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नगर निगम ने अफसरों के लिए खरीदी 50 इलेक्ट्रिक कार, पहले देंगे एई- जेई को

-अभी 16 गाडिय़ां आईं, एक-दो दिन में दे दी जाएगी, मुख्यालय व नेहरू पार्क में बनेगा चार्जिंग स्टेशन

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इंदौर

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Reena Sharma

Jun 04, 2019

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नगर निगम ने अफसरों के लिए खरीदी 50 इलेक्ट्रिक कार, पहले देंगे एई- जेई को

इंदौर. बढ़ते प्रदूषण को ध्यान में रखते हुए नगर निगम ने अफसरों के लिए इलेक्ट्रिक कार खरीदी हैं। 50 में से 16 कार निगम को मिल गईं हैं। बाकी जल्द मिलने वाली हैं। इन इलेक्ट्रिक कार में सबसे पहले असिस्टेंट इंजीनियर (एई) और जूनियर इंजीनियर (जेई) बैठेंगे। इन्हें कारों का वितरण एक-दो दिन में हो जाएगा। कार चार्ज करने के लिए निगम मुख्यालय और नेहरू पार्क में स्टेशन बनाया जा रहा है।

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पर्यावरण संरक्षण और ईंधन की बचत के लिए निगम के अफसर अब इलेक्ट्रिक कारों का इस्तेमाल करेंगे। इसके लिए अटल इंदौर सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विस लिमिटेड (एआईसीटीएसएल) ने पिछले दिनों 50 इलेक्ट्रिक कार खरीदने के टेंडर किए। इनके खुलने के बाद जिस कंपनी को ठेका गया, उसने 16 कार दे दी और बाकी कार जल्द आने वाली हैं। अभी जो 16 कार आई हैं, उनका वितरण सबसे पहले एई और जेई को होगा। एआईसीटीएसएल के अफसरों की मानें तो एक-दो दिन में कार का वितरण हो जाएगा। इसके साथ ही बची कार भी जल्द ही आएंगीं।

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इन इलेक्ट्रिक कार को चार्ज करने के लिए निगम मुख्यालय और नेहरू पार्क में चार्जिंग स्टेशन बनाया जा रहा है। इस पर तकरीबन 23 लाख रुपए खर्च होंगे और एक महीने में यह स्टेशन तैयार होगा। मुख्यालय और नेहरू पार्क स्मार्ट सिटी ऑफिस में चार्जिंग स्टेशन बनाने की वजह अफसरों व इंजीनियर का रोज यहां आना-जाना है। किसी न किसी काम या फिर मीटिंग के लिए वे यहां आते हैं। जितनी देर यह अफसर यहां रुकेंगे, उतनी देर में कार भी चार्ज हो जाएगी। इन स्टेशन की जगह घर पर भी यह कार चार्ज हो जाएंगीं। निगम में एई व जेई के बाद कार अपर आयुक्त, उपायुक्त, जोनल अफसर, बिल्डिंग अफसर, इंस्पेक्टर, स्वास्थ्य अधिकारी व सहायक राजस्व अधिकारी आदि को दी जाएगी।

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ठेकेदार की रहेगी जिम्मेदारी

कार उपलब्ध करवाने से लेकर संचालन और मेंटेनेंस की सारी जिम्मेदारी ठेकेदार कंपनी की होगी। ये कारें बैटरी चलित होंगीं और इनमें फ्यूल ऑप्शन भी होगा। इन कारों का इस्तेमाल अभी निगम अफसरों के लिए पेट्रोल-डीजल वाली कारों के स्थान पर किया जाएगा। इससे पर्यावरण संरक्षण के साथ ईंधन की बचत होगी। ये ज्यादा किफायती भी हैं।

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निगम में 19 जेडओ, 4 अपर आयुक्त, 8 उपायुक्त और एआईसीटीएसएल में सीईओ समेत लगभग 50 अफसरों के लिए प्राइवेट वाहन अटैच हैं। इन अफसरों को पद के हिसाब से अलग-अलग डीजल दिया जाता है, जो कि तीन से दस लीटर तक होता है। इस तरह रोज 840 लीटर डीजल की खपत होती है, जो कि महीने में तकरीबन 25200 लीटर तक पहुंच जाता है। इस पर हर महीने 17 लाख 13600 रुपए खर्च होते हैं और प्राइवेट वाहन किराया तकरीबन 25 लाख रुपए हो जाता है। इलेक्ट्रिक कार इन अफसरों को देने से निगम का यह खर्च बचेगा।

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जल्द ही सभी को सौंपेंगे

अभी जो 16 इलेक्ट्रिक कार आई हैं, उन्हें सबसे पहले एई और जेई को दिया जा रहा है। बची कार भी मिलने वाली हैं।आयुक्त के निर्देश हैं कि सभी अफसरों को यह कार देना है। इसके हिसाब से व्यवस्था की जा रही है।

- संदीप सोनी, सीईओ, एआईसीटीएसएल