
बस्तर में गृहमंत्री शाह (Photo - Patrika )
Amit shah in Chhattisgarh: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह शनिवार को जगदलपुर पहुंचे। इस दौरे के साथ वे बस्तर दशहरा में शामिल होने वाले पहले केंद्रीय स्तर के मंत्री बन गए। उन्होंने यहां मुरिया दरबार में हिस्सा लिया। इससे पहले वे जगदलपुर के मां दंतेश्वरी मंदिर पहुंचे और माता का आशीर्वाद लिया। वे बस्तर राजपरिवार के बीच भी गए। वहां से निकलकर वे लालबाग मैदान के स्वदेशी मेले के मंच पर पहुंचे। यहां उन्होंने अपने भाषण की शुरुआत ही नक्सलवाद से मुक्ति के संकल्प के साथ की। उन्होंने सभा में मौजूद लोगों से कहा कि आप सभी आज संकल्प लें कि हमें बस्तर से लाल आतंक खत्म करना है।
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की सरकार देश में सबसे अच्छी समपर्ण नीति उपलब्ध करवा रही है। शाह ने कहा कि शांति वार्ता किस चीज के लिए करें। हम इतनी अच्छी आत्मसमर्पण व्यवस्था के साथ तैयार हैं तो वार्ता का कोई मतलब नहीं रह जाता। 11 महीने म्रें तीसरे बस्तर दौरे में उन्होंने यह बात कहते हुए एक बड़ा संदेश दिया। शाह ने ग्रामीणों से अपील करते हुए कहा कि अपने आसपास के भटके युवाओं को मुख्य धारा में आने के लिए प्रेरित करें। नक्सल मुक्त गांव को सरकार 1 करोड़ रुपए तत्काल देगी। कार्यक्रम के अंत में उन्होंने लालबाग मैदान में ही मांझी-चालकी और समाज प्रमुखों के साथ भोजन किया।
अमित शाह ने महिलाओं के खाते में महतारी वंदन की 606 करोड़ की राशि ट्रांसफर की। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी का सपना है कि हर महिला सशक्त और आत्मनिर्भर बने तथा देश के सामाजिक और आर्थिक विकास में भागीदारी करे।
उन्होंने कहा कि नक्सलवाद ने बस्तर का विकास सालों तक रोके रखा। शांति बहाली के साथ हमारा उद्देश्य बस्तर का विकास करना है। जब बस्तर ओलंपिक में देशभर के आदिवासी खिलाड़ी शामिल होंगे। यह आयोजन भी बस्तर में हो रहे बड़े बदलावों का आधार बनेगा।
‘मैं दिल्ली जाकर सभी साथी मंत्रियों को मुरिया दरबार के बारे में बताऊंगा। आदिवासी समाज के बीच सदियों से चली आ रही यह परंपरा लोकतांत्रिक मूल्यों का जीवंत उदाहरण है और आदिवासियों ने इन मूल्यों को इतने सालों बाद भी बनाए रखा है। ऐसा बस्तर में ही संभव है।
पीएम मोदी ने स्वदेशी पर बल दिया है। 140 करोड़ लोग स्वदेशी अपनाएं तो भारत को सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने से कोई नहीं रोक सकता। जीएसटी में टैक्स घटाया गया है, जो अब तक की सबसे बड़ी राहत है।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह शनिवार को सिरहासार भवन में आयोजित मुरिया दरबार (बस्तर की संसद) में शामिल हुए। उन्होंने मांझी मुखिया सहित अन्य समाज प्रमुखों से उनकी समस्याओं को जाना। उन्होंने 2031 तक ‘विकसित बस्तर’ बनाने का नया विजन दिया। दस मिनट के अपने सम्बोधन में गृहमंत्री ने कहा कि नक्सलियों के कारण बस्तर की विकास योजनाएं जमीन पर नहीं उतर पाती थी लेकिन 2026 में नक्सल मुक्त होने के बाद बस्तर के विकास मॉडल कों गांव-गांव तक पहुंचाने के प्रयास किए जाएंगे।
शाह ने बस्तर में 34 बसों के साथ मुख्यमंत्री ग्रामीण बस सेवा की शुरुआत की। उन्होंने लालबाग में सभी बसों को हरी झंडी दिखाई। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के विकास के लिए डबल इंजन की सरकार प्रतिबद्धता के साथ काम कर रही है। लाल आतंक की समाप्ति प्रदेश के सुदूर इलाकों को विकास की मुख्यधारा से जोड़ेगी।
आज प्रारंभ हुई यात्री बस सेवा हमारे नागरिकों के जीवन में नई ऊर्जा का संचार करेगी। उन्होंने कहा कि अब 250 गांवों के लोग अपने निकटवर्ती शासकीय कार्यालयों, स्कूलों और अस्पतालों तक आसानी से पहुंच पाएंगे। योजना के पहले चरण में बस्तर और सरगुजा संभाग को प्राथमिकता दी गई है। इन क्षेत्रों में कुल 34 मार्गों पर 34 बसों का संचालन प्रारंभ होगा। इस पहल से 11 जिलों के 250 नए गांव बस सेवा से जुड़ेगे।
आज मां दंतेश्वरी से भी नक्सल मोर्चे पर तैनात जवानों की सुरक्षा की कामना की। हमारा उद्देश्य बस्तर में सिर्फ शांति लाना है और वह हम लाकर रहेंगे। 31 मार्च 2026 के बाद बस्तर पूरी तरह से बदल जाएगा।
Updated on:
05 Oct 2025 12:06 pm
Published on:
05 Oct 2025 11:58 am
बड़ी खबरें
View Allजगदलपुर
छत्तीसगढ़
ट्रेंडिंग
