
toxic waste of Union Carbide: मध्य प्रदेश के पीथमपुर (Pithampur) में यूका (Union Carbide) के जहरीले कचरे को जलाने के ट्रायल का दूसरा चरण रामकी प्लांट में जारी है, लेकिन इसे लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। शुक्रवार शाम तक 5.40 टन कचरा जलाया जा चुका था, और बोर्ड के अनुसार सभी उत्सर्जन मानकों के भीतर रहे। हालांकि, पीथमपुर बचाओ समिति ने इन आंकड़ों को झूठा बताते हुए प्रशासन पर पारदर्शिता की कमी और जनस्वास्थ्य की अनदेखी का आरोप लगाया है। समिति अब हाईकोर्ट में याचिका दायर करने की तैयारी कर रही है।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, इंसीनरेटर में हर घंटे 180 किग्रा जहरीला कचरा जलाया गया। पहले दहन कक्ष का तापमान 905 से 823 डिग्री सेल्सियस रहा, जबकि दूसरे कक्ष में यह 1213 से 1102 डिग्री सेल्सियस के बीच था। वैज्ञानिकों ने चिमनी से निकली गैसों की जांच कर यह दावा किया कि सभी उत्सर्जन मानक सीमा के भीतर रहे।
इस बार बोर्ड ने लेड, निकल, आर्सेनिक और अमोनिया जैसी गैसों के आंकड़े भी जारी किए। 24 घंटे में निकली गैसों के स्तर को लेकर जारी आंकड़ों के अनुसार:
पीथमपुर बचाओ समिति Pithampur Bachao Samiti) ने प्रेस वार्ता में कहा कि बोर्ड के आंकड़े अधूरे और भ्रामक हैं। समिति के अध्यक्ष डॉ. हेमंत कुमार हिरोले ने आरोप लगाया कि वैज्ञानिक विश्लेषण के बिना कचरा जलाया जा रहा है, जिससे स्थानीय लोगों के स्वास्थ्य पर खतरा मंडरा रहा है। समिति ने प्रशासन और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (Pollution Control Board) पर तथ्यों को छुपाने का आरोप लगाया।
समिति का कहना है कि नगर पालिका ने पहले यूनियन कार्बाइड के कचरे को जलाने पर रोक लगाने का प्रस्ताव पास किया था, लेकिन प्रशासन ने इसे नजरअंदाज कर दिया। विरोध के बावजूद नगर पालिका के सीएमओ ने दबाव में अनुमति दी, जिससे जनता में नाराजगी है।
Published on:
08 Mar 2025 11:50 am
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