
NHM कर्मियाें की अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी (Photo source- Patrika)
NHM workers strike: बस्तर जिले में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के अधिकारी और कर्मचारी अपनी 10 सूत्रीय मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। इस आंदोलन के तहत कर्मचारियों ने 'मोदी की गारंटी खोज अभियान' शुरू किया है, जिसमें 20-20 कर्मचारियों की टीमें बनाकर शहर के प्रमुख चौक-चौराहों और मेन मार्केट में घूम-घूमकर अपनी मांगों को जनता के बीच रखा और सरकार की वादाखिलाफी का मुद्दा उठाया।
जिले में 900 से अधिक एनएचएम कर्मचारी इस आंदोलन में शामिल हैं, जिनमें बस्तर जिले के सैकड़ों कर्मचारी भी रोजाना धरना स्थल पर उपस्थित होकर अपनी आवाज बुलंद कर रहे हैं। कर्मचारियों की प्रमुख मांगों में नियमितीकरण/सविलियन, ग्रेड पे, और लंबित 27 प्रतिशत वेतन वृद्धि शामिल हैं।
एनएचएम कर्मचारियों के इस आंदोलन के कारण बस्तर जिले में स्वास्थ्य सेवाएं काफी प्रभावित हुई हैं। शासकीय अस्पतालों में संस्थागत प्रसव, पैथोलॉजी जांच (खून, पेशाब, ट्रू-नाट, सीबीनाट), टीबी, कुष्ठ, मलेरिया जांच, ओपीडी, नवजात शिशु देखभाल, आंगनबाड़ी स्वास्थ्य परीक्षण, पोषण आहार वितरण, एनसीडी स्क्रीनिंग, वृद्ध स्वास्थ्य परीक्षण, ऑपरेशन थिएटर (ओटी), एमसीएच अस्पताल और आपातकालीन सेवाएं तक इससे प्रभावित हैं। ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के कई उप स्वास्थ्य केंद्रों और स्वास्थ्य इकाइयों में ताले लटक गए हैं, जिससे मरीज इलाज के लिए भटक रहे हैं।
कर्मचारियों ने कहा कि ’’मोदी की गारंटी खोज अभियान’’ के तहत बस्तर जिले के कर्मचारियों ने शहर के प्रमुख बाजारों और चौराहों पर जाकर व्यापारियों, दुकानदारों और आम जनता के साथ अपनी मांगों और समस्याओं को साझा किया। इस दौरान उन्होंने सरकार से पूछा कि ’’मोदी की गारंटी’’ का वादा कहां गायब हो गया। कर्मचारियों का कहना है कि यह आंदोलन पूरी तरह शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक है, लेकिन यदि सरकार ने जल्द ही उनकी मांगों पर लिखित निर्णय नहीं लिया, तो आंदोलन को और उग्र किया जाएगा।
NHM workers strike: कर्मचारियों ने बीजेपी के 2023 विधानसभा चुनाव के घोषणा पत्र में शामिल ’’मोदी की गारंटी’’ का हवाला देते हुए सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया है। घोषणा पत्र में संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण का वादा 100 दिनों में पूरा करने की बात कही गई थी, लेकिन 20 महीनों में 160 से अधिक ज्ञापन और निवेदन देने के बावजूद कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। कर्मचारियों ने इसे सरकार की उदासीनता करार दिया है।
Updated on:
31 Aug 2025 12:49 pm
Published on:
31 Aug 2025 12:48 pm
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