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High blood pressure: हाई बीपी से केवल दिल को नहीं इन अंगों के फेल होने का भी रहता है खतरा

High blood pressure: हाई ब्लड प्रेशर (हाइपरटेंशन) को साइलेंट किलर कहा जाता है। जानें कैसे यह दिल, किडनी, आंख, दिमाग और फेफड़ों को नुकसान पहुंचाता है और लाइफस्टाइल बदलाव से इसे कंट्रोल करने के आसान तरीके।

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भारत

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Dimple Yadav

Aug 30, 2025

High blood pressure

High blood pressure (photo- freepik)

High blood pressure: हाई बल्ड प्रेशर एक साइलेंट किलर बीमारी है। इसे हाइपरटेंशन भी कहा जाता है। यह बीमारी बहुत कॉमन है लेकिन सबसे खतरनाक भी साबित हो सकती है। दरअसल, शुरूआत में इसके लक्षण साफ नहीं दिखाई देते हैं जिससे यह हमारे शरीर के लिए घातक साबित होता है।

इसके कई कारण है। इनमें से खराब खानपान, तनाव, बिगड़ा हुआ लाइफस्टाइल और कुछ मेडिकल कंडीशन शामिल है। कई बार लंबे समय तक ब्लड प्रेशर ज्यादा रहने पर रक्त वाहिकाओं पर दबाव बढ़ जाता है, जिससे धमनियां सख्त और संकरी हो जाती हैं और रक्त प्रवाह बाधित होता है। जिसका असर दिल के अलावा बॉडी के कई पार्ट पर दिखाई देते हैं। तो आइए जानते हैं हाई बल्ड प्रेशर के कारण किन अंगो के फेल होने का खतरा रहता है।

दिल पर असर

लगातार हाई बीपी रहने से दिल की मांसपेशियां मोटी हो जाती हैं और पंपिंग क्षमता कम हो जाती है। इस कारण हार्ट अटैक, हार्ट फेल्योर और कोरोनरी आर्टरी डिज़ीज का खतरा बढ़ जाता है।

किडनी पर असर

हाई बीपी क्रॉनिक किडनी डिजीज का बड़ा कारण है। लंबे समय तक अनियंत्रित बीपी रहने से किडनी की कार्यक्षमता घटती है और किडनी फेल तक हो सकती है।

दिमाग पर असर

ब्लड प्रेशर ज्यादा होने पर स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। नस ब्लॉक या फट सकती है, जिससे ब्रेन को ऑक्सीजन और पोषण मिलना बंद हो जाता है। यह स्थिति ब्रेन हेमरेज का कारण भी बन सकती है।

आंखों पर असर

हाई बीपी आंखों की छोटी रक्त नलिकाओं को नुकसान पहुंचाता है। इससे धुंधला दिखने लगता है और इलाज न मिलने पर स्थायी दृष्टि हानि भी हो सकती है।

फेफड़ों पर असर

हाई ब्लड प्रेशर फेफड़ों की धमनियों पर दबाव डालता है, जिससे पल्मोनरी हाइपरटेंशन होता है। परिणामस्वरूप सांस फूलना, थकान और सीने में दर्द जैसी दिक्कतें होती हैं।

कैसे करें बचाव

यदि आप इससे बचाव चाहते हैं तो नियमित रूप से बीपी की जांच करवाएं और दवा समय पर लें। नशीली चीज़ों से दूर रहें।आहार में कम नमक, कम तेल और ज्यादा फल-सब्जियां शामिल करें। रोजाना हल्की एक्सरसाइज, वॉकिंग या योग करें। तनाव से बचें और पर्याप्त नींद लें।