
Bharat Pak Tanav: भारत-पाक तनाव के बीच अब हर कोई सुरक्षा को लेकर गंभीरता दिखा रहा है। इंदौर महापौर पुष्यमित्र भार्गव (Mayor Pushyamitra Bhargava) ने बताया कि भूकंप, बाढ़, आग, युद्ध आदि से निपटने के लिए निगम आपदा प्रबंधन सेल का गठन करेगा। इसके तहत हर वार्ड में 8-10 आपदा मित्र नियुक्त किए जाएंगे। इन सभी को जिला प्रशासन, नगर निगम और पुलिस से विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा।
आपदा से निपटने के लिए संसाधन खरीदे जाएंगे। इस पर सहमति बन गई है। आपदा मित्र स्वैच्छिक इस अभियान में शामिल होंगे। उन्हें पारिश्रमिक देने की योजना फिलहाल नहीं है। उधर, जानकारी यह भी है कि निगम शहर में कुछ स्थानों पर सेफ हाउस जैसे स्ट्रक्चर (Safe House Structure) भी तैयार करेगा। लोग इनका उपयोग आपात स्थिति में खुद को सुरक्षित करने के लिए कर सकेंगे। सेफ हाउस को लेकर आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
वेस्ट मैनेजमेंट के अगले चरण पर अब काम किया जाएगा। 3 आर (रिड्यूस, रियूज, रीसाइकिल) नवाचार के तहत पीपीपी मॉडल पर कचरे से एकत्रित कपड़ों का पुन: उपयोग किया जाएगा। इस योजना को भी सैद्धांतिक स्वीकृति दी गई है। जानकारी है कि अब तक कपड़े का पूरी तरह निपटान नहीं हो पा रहा था।
प्लांट में कचरे के साथ आ रहे कपड़े के कारण प्लांट की रतार धीमी हो जाती थी। अब पीपीपी मॉडल पर प्लांट तैयार कर इस कपड़े का निपटान या उससे धागा या दोबारा उपयोग करने योग्य बनाएंगे। निगम जगह देगा, बाकी काम एजेंसी को करना होगा। इसके अलावा पीएम आवास योजना में अरावली परिसर व देवगुराड़िया स्थित शिवालिक परिसर की दुकानों को स्वामित्व अधिकार पर सौंपने की सहमति दी गई।
प्रधानमंत्री आवास योजना 2.0 के तहत ग्राम सिंधोडा में 1000 से अधिक आवास का निर्माण किया जाना है। इसकी डीपीआर (विस्तृत परियोजना रिपोर्ट) तैयार करने को सैद्धांतिक स्वीकृति दी गई। इस संबंध में विभाग ने प्रेजेंटेशन भी दिया।
यशवंत सागर की जलप्रदाय क्षमता बढ़ाने से कृषि भूमि डूब क्षेत्र में आई है। बैठक में सहमति बनी कि डूब क्षेत्र के कृषकों को मुआवजा दिया जाएगा। विद्यार्थियों, वरिष्ठ नागरिकों, दिव्यांगों एवं रैग पिकर्स को ऑनलाइन व ऑफलाइन रियायती मासिक पास की सुविधा जारी रखी जाएगी। इस पर होने वाले खर्च की प्रतिपूर्ति की जाएगी।
शहर में हरियाली बढ़ाने और उसकी देखरेख करने के लिए ग्रीन बेल्ट-उद्यानों और डिवाइडरों को सामाजिक संस्थाओं को गोद देने, ठेले-गुमटियों वालों का सर्वे कर उनका डाटा तैयार करने, कचरे में आने वाले कपड़े के बेहतर निपटान, धागा बनाने और दोबारा उपयोग करने लायक बनाने के लिए प्लांट स्थापित करने सहित सात प्रस्तावों पर बैठक में मुहर लगी।
महापौर भार्गव की अध्यक्षता में हुई बैठक में निगमायुक्त शिवम वर्मा, सभी एमआइसी सदस्य, सभी अपर आयुक्त और विभाग प्रमुख मौजूद रहे। महापौर ने कहा कि ग्रीन बेल्ट गोद देने से शहर के सौंदर्यीकरण को गति मिलेगी। वहीं, रेहड़ी-पटरी व ठेला व्यापारियों की स्थिति स्पष्ट करने के लिए एजेंसी से सर्वेक्षण करवाया जाएगा। इसमें ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कर परिचय पत्र जारी किए जाएंगे।
एमआइसी बैठक में डाटा फॉर्म को लेकर योजना शाखा प्रभारी राजेश उदावत ने अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं होने पर नाराजगी जाहिर की। उदावत ने अपर आयुक्त रोहित सिसौनिया से सवाल किया कि आपने डाटा फॉर्म प्रकरण में दोषी अधिकारियों पर क्या कार्रवाई की। निगम ने 10 दोषी कंसल्टेंट के लाइसेंस निरस्त किए थे, लेकिन जांच ठंडे बस्ते में डाल दी गई। जिन भवन अधिकारियों पर गड़बड़ी में शामिल होने के आरोप हैं, उन्हें ही जांच का जिमा दे दिया। डीड नक्शों के प्रकरण में गलत स्थान बताकर नक्शा पास करवा लिया गया था, जिसमें करीब 21 लाख रुपए फीस का अंतर था। फीस की रिकवरी नहीं हुई। नजूल की जमीन पर नक्शा पास हो गया। कॉलोनी सेल से पत्र जारी हुआ था, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई।
मालूम हो, मध्य क्षेत्र के आसपास भवन अधिकारी डाटा फॉर्म के आधार पर नक्शे पास कर रहे हैं। कई रहवासी क्षेत्र के नक्शे नगर व ग्राम निवेश विभाग मंजूर कर सकता है, लेकिन स्वीकृति नहीं है। पूर्व निगमायुक्त ने ऐसे नक्शे पास करने पर रोक लगाई थी। रोक हटाने या डाटा फॉर्म से नक्शे स्वीकृत करने के लिए नीति बनाने का मामला सरकार के पास विचाराधीन है। इसके बावजूद भवन अधिकारी बिल्डिंग परमिशन जारी कर रहे हैं।
उदावत ने पूछा है कि यह नक्शे किसके आदेश से और क्यों पास हो रहे हैं? मामले में निगमायुक्त ने कहा कि 15 दिन में मामले की जांच करवाकर रिपोर्ट आपको सौंपी जाएगी और वे खुद जांच की निगरानी करेंगे। महापौर ने कहा कि इसकी पृथक से भी जांच कराने के लिए एक स्वतंत्र कमेटी बनाई जाएगी।
Published on:
09 May 2025 09:11 am
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