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क्यों बढ़ रहा है Hypoxic Cardiac Arrest का खतरा? जानें बचाव के आसान तरीके

Hypoxic Cardiac Arrest तब होता है जब शरीर को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पाती और दिल धड़कना बंद कर देता है। जानें इसके लक्षण, कारण और समय पर बचाव के आसान उपाय।

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भारत

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Dimple Yadav

Sep 04, 2025

Hypoxic Cardiac Arrest

Hypoxic Cardiac Arrest (photo- freepik)

Hypoxic Cardiac Arrest: जब हम कार्डियक अरेस्ट (Cardiac Arrest) सुनते हैं, तो दिमाग में सबसे पहले हार्ट अटैक या दिल की बीमारी आती है। आमतौर पर हार्ट अटैक तब होता है जब दिल की नसों में चर्बी या कोलेस्ट्रॉल जम जाता है, जिससे खून का बहाव रुक जाता है। लेकिन हाइपॉक्सिक कार्डियक अरेस्ट थोड़ा अलग है। इसमें दिल सीधे-सीधे खराब नहीं होता, बल्कि ऑक्सीजन की कमी से धीरे-धीरे हार्ट धड़कना बंद कर देता है। तो आइए जानते हैं इसका खतरा क्यों बढ़ रहा है।

ये क्यों होता है?

हाइपॉक्सिक कार्डियक अरेस्ट तब होता है जब शरीर में सांस रुक जाती है या ऑक्सीजन फेफड़ों तक नहीं पहुंच पाती।
इसके कई कारण हो सकते हैं जैसे दमा का तेज अटैक, खाना गले में फंस जाना (चोक होना), डूबना, फेफड़ों का इंफेक्शन (जैसे निमोनिया), ऊंचाई पर जाने पर ऑक्सीजन की कमी (altitude sickness) मतलब साफ है। जब शरीर सही से सांस नहीं ले पाएगा, तो दिल को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।

पहले से दिखने वाले लक्षण

कार्डियक अरेस्ट अचानक होने वाली चीज है, लेकिन अक्सर शरीर पहले से चेतावनी देता है। ध्यान देने वाले कुछ संकेत हैं:

सांस फूलना (Shortness of breath):
अगर ऑक्सीजन कम मिलने लगे तो सांस तेज़ और छोटी-छोटी होने लगती है।

होंठ या उंगलियां नीली पड़ना (Bluish lips/fingertips):
खून में ऑक्सीजन घटने पर होंठ और नाखून नीले दिखने लगते हैं।

कन्फ्यूजन या चक्कर जैसा लगना:
दिमाग को ऑक्सीजन नहीं मिले तो इंसान भटकने लगता है, ध्यान केंद्रित नहीं कर पाता और अचानक उलझन महसूस होती है।

बेहद थकान:
जब मांसपेशियों और अंगों को ऑक्सीजन नहीं मिलती तो छोटी-छोटी चीजें करने पर भी थकान चढ़ जाती है।

इससे बचाव कैसे करें?

अगर किसी को सांस लेने में दिक्कत हो रही है तो तुरंत इलाज कराएं। फेफड़ों के इंफेक्शन को नजरअंदाज न करें। बेसिक लाइफसेविंग टेक्नीक जैसे सीपीआर (CPR) और हैमलिक मैनूवर (Heimlich Maneuver) सीखें। ये स्किल्स कई बार एम्बुलेंस आने से पहले ही किसी की जान बचा सकते हैं।

क्यों सबको जानना जरूरी है?

हाइपॉक्सिक कार्डियक अरेस्ट सिर्फ हार्ट या फेफड़े के मरीजों को नहीं होता। यह किसी को भी हो सकता है। घर पर खाना खाते समय गले में कौर फंस जाए, स्विमिंग के दौरान पानी अंदर चला जाए या बहुत ज्यादा एक्सरसाइज के बाद सांस की तकलीफ हो जाए, थोड़ी सी जागरूकता और समय पर मदद किसी की जिंदगी बचा सकती है।