
Colonel Sophia Qureshi: operation sindoor की ब्रीफिंग देने वाली सोफिया कुरैशी का जबलपुर कनेक्शन, भाभी ने की जमकर तारीफ...
Colonel Sophia Qureshi Operation Sindoor: आतंकवाद के खिलाफ देश की सशस्त्र सेनाओं और सुरक्षा एजेंसियों की कार्रवाई को शहर के सभी धर्मों और समुदायों का जोशीला समर्थन मिल रहा है। धर्मों के संगठनों ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ (Operation Sindoor) की सफलता को लेकर भारतीय सेना की प्रशंसा की है। पदाधिकारियों ने साफ कहा कि भारतीय सेना ने पहलगाम (#PahalgamTerroristAttack) में अपना सिंदूर खो देने वाली महिलाओं को न्याय दिया है।
संगठनों ने कहा कि आतंकवाद का कोई मजहब नहीं होता। इसे खत्म किया जाना चाहिए। सेनाओं के पराक्रम को देखकर हर किसी की जुबां पर भारत माता की जय का नारा गूंज रहा है। वहीं, 1971 के युद्ध में शामिल वीर जवानों ने कहा कि पाकिस्तान बार-बार भूल जाता है कि भारत ने उसे हमेशा धूल चटाई है।
भारतीय सशस्त्र बलों की एयर स्ट्राइक में पाकिस्तान के आतंकी शिविरों की तबाही और ऑपरेशन सिंदूर की जानकारी साझा करने वाली भारतीय सेना की कर्नल सोफिया सुर्खियों में हैं। जिनका नाता जबलपुर (Colonel Sophia MP Connection) से भी है। यहां उनके छोटे भाई नूर कुरैशी की ससुराल है। सोफिया (Colonel Sophia) की भाभी उज्मा इस समय मायके जबलपुर में ही हैं।
उन्होंने (Bhabhi Uzma) बताया कि जब 7 मई को ननद कर्नल सोफिया को ऑपरेशन सिंदूर की ब्रीफिंग करते हुए मीडिया में देखा तो आंखों पर यकीन ही नहीं हुआ। पति को फोन कर इस बारे में बात की तो नूर ने हंसते हुए बताया कि दीदी से बात हुई थी और उन्होंने कहा कि कैसा लगा धमाका।
उज्मा ने कहा कि यह हम सबके लिए गर्व का विषय है, उनके अंदाज और बात रखने के तरीके की हर कोई तारीफ कर रहा है, जिन्हें हमारे रिश्ते के बारे में पता है वे उन्हें और परिवार के सदस्यों को बधाई दे रहा है। उन्होंने कहा कि हमारे लिए फक्र की बात है कि सोफिया भारतीय सेना में इतनी बड़ी जिमेदारी सभाल रही हैं।
रामनगर अधारताल निवासी उज्मा के पिता अब्दुल नईम अंसारी का कहना है कि बेटियां हर मोर्चे पर श्रेष्ठता दिखा रही हैं। सोफिया जिस अंदाज से सेना के शौर्य को जनता के सामने रखती हैं, वह काबिले तारीफ है। उज्मा की दोनों बेटियां भी अपनी बुआ के कार्य से प्रेरित हैं, उनका कहना है कि वे बड़े होकर उनके जैसा बनना चाहेंगी। उज्मा और नूर की शादी 2011 में हुई थी, तब सोफिया बाराती बनकर आईं थीं।
परिवार के सदस्यों ने बताया कि आठ माह पहले सेना के एक कार्यक्रम में सोफिया का जबलपुर आना हुआ था तब वे घर पर आईं थीं। उज्मा बतातीं हैं कि ननद सोफिया बहुत ही प्रतिभाशाली हैं, लेकिन सेना या उसके कामकाज को लेकर घर पर किसी तरह की चर्चा नहीं करती हैं। उज्मा के पति नूर आर्किटेक्ट इंजीनियर में हैं और इस समय मुंबई में कार्यरत हैं।
Published on:
09 May 2025 10:32 am
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