मामला बाराबंकी के दरियाबाद के कांटी मजरे रोहिलानगर की है। यहां मनोज यादव नामक शख्स अपने तालाब की खुदाई कर रहा था। तभी उसका फाफड़ा मिट्टी में दबे एक सुराही से टकराया। जब उसने मिट्टी हटाई तो उसके होश उड़ गए। उसमें खूब सारे पुराने सिक्के थे। ये तांबे के सिक्के थे। उसने इसकी सूचना पुलिस को दी। जांच में पाया गया कि सिक्कों की संख्या 125 है।
सिक्कों पर ऊर्दू-फ़ारसी भाषा में कुछ लिखा हुआ था। इन जंक लगे सिक्कों की जानकारी पुरातत्व विभाग को दी गई। पुलिस ने मनोज से लिखा-पढ़ी के जरिए सिक्के लेकर इन्हें पुरातत्व डिपार्टमेंट को भेज दिया है। मनोज के मुताबिक सिक्कों पर पुराने जमाने की मोर लगी हुई थी। बाद में इंटरनेट पर सर्च करके देखा तो पाया कि ये सिक्के अलाउद्दीन खिलजी की सल्तनत के समय के थे।