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ग्रामीणों के अनुसार चंबल नदी का जलस्तर शनिवार-रविवार की दरमियानी रात्रि 2 बजे से अचानक बढऩा शुरू हो गया जो रविवार की शाम चार बजे तक अटेर जैतपुर घाट पर निर्मित हो रहे बृहद पुल के अटेर की ओर से पिलर नंबर 3 एवं 4 के बीच तक पानी आ पहुँचा था। दो दिन पहले नदी में पानी निर्माणाधीन पुल के पिलर नंबर 7-8 तक ही सीमित था। करीब दो मीटर जलस्तर 5 घण्टे में बढऩे का अनुमान स्थानीय लोग लगा रहे हैं। नदी में जलस्तर बढऩे से पुलिस प्रशासन अलर्ट हो गया है।
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ये गांव होते हैं बाढ़ का शिकार
अटेर में चंबल नदी के किनारे के कछपुरा, खेराहट, नावली विन्द्रावन, अटेर, मुकट पुरा, दिन्नपुरा, कोषड़ की मडैया, नखलोली की मडैया, रमा कोट आदि गांव बहुत नीचाई पर बसे होने के कारण नदी में पानी बढऩे पर सबसे पहले बाढ़ का शिकार होते हैं तथा इन गांवों का अटेर व आसपास के अन्य गांव कस्बों से संपर्क कट जाता है। प्रशासन ने इन गांवों में भी एहतियातन हाई अलर्ट घोषित कर दिया है।
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चंबल खतरे के निशान से अभी है 11 फीट नीचे
रविवार सुबह अटेर एसडीओपी आरपी मिश्रा ने पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर चंबल नदी में बढ़ रहे जल स्तर का मौके पर जाकर मुआयना किया एवं वहां तैनात होमगार्ड के बचाव दल को आवश्यक दिशानिर्देश दिए। जल संसाधन विभाग ने हाल में नदी में बाढ़ की स्थिति होने से इनकार किया है तथा राजस्थान के कोटा बैराज से फिलहाल पानी नहीं छोड़े जाने की बात कही है। कार्यपालन यंत्री जलसंसाधन एचएस शर्मा ने बताया कि अभी जिले के उदीघाट पर चंबल खतरे के निशान (119 फीट) से 11 फीट नीचे यानी 108 फीट पर बह रही है। मुरैना में नदी खतरे के निशान (138 फीट) से 14 फीट नीचे यानी 124 फीट पर बह रही है।
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कार्यपालन यंत्री जल संसाधन संभाग एचएस शर्मा ने बताया कि शनिवार को चंबल में कोटा बैराज से 47000 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। बाढ़ जैसी स्थिति नहीं है। बारिश से पार्वती नदी में पानी बढ़ रहा है, वही पानी चंबल में आ रहा है।
एसडीओपी अटेर आरपी मिश्रा ने बताया कि चंबल नदी में बांधों से पानी छोड़े जाने की कोई सूचना नही है। नदी में जो जलस्तर बढ़ा है वह ऊपरी क्षेत्रों में हुई बारिश का प्रभाव है। फिर भी सुरक्षा की दृष्टि से होमगार्ड के जवानों को अटेर घाट पर तैनात कर दिया गया है एवं किनारे के गांवों में अलर्ट जारी करा रहे हंैं।