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कारगिल युद्ध : जब वायुसेना ने देश के इस हवाई अड्डे को ‘वॉर थियेटर’ में बदला

locationग्वालियरPublished: Jul 25, 2019 09:19:13 pm

Submitted by:

monu sahu

सन 1965, 1971 और 1999 में दोनों देशों के बीच लड़ाई हुई। इन तीनों में ही पड़ोसी देश को मुंह की खानी पड़ी

kargil vijay diwas 2019

कारगिल युद्ध : जब वायुसेना ने देश के इस हवाई अड्डे को ‘वॉर थियेटर’ में बदला

ग्वालियर। भारत और पाकिस्तान के बीच आजादी मिलने के बाद से ही तनातनी रही है। पाक हमेशा से ही अपने नापाक मंसूबों को पूरा करने के लिए भारत को उकसाता रहा है। हालांकि इसका खामियाजा पाकिस्तान को ही भुगतना पड़ा है। भारत और पाकिस्तान के बीच तीन युद्ध हुए। सन 1965, 1971 और 1999 में दोनों देशों के बीच लड़ाई हुई। इन तीनों में ही पड़ोसी देश को मुंह की खानी पड़ी। सबसे आखिर यानी 1999 में कारगिल युद्ध हुआ था। जिसमें भारत ने 527 जवानों की शहादत देकर विजय प्राप्त की थी। 26 जुलाई 1999 को ही हमारी जीत पर मुहर लगी थी।इसीलिए इस दिन यानी 26 जुलाई को पूरे भारत में विजय दिवस मनाया जाता है।

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ऐसे में आज हम आपको इस युद्ध से जुड़ी कुछ खास बातें बताने जा रहे हैं। अभी हाल ही में भारतीय वायुसेना ने कारगिल युद्ध के 20 साल पूरे होने पर ग्वालियर स्थित एयर बेस को एक थियेटर में तब्दील कर दिया गया। इस दौरान जम्मू और कश्मीर के द्रास-कारगिल क्षेत्र में टाइगर हिल हमले का एक प्रतिकात्मक चित्रण प्रस्तुत किया गया।

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ये हमला 24 जून, 1999 को टाइगर हिल पर पाकिस्तानी घुसपैठियों पर हुआ था। इस कार्यक्रम में एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ मुख्य अतिथि थे। इस दौरान भारतीय वायुसेना ने युद्ध के 20 वर्ष को मनाने के लिए एयर बेस पर कई तरह गतिविधियों की योजना बनाई है, जिसमें टाइगर हिल हमले का प्रतिकात्मक चित्रण और आपरेशन विजय में इस्तेमाल मिराज 2000 और अन्य विमानों के प्रदर्शन को शामिल किया गया था।

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इस दौरान वायुसेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा,ग्वालियर में इस कार्यक्रम के तहत कई गतिविधियों की योजना बनाई गई है। साथ ही मिराज 2000 और हमले के दौरान इस्तेमाल अन्य विमानों का प्रदर्शन भी हुआ। पांच मिराज 2000, दो मिग 21 और एक सुखोई 30 एमकेआई का भी प्रदर्शन किया गया।
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अपने प्राण देश के लिए न्यौछावर कर दिए

दुनिया में सबसे अधिक ऊंचाई पर हुई इस जंग में भारतीय वायु सेना ने अपने पराक्रम का प्रदर्शन किया था। वायुसेना के अधिकारी ने बताया कि कारगिल संघर्ष ऊंचाई की परिस्थितियों में युद्ध में वायु शक्ति के उपयोग का एक अनुकरणीय अनुभव प्रदान करता है। इस युद्ध में कई वीरों ने अपने प्राण देश के लिए न्यौछावर कर दिए। उन्होंने बताया कि इस युद्ध में भारतीय सशस्त्र बलों ने दुश्मन को उसके दुस्साहस का सबसे बड़ा सबक सिखाया था। इतना ही नहीं इस युद्ध में मिराज-2000 की काफी अहम भूमिका रही। युद्ध के दौरान वायुसेना ने ऑपरेशन विजय सागर को सेना के ऑपरेशन विजय के एक भाग के रूप में संचालित किया था।

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