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पिता की मौत के बाद राजनीति में उतरा ये युवा नेता,जानें अब तक का सफर

locationग्वालियरPublished: May 28, 2019 02:48:36 pm

Submitted by:

monu sahu

पिता की मौत के बाद राजनीति में उतरा ये युवा नेता,जानें अब तक का सफर

guna lok sabha seat 2019

पिता की मौत के बाद राजनीति में उतरा ये युवा नेता,जानें अब तक का सफर

ग्वालियर। लोकसभा चुनाव 2019 में मध्यप्रदेश के ग्वालियर चंबल संभाग के गुना लोकसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार ज्योतिरादित्य सिंधिया की दावेदारी काफी मजबूत दिखाई दे रही थी,लेकिन उन्हें सवा लाख वोटों से हार का सामना करना पड़ा। उनकी हार होते ही प्रदेश में खलबली मच गई है। साथ ही किसी को भी यकीन नहीं हो रहा है कि कांग्रेस के दिग्गज नेता सिंधिया को उनके ही समर्थक ने इस चुनाव में पटकनी दे दी है। ऐसे में हम आपको बता रहे हैं सिंधिया के अब तक के राजनीति सफर के बारे में। ज्योतिरादित्य सिंधिया गुना-शिवपुरी लोकसभा सीट से साल 2009 से लगातार जीतते आ रहे हैं।
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1 जनवरी 1971 को ग्वालियर के सिंधिया राजघराने माधवराव सिंधिया को पुत्र रत्न की प्राप्ती हुई। सिंधिया अभी पैतृक महल जयविलास पैलेस में रहते हैं। इस भवन की कीमत करीब दो सौ मिलियन डॉलर बताई जाती है। चार सौ कमरे वाले इस महल के 40 कमरों में म्यूजियम है। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने 2019 की लोकसभा के दौरान जो हलफनामा दिया था,उसके मुताबिक उनके पास 32 करोड़ 97 लाख 412 रुपये संपत्ति है। ज्योतिरादित्य की 1984 में बड़ौदा के गायकवाड़ घराने की प्रियदर्शिनी से शादी हुई। ङ्क्षसधिया की एक बेटा और बेटी है। ज्योतिरादित्य की एक बुआ यशोधरा राजे शिवराज कैबिनेट में मंत्री रहीं तो दूसरी बुआ वसुंधरा राजे बीजेपी से राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री रहीं हैं।
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ज्योतिरादित्य सिंधिया का राजनैतिक सफर
ज्योतिरादित्य सिंधिया के पिता माधवराव सिंधिया कांग्रेस के नौ बार रहे सांसद,दादी विजयराजे बीजेपी की कद्दावर नेता रहीं। ज्योतिरादित्य सिंधिया के पिता माधवराव सिंधिया कभी प्रदेश में सीएम पद के दावेदार भी रहे। 30 सितंबर 2001 को माधवराव सिंधिया एक जनसभा को संबोधित कर वापस आ रहे थे तभी विमान हादसे में उनकी मौत हो गई। जब पिता की मौत हुई,तब विदेश से पढ़ाई कर लौटे ज्योतिरादित्य ने राजनीति में उतरने का फैसला किया।
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2002 में पहली बार पिता की परंपरागत गुना संसदीय सीट से चुनाव जीते और 2004 के लोकसभा चुनाव में दोबारा इसी सीट से सांसद बने। इतना ही नहीं यूपीए-1 की मनमोहन सरकार में पहली बार 2007 में केंद्रीय राज्य मंत्री बने और यूपीए-2 की मनमोहन सरकार में भी 2012 में रहे केंद्रीय राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार रहे। इसके बाद 2014 देश भर में मोदी लहर में भी वह गुना लोकसभा सीट से भारी मतों से विजयी हुए। लेकिन 2019 लोकसभा चुनाव में उन्हें अपने ही समर्थक केपी यादव से भारी मतों से हार का सामना करना पड़ा। सिंधिया ने दून स्कूल के बाद अमेरिका के हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन और स्टैनफोर्ड स्कूल से की एमबीए की पढ़ाई है।
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Jyotiraditya Scindia
ज्योतिरादित्य सिंधिया की संपत्ति
ज्योतिरादित्य सिंधिया के पास करोड़ों रुपये की पैतृक संपत्ति है,जिसमें महल,कोठियों के साथ-साथ व्यक्तिगत तीन करोड़ रुपये की एफडीआर शामिल है। उनके पास एक पैतृक बीएमडब्ल्यू कार भी है। लोकसभा चुनाव में सिंधिया ने गुना-शिवपुरी संसदीय क्षेत्र से अपना नामांकन भरा और इस दौरान दिए शपथ-पत्र में सिंधिया ने खुलासा किया है कि सिंधिया के पास पैतृक संपत्ति में 40 एकड़ में फैला ग्वालियर का जय विलास पैलेस है।
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इसके अलावा महाराष्ट्र में श्रीगोंड़ा में 19 एकड़ और लिंबन गांव मे 53 एकड़ जमीन है। इसके साथ ही रानी महल,हिरनवन कोठी,रैकेट कोर्ट,शांतिनिकेतन,छोटी विश्रांति,विजय भवन,पिकनिक स्पॉट,बूट बंगला,रेलवे कैरिज घंटी घर, इलेक्ट्रिक पॉवर हाउस रोशनी घर आदि रिहायशी संपत्तियां हैं। इन संपत्तियों की बाजार कीमत करोड़ों रुपए है।

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