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Tramadol side effects : ये कॉमन दर्द की गोली बढ़ा सकती है हार्ट डिजीज का खतरा दोगुना : नई स्टडी का खुलासा

Tramadol heart disease study : नई मेडिकल स्टडी में खुलासा हुआ है कि ट्रामाडोल जैसी आम दर्द की गोली पुराने दर्द में बहुत कम असरदार है, लेकिन इससे दिल की बीमारियों का खतरा दोगुना हो जाता है। डॉक्टर सलाह देते हैं कि ओपिओइड दवाओं की जगह योग, फिजियोथेरैपी और ध्यान जैसे प्राकृतिक उपाय अपनाएं।

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भारत

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Manoj Vashisth

Oct 08, 2025

Tramadol side effects

Tramadol side effects : Common Painkiller Tramadol May Double Heart Disease Risk! (फोटो सोर्स: AI image@Gemini)

Tramadol side effects : कल्पना कीजिए कि आप जीवन भर एक दर्द निवारक दवा ले रहे हों और फिर आपको पता चले कि लाखों लोगों द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली दवा एक असरदार दर्द निवारक भी नहीं है। इतना ही नहीं वही दवा इस्तेमाल करने वालों में हार्ट डिजीज का खतरा भी बढ़ा देती है।

एक नया चिकित्सा विश्लेषण चिंता का विषय है: लाखों लोगों द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली एक दर्द निवारक दवा पुराने दर्द से राहत दिलाने में बहुत कम मदद कर सकती है - और इससे भी बदतर, यह हृदय संबंधी समस्याओं के खतरे को दोगुना कर सकती है। अध्ययन ट्रामाडोल पर केंद्रित था, एक प्रिस्क्रिप्शन ओपिओइड जिसे अक्सर ज्यादा असरदार विकल्पों से ज्यादा सुरक्षित माना जाता है।

परिणाम बताते हैं कि ट्रामाडोल के लाभ संदिग्ध हैं या कम से कम अनिश्चित हैं। इसके अलावा, साक्ष्य संभावित हानिकारक प्रभावों की उपस्थिति की ओर इशारा करते हैं। - डॉ. जानुस जैकबसेन, अध्ययन के प्रमुख लेखक

ट्रामाडोल के साइड इफेक्ट्स | Tramadol side effects

अध्ययन के आंकड़ों के अनुसार, ट्रामाडोल के कारण गंभीर प्रतिकूल प्रभाव हो सकते हैं, जिनमें हृदय संबंधी क्षति विशेष रूप से प्रमुख है: सीने में दर्द, हृदय रोग या हृदय गति रुकना।

हमारी जानकारी के अनुसार, यह किसी भी प्रकार के पुराने दर्द के लिए ट्रामाडोल के उपयोग की पहली व्यवस्थित समीक्षा है जिसमें प्रतिकूल प्रभावों की गहन जांच की गई है। - शोध दल

क्या कहता है नया अध्ययन | Tramadol heart disease study,

अमेरिका के रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (CDC) के मुताबिक, अमेरिका में लगभग हर 5 में से 1 आदमी यानी करीब 5 करोड़ से ज्यादा लोग लंबे समय से चल रहे दर्द (क्रॉनिक पेन) से जूझ रहे हैं। इनमें से करीब 1.7 करोड़ लोग ऐसे हैं जिनका दर्द उनके काम और रोजमर्रा की जिंदगी दोनों को प्रभावित करता है।

अब BMJ Evidence-Based Medicine में छपे एक नए शोध ने एक आम दर्द से राहत देने वाले दवा ट्रामाडोल (Tramadol) पर सवाल उठाए हैं। ये दवा कम दर्द से लेकर तेज दर्द के लिए बहुत ज्यादा लिखी जाती ह लेकिन नई रिसर्च के अनुसार इसका असर बहुत मामूली निकला है और नुकसान उम्मीद से कहीं ज्यादा हो सकते हैं।

शोधकर्ताओं का कहना है कि ट्रामाडोल का इस्तेमाल गंभीर साइड इफेक्ट्स का खतरा बढ़ा सकता है, खासकर दिल की बीमारियों (हार्ट डिजीज) का। कुछ मामलों में यह जोखिम लगभग दोगुना पाया गया।

