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ऑक्सीजन संकट : महाराष्ट्र ने नकारा तो मोदी सरकार ने दिया सहारा, रोज़ 50 टन ऑक्सीजन देगी सरकार

locationइंदौरPublished: Sep 13, 2020 03:53:38 pm

Submitted by:

Faiz Faiz Mubarak

अब MP को रोज़ाना 50 टन ऑक्सीजन सप्लाई करेगी केन्द्र सरकार।

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ऑक्सीजन संकट : महाराष्ट्र ने नकारा तो मोदी सरकार ने दिया सहारा, रोज़ 50 टन ऑक्सीजन देगी सरकार

इंदौर/ गहराते कोरोना संकट के बीच अब मध्य प्रदेश से ऑक्सीजन सप्लाई के संकट के बादल अब छट गए हैं। ऑक्सीजन की कमी के चलते महाराष्ट् सरकार की ओर से मध्य प्रदेश को ऑक्सीजन सप्लाई न दिये जाने के फैसले के बाद प्रदेश पर मंडराए ऑकसीजन संकट पर केंन्द्र की मोदी सरकार ने प्रदेश को सहारा देने का फैसला लिया है। केंद्र सरकार द्वारा तय किया गया है कि वो मध्य प्रदेश को रोजाना 50 टन ऑक्सीजन सप्लाई देगा। बता दें कि, कोरोना संकट के कारण वैसे तो प्रदेशभर में कोरोना के मामले बहुत तेजी से बढ़ रहे हैं। हालांकि, सूबे में सबसे अधिक आवश्यक्ता आर्थिक राजधानी इंदौर में पड़ रही है। क्योंकि, शहर में कोरोना के हालात लगातार बिगड़ रहे हैं।

 

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‘सेल’ करेगी ऑक्सीजन की पूर्ति

ऑक्सीजन की इस सप्लाई को स्टील अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया लिमिटेड (सेल) की ओर से की जाएगी। सेल से ऑक्सीजन सप्लाई मिलने के बाद एमपी के पास रोजाना 180 ऑक्सीजन की उपलब्धता हो जाएगी। हालांकि, रोजाना प्रदेश में ऑक्सीजन की औसतन 110 टन खपत है।


सीएम ने केन्द्र सरकार को दिया धन्यवाद

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केन्द्र सरकार द्वारा प्रदेश के ऑक्सीजन की पूर्ति किये जाने के फैसले पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल का धन्यवाद दिया है। बताया जा रहा है कि, केंद्र से मध्य प्रदेश को ऑक्सीजन दिलवाने के फैसले में पीयूष गोयल ने अहम भूमिका निभाई है।

दरअसल पूरे देश के साथ ही मध्य प्रदेश में भी कोरोना के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। ऐसे में अस्पतालों में पर्याप्त बेड की उपलब्धता के साथ-साथ ऑक्सीजन की उपलब्धता बनाए रखना भी सरकार के लिए बड़ी चुनौती बन गया था। कोरोना के गंभीर मरीजों को जरूरत पड़ने पर ऑक्सीजन लगानी पड़ती है। महाराष्ट्र में मरीजों की संख्या ज्यादा बढ़ने की वजह से वहां से ऑक्सीजन की सप्लाई पर असर पड़ा है, जिस कारण महाराष्ट्र सरकार ने एमपी को ऑक्सीजन बेचने से इंकार करना पड़ा, ताकि वो अपने प्रदेश में ऑक्सीजन की पूर्ति रख सके।


क्या था मामला?

बता दें कि, मध्य प्रदेश में रोजाना करीब 110 टन ऑक्सीजन की जरूरत पड़ रही है, जिसमें उपलब्धता 130 टन के आसपास है एमपी को गुजरात, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ से ऑक्सीजन की सप्लाई होती है, लेकिन कोरोना संकट की वजह से महाराष्ट्र से ऑक्सीजन की सप्लाई नहीं हो पा रही थी, जिसके बाद प्रदेश में ऑक्सीजन संकट आन पड़ा था। सवाल इस बात का था कि, अगर सूबे में मरीजों की संख्या बढ़ती है और ऑक्सीजन की सप्लाई पर्याप्त नहीं हो पाती तो गंभीर मरीजों का क्या होगा।

हालांकि, केन्द्र सरकार की ओर से प्रदेश की जरूरत के आधार पर ऑक्सीजन सप्लाई देने का फैसला कर लिया है, लेकिन सीएम शिवराज ने भी इसपर गंभीरता दिखाते हुए प्रदेश में ऑक्सीजन मेन्युफेक्चरिंग पर अधिक बल दिया है। सीएम हाउस में इस संबंध में बैठक भी ली गई। फैसले के मुताबिक, सरकार अब महाराष्ट्र के अलावा गुजरात और उत्तर प्रदेश से भी जरूरत के ऑक्सीजन की पूर्ति करेगी। साथ ही, एमपी में भी ऑक्सीजन प्लांट की क्षमता बढ़ाई जाएगी। प्लांट 100 प्रतिशत क्षमता से चलाए जाएंगे। वहीं, मुहासा में ऑक्सीजन का नया प्लांट लगाया जाएगा। ऑक्सीजन के दुरुपयोग पर भी सरकार की ओर से निर्देश जारी किये गए। सरकार ने हर जिले में Covid-19 कमांड कंट्रोल रूम सेंटर बनाने का भी फैसला लिया है।

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