यहां आर्मी की बैरक में करीब १० जवानों के साथ रहता था। सोमवार रात करीब १०:३० बजे तक उसने मैस में काम किया, सुबह करीब ६ बजे सहकर्मी सोकर उठे तो उन्हें बालाराजू का शव बैरक से करीब ५० मीटर दूर खाली पड़ी बैरक के टायलेट में फांसी पर लटका मिला। बालाराजू ने रस्सी से फांसी लगाई थी।
सहकर्मियों ने बताया किचिन में डयूटी होने की वजह से बालाराजू बैरक में सबसे आखिरी में आता था। उस वक्त तक अधिकतर सहकर्मी सो चुके होते थे। रात को बालाराजू बैरक में कब आया किसी को पता नहीं है। आशंका है बालाराजू किचिन से लौटने के बाद डिप्रेस हुआ है। उसने बैरक में आकर सुसाइड नोट लिखा, फिर आधी रात के बाद फांसी लगाई है। मुरार टीआई अजय पंवार के मुताबिक सेना के जवान के सुसाइड नोट को जप्त किया गया है।उसके परिजन के आने पर कई बातें और सामने आ सकती हैं।
परिजन बोले- सामने कराएंगे पोस्टमार्टम
बालाराजू का शव फांसी पर लटका मिलने से आर्मीकैंट में खलबली मच गई, सेना के अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर पुलिस को बुलवाया। बैरक में रखे बालाराजू के सामान की तलाशी ली, इसमें एक कॉपी में सुसाइड नोट लिखा मिला। पुलिस का कहना है बालाराजू हिंदी और अंग्रेजी नहीं लिख पाता था, उसने नोट तमिल भाषा में लिखा है।
बालाराजू का शव फांसी पर लटका मिलने से आर्मीकैंट में खलबली मच गई, सेना के अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर पुलिस को बुलवाया। बैरक में रखे बालाराजू के सामान की तलाशी ली, इसमें एक कॉपी में सुसाइड नोट लिखा मिला। पुलिस का कहना है बालाराजू हिंदी और अंग्रेजी नहीं लिख पाता था, उसने नोट तमिल भाषा में लिखा है।
सेना में पदस्थ तमिल भाषा के जानकार से उसका अनुवाद कराया गया है। ट्रैडमैन बालाराजू ने इसमें लिखा है कि सेना में रसोइये की नौकरी उसे रास नहीं आ रहा है। उसे लगता है कि कुक का पद उसके लायक नहीं है। इसलिए वह दुखी है। उधर बालाराजू के परिजन ने पुलिस से फोन पर कहा है कि वह ग्वालियर के लिए रवाना हो रहे हैं, तब तक बालाराजू का शव सुरक्षित रखा जाए। उनके पहुंचने पर ही उसका पोस्टमार्टम कराया जाए।