scriptतालाब किनारे निकली थी शिवजी की प्रतिमा, ऐसा है इस मंदिर का इतिहास | Sawan Shiv Worship in Gupteshwar Mahadev Mandir | Patrika News

तालाब किनारे निकली थी शिवजी की प्रतिमा, ऐसा है इस मंदिर का इतिहास

locationग्वालियरPublished: Jul 30, 2019 06:42:03 pm

Submitted by:

monu sahu

मेहगांव होकर गुजरने के दौरान घने जंगलों के बीच स्थित था भटियारा तालाब

lord shiva

तालाब किनारे निकली थी शिवजी की प्रतिमा, ऐसा है इस मंदिर का इतिहास

ग्वालियर। पृथ्वीराज सिंह चौहान के मेहगांव होकर गुजरने के दौरान भटियारा तालाब किनारे बनाए जाने के लिए की गई खुदाई में शिवजी की प्रतिमा निकली थी। भटियारा ताल उन दिनों घने वन के बीच हुआ करता था। लिहाजा इसे वन खण्डेश्वर का नाम दे दिया गया। मेहगांव के वन खण्डेश्वर मंदिर के पीछे स्थित भटियारा ताल पर न केवल रक्षाबंधन के दूसरे दिन भुजरिया विसर्जित की जाती हैं बल्कि निशानेबाजी प्रतियोगिता भी आयोजित की जाती है।
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प्रतियोगिता में दूर दराज के शस्त्र लाइसेंसी हिस्सा लेने के लिए पहुंचते हैं। विजेता निशाने बाज को मंदिर समिति की ओर से नगद राशि प्रदान की जाती है। मंदिर पर प्रति सोमवार महिलाएं बड़ी संख्या में पूजा अर्चना तथा जलाभिषेक के लिए पहुंचती हैं।
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यहां बतादें कि निशानेबाजी प्रतियोगिता में मेहगांव कस्बे के अलावा आसपास के गांवों और बाहरी जिलों से भी लोग हिस्सा लेते आ रहे हैं। तालाब के बीचों बीच मटकी टांग डंडे पर रख दी जाती है जिसे फोडऩे वाले को पुरुस्कृत किया जाता है। मंदिर पर भजन कीर्तन एवं साधु संतों का जमावड़ा हर समय बना रहता है।

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