉल कर धमकी दी थी। उसके बाद कमल ने थाने में अपहरण की कहानी सुनाई।
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तीन लाख रुपए ऐंठने की फिराक में था
पुलिस का कहना है कमल सट्टे के दांव लगाता रहा है, इसके लिए उसने कर्ज कर रखा है। उसका प्लान था कि शिवांश के अपहरण का नाटक करेगा तो पिता और ससुर शिवांश को बचाने के लिए पैसे का मुंह नहीं देखेंगे। चुपचाप तीन लाख रुपये का इंतजाम करेंगे। बच्चा भी उसके पास ही है तो किसी बात का डर नहीं है।
तीन लाख रुपए ऐंठने की फिराक में था
पुलिस का कहना है कमल सट्टे के दांव लगाता रहा है, इसके लिए उसने कर्ज कर रखा है। उसका प्लान था कि शिवांश के अपहरण का नाटक करेगा तो पिता और ससुर शिवांश को बचाने के लिए पैसे का मुंह नहीं देखेंगे। चुपचाप तीन लाख रुपये का इंतजाम करेंगे। बच्चा भी उसके पास ही है तो किसी बात का डर नहीं है।
ठिकाना नहीं मिलने से फेल हुआ प्लान
प्लान के मुताबिक सही ठिकाना नहीं होने पर दोनों डर गए। उधर पुलिस भी बच्चे की तलाश में अलर्ट हो गई थी तो राम ने बच्चे को बाड़े पर छोड़ दिया और दूर से उस पर नजर रखे रहा। शिवांश को बाड़ा डाकघर के पास फुटपाथ पर बैठने वाले दुकानदार पुलिस के पास ले गए तो दोनों निश्चिंत हो गए ।
प्लान के मुताबिक सही ठिकाना नहीं होने पर दोनों डर गए। उधर पुलिस भी बच्चे की तलाश में अलर्ट हो गई थी तो राम ने बच्चे को बाड़े पर छोड़ दिया और दूर से उस पर नजर रखे रहा। शिवांश को बाड़ा डाकघर के पास फुटपाथ पर बैठने वाले दुकानदार पुलिस के पास ले गए तो दोनों निश्चिंत हो गए ।
साजिश नाकाम राम को उम्मीद थी कि पुलिस और परिवार उस पर शक नहीं करेगा। लेकिन उसकी साजिश नाकाम रही। राम ने जिस नंबर से कॉल किया था उसे ट्रेस कर पुलिस ने मंगलवार को राउंडअप किया तो उसने इंट्रोगेशन में उसने शिवांश के अपहरण का खुलासा किया तो कमल को भी पकड़ा।