
vitamin d deficiency in pregnancy in winter
Vitamin D in Pregnancy: सर्दी में प्रेग्नेंसी के दौरान विटामिन डी की कमी हो सकती है। इसलिए सर्दी के दौरान गर्भावस्था में महिलाओं को विटामिन डी को लेकर ख्याल रखने की जरूरत है। अगर इस विटामिन की कमी होती है तो गर्भ में पल रहे शिशु को कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए डॉक्टर से जानिए कि किस तरह से सर्दी में विटामिन डी की कमी को पूरा करना है।
विंटर में गर्भावस्था के दौरान विटामिन डी की कमी गर्भस्थ शिशु के डेवलपमेंट के लिए सही नहीं है। इससे गर्भ में पल रहे शिशु का विकास थम सकता है। साथ ही मधुमेह, प्रीक्लेम्पसिया का खतरा बढ़ सकता है। अगर आप इस तरह की समस्या से बचना चाहते हैं तो गर्भावस्था में विटामिन डी की कमी ना होने दें।
जान लें कि सर्दियों के दौरान 'विटामिन डी' की कमी गर्भावस्था के दौरान पोषक तत्वों की कमी पैदा कर सकती है। इसका कारण ये है कि अधिकांश माताओं और उनके बच्चों में इस आवश्यक पोषक तत्व के पर्याप्त स्तर की कमी इस मौसम में देखने को मिलती है। इसलिए सर्दी में आपको सावधान रहने की जरूरत है।
हम सब जानते हैं कि सूरज की रोशनी 'विटामिन डी' का सबसे अच्छा स्रोत है। इसलिए जब सर्दी अधिक होती है और हमें पर्याप्त मात्रा में सूर्य की किरणों से विटामिन डी नहीं मिल पाता है तो इस तरह की दिक्कत होती है। सर्दियों में छोटे दिन होने के कारण भी विटामिन डी का स्तर कम हो जाता है।
यह मौसमी कमी गर्भवती महिलाओं के लिए चिंताजनक हो सकती है, क्योंकि विटामिन डी कैल्शियम अवशोषण के लिए महत्वपूर्ण है, जो बच्चे की स्वस्थ हड्डियों, दांतों और प्रतिरक्षा प्रणाली के लिए बेहद ही महत्वपूर्ण है।
जानकार बताते हैं कि गर्भावस्था के दौरान 'विटामिन डी' की कमी से मधुमेह, प्रीक्लेम्पसिया और कम वजन वाले बच्चे पैदा होने जैसी जटिलताएं हो सकती हैं। इस तरह की समस्याओं के साथ बच्चे का जन्म लेना सही नहीं होता है। इससे उसे आगे चलकर भी दिक्कतें हो सकती हैं।
दिल्ली में महिला रोग की फेमस डॉक्टर मंजूषा गोयल ने बताया कि "ठंड के महीनों के दौरान विटामिन डी के अलावा गर्भावस्था के दौरान कई पोषण तत्वों की कमी हो सकती है। गर्भवती महिलाओं में खराब आहार संबंधी आदतों से उनमें आयरन, फोलेट और ओमेगा-3 फैटी एसिड जैसे आवश्यक पोषक तत्वों की कमी हो सकती है। जो गर्भ में पल रहे बच्चे के मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र के विकास के लिए महत्वपूर्ण है। आयरन की कमी से एनीमिया हो सकता है, जबकि अपर्याप्त फोलेट का सेवन बच्चे में न्यूरल ट्यूब दोष के जोखिम को बढ़ाता है।"
डॉक्टर मंजूषा ने जानकारी दी है कि विटामिन डी से भरपूर खाद्य पदार्थों में सैल्मन और मैकेरल जैसी वसायुक्त मछली, फोर्टिफाइड डेयरी उत्पाद और अंडे की जर्दी शामिल हैं। सर्दियों में भी बाहरी गतिविधियों के माध्यम से सुरक्षित धूप में रहने से विटामिन डी के स्तर को बढ़ाने में मदद मिल सकती है।''
Published on:
22 Dec 2024 07:54 pm
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