अध्ययन करने वाली टीम ने 19 क्लीनिकल ट्रायल्स का विश्लेषण किया, जिनमें 6,500 से ज्यादा मरीज शामिल थे। ये मरीज अलग-अलग बीमारियों से जुड़े दर्द से परेशान थे जैसे ऑस्टियोआर्थराइटिस (गठिया का दर्द), नसों का दर्द, पीठ दर्द और फाइब्रोमायल्जिया।

इन ट्रायल्स में ट्रामाडोल की तुलना प्लेसीबो (यानी नकली दवा) से की गई, ताकि यह समझा जा सके कि दवा का असली असर कितना है। नतीजा ये निकला कि ट्रामाडोल से राहत तो थोड़ी मिलती है, लेकिन इसके साइड इफेक्ट्स बड़े खतरे लेकर आते हैं।

ट्रामाडोल दर्द में थोड़ी राहत तो देता है लेकिन साइड इफेक्ट्स भी

शोध में यह भी देखा गया कि ट्रामाडोल जैसी दवाओं पर निर्भरता (लत लगना) का खतरा भी मौजूद है। दुनिया भर में लाखों लोग पहले से ही ओपिओइड दवाओं पर निर्भर हैं, और ट्रामाडोल को अब तक एक सुरक्षित विकल्प माना जाता था लेकिन अब वैज्ञानिक इस पर सवाल उठा रहे हैं।

कंपनियों के मुताबिक, 1990 से 2009 तक ट्रामाडोल का इस्तेमाल दुनियाभर में बहुत तेजी से बढ़ा, और हर दिन लाखों खुराकें ली जाती थीं।

डेनमार्क में किए गए एक बड़े अध्ययन में 1998 से 2024 तक के 19 क्लीनिकल ट्रायल्स का विश्लेषण किया गया। इसमें 47 से 69 साल की उम्र के 6,500 से ज्यादा लोग शामिल थे जो गठिया, डायबिटिक नर्व पेन और पुराने पीठ दर्द जैसी बीमारियों से जूझ रहे थे।

शोध से पता चला कि ट्रामाडोल थोड़ा-बहुत दर्द कम तो करता है, लेकिन असर बहुत ज्यादा नहीं होता। वैज्ञानिकों ने इसे मामूली फायदा बताया यानी ऐसा असर जो वास्तव में मरीज की जिंदगी में बड़ा फर्क नहीं लाता।

अधिकांश अध्ययन कम समय (लगभग 12 हफ्तों) के लिए किए गए थे इसलिए यह नहीं कहा जा सकता कि ट्रामाडोल लंबे समय तक कितना सुरक्षित या असरदार है।

शोधकर्ताओं ने चेतावनी दी कि इन ट्रायल्स में कुछ पूर्वाग्रह (bias) भी हो सकते हैं, जिससे दवा के असर को जरूरत से ज्यादा अच्छा दिखाया गया हो।

कुल मिलाकर विशेषज्ञों का कहना है कि ट्रामाडोल दर्द में थोड़ी राहत तो देता है, लेकिन इसके साइड इफेक्ट्स, खासकर दिल की बीमारियों का खतरा फायदे से कहीं ज्यादा हैं।

डॉक्टरों की सलाह है कि ट्रामाडोल या अन्य ओपिओइड दवाओं का इस्तेमाल कम से कम करें, और वह भी सिर्फ डॉक्टर की देखरेख में।

इसके बजाय दर्द कम करने के लिए गैर-ओपिओइड तरीके अपनाएं जैसे फिजियोथेरैपी, एक्सरसाइज़, योग, मेडिटेशन, मालिश, एक्यूपंक्चर, और संतुलित डाइट व नींद।

डिसक्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारी केवल जागरूकता के लिए है और यह किसी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। पाठकों को सलाह दी जाती है कि वे किसी भी दवा या उपचार को अपनाने से पहले विशेषज्ञ या डॉक्टर से सलाह लें।

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