scriptअब विधायकों के लिए भी होंगे प्रभारी मंत्री,मुख्यमंत्री ने दिए यह निर्देश | kamal nath instructions for congress MLA | Patrika News

अब विधायकों के लिए भी होंगे प्रभारी मंत्री,मुख्यमंत्री ने दिए यह निर्देश

locationग्वालियरPublished: May 28, 2019 07:06:36 pm

Submitted by:

monu sahu

मप्र में एक मंत्री की चार विधायकों से समन्वय की जिम्मेदारी

kamal nath

kamal nath

ग्वालियर। कमलनाथ सरकार ने विधायकों की नाराजी दूर करने के लिए नया फार्मूला निकाला है। किसी भी सरकार में यह शायद अपनी तरह का पहला प्रयोग होगा। इसमें विधायकों और सरकार के बीच समन्वय स्थापित करने की कवायद प्रभावी तरीके से की जाएगी। लोकसभा चुनाव में अब तक की सबसे करारी हार के बाद सकते में आई मप्र सरकार ने रविवार को भोपाल में आयोजित बैठक के बाद यह फार्मूला अमल में लाने का निर्णय लिया है। अब मप्र सरकार के एक मंत्री पर चार विधायकों को साथ लेकर चलने जिम्मेदारी दी गई है। एक तरह से चार विधायकों के लिए एक मंत्री प्रभारी होगा।
यह भी पढ़ें

खेलो पत्रिका flash bag NaMo9 contest और जीतें आकर्षक इनाम

मंत्री का काम इन विधायकों के साथ तालमेल बैठाकर सरकार के कामकाज को प्रभावी और आसान बनाना होगा। इसकी पहल झलक मंगलवार को खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री प्रद्युम्न सिंह के साथ होने वाली बैठक में दिखने को मिला। मुरैना जिले में मुरैना विधायक रघुराज सिंह कंषाना और दिमनी से गिर्राज डंडोतिया की जिम्मेदारी खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर को दी गई है। जबकि अंबाह विधायक कमलेश जाटव से समन्वय की जिम्मेदारी तुलसी सिलावट को और सुमावली विधायक ऐंदल सिंह कंषाना से जिले के प्रभारी मंत्री लाखन सिंह यादव समन्वय बैठाएंगे।
यह भी पढ़ें

पहली बार संसद पहुंचा यह युवा,दिग्गज नेता को दी करारी शिकस्त

यह फार्मूला कितना कारगार साबित होगा यह तो आने वाला समय ही बताएगा,लेकिन विधायक इसे अच्छी पहल मान रहे हैं। सूत्रों के अनुसार लोकसभा चुनाव के बाद रविवार को आयोजित पहली बैठक में तमाम विधायकों ने मंत्रियों और अफसरों पर उनकी उपेक्षा करने के आरोप लगाए। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की हार का एक कारण यह भी माना जा रहा है। इसलिए मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सरकार के कामकाज को प्रभावी बनाने के लिए नया फार्मूला तैयार किया है।
यह भी पढ़ें

पिता की मौत के बाद राजनीति में उतरा ये युवा नेता,जानें अब तक का सफर



विधायक कसेंगे अधिकारियों पर नकेल
कांग्रेस सरकार आने के बावजूद जिले में खास कुछ बदला हुआ सा नजर नहीं आ रहा है। यह कांग्रेस के निर्वाचित विधायक भी मान रहे हैं। चूंकि छह में से पांच विधायक पहली बार चुने गए हैं इसलिए उनके पास कोई प्रशासनिक अनुभव भी नहीं है। ऐसे में विधायक स्वयं को उपेक्षित महसूस कर रहे हैं। इस स्थिति को बदलने के लिए वे शीघ्र ही सभी विभागों में समीक्षा बैठक आयोजित करने वाले हैं। अभी जिले के ज्यादातर विधायक भोपाल में ही हैं। लौटने के बाद समीक्षा बैठकों का सिलसिला शुरू हो सकता है। इनमें जनहित के कामों को प्राथमिकता के आधार पर करने पर जोर दिया जाएगा।
यह भी पढ़ें

जन्मतिथि का कोई दस्तावेज न होने पर आधार के लिए मान्य होगा डॉक्टर का सर्टिफिकेट



“सरकार ने एक नई और अच्छी पहल की है। अब विभिन्न विधायकों का सरकार के साथ समन्वय स्थापित करने के लिए मंत्रियों को जिम्मेदारी दी गई है। एक मंत्री को चार विधायकों के साथ समन्वय बैठाने की जिम्मेदारी दी गई है।”
रघुराज सिंह कंषाना,विधायक मुरैना
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो