-एयर, रेल, सड़क कनेक्टिविटी ऐसी होगी, जिससे अन्तरराष्ट्रीय बाजार तक पहुंच आसान हो जाएगी। मेन्यूफ्रेक्चरिंग को बढ़ावा मिलेगा, और निर्यात का दायरा तेजी से फैलेगा। रोजगार की उपलब्धता 4 से 5 गुना ज्यादा बढ़ेगी।
-रिफायनरी से ढाई सौ वर्ग किलोमीटर दायरे में उद्योगों के लिए जरूरत इन्फ्रास्ट्रक्चर से लेकर टाउनशिप, बिजली, पानी, सड़क-परिवहन से लेकर बड़ी सुविधाएं मैकेनाइज्ड तरीके से विकसित हो सकेगी।
-अमृतसर-जामनगर एक्सप्रेस वे रिफायनरी के पास ही गुजरेगा। इससे गुजरात में कांडला बंदरगाह तक पहुंच आसान होगी। यहां से सीधे तैयार उत्पाद अन्तरराष्ट्रीय बाजार तक आसानी से भेजे जा सकेंगे।
1. विशाखापट्टनम-काकिनाडा : पीसीपीआईआर में 640 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल है, जिसमें 276.3 वर्ग किलोमीटर प्रोसेसिंग एरिया चिन्हित। एचपीसीएल, गेेेल का ज्वाइंट वेंचर है। साथ में हल्दिया पेट्रोकेमिकल जुड़ी हैं। यहां मुख्य रूप से एचपीसीएल रिफायनरी, कोरोमंडेल फर्टिलाइजर लि., एनटीपीसी सिमहादरी पावर प्लांट, आंध्रा पेट्रोकेमिकल्स लि. हेतरो ड्रग्स फार्मा सहित अन्य बड़ी कंपनियां हैं।
राजस्थान सरकार और हिन्दुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लि. (एचपीसीएल) ने एचपीसीएल राजस्थान रिफायनरी लि. कंपनी बनाई है। इसमें एचपीसीएल की 74 प्रतिशत और राजस्थान सरकार की 26 प्रतिशत भागीदारी है। प्रोजेक्ट लागत 43129 करोड़ रुपए आंकी गई है। 10993 बीघा जमीन पर अब तक करीब 1626 करोड़ रुपए के काम हुए है। -रिफायनरी का काम वर्ष 2024 में पूरा होना है। इससे राज्य सरकार को 20 हजार करोड़ रुपए सालाना राजस्व मिलने का आकलन किया गया है। राज्य सरकार को क्रूड आॅयल से वर्ष 2018-19 में 3883.32 करोड़ रुपए और वर्ष 2019-20 में करीब 3500 करोड़ रुपए बतौर रॉयल्टी से मिले। अभी प्रतिदिन 1.75 लाख बैरल क्रूड आॅयल का उत्पादन हो रहा है।