
मोरपाल सुमन, नरेश मीणा और प्रमोद जैन भाया। फोटो पत्रिका
Anta By-Election Results : अंता विधानसभा सीट पर उपचुनाव का परिणाम 14 नवंबर को आएगा। इस सीट का अपना एक संयोग भी रहा है। अंता को 2008, 2013 और 2018 में न सिर्फ विधायक मिला, बल्कि मंत्रिमंडल में प्रतिनिधित्व भी मिला। प्रदेश में जिस पार्टी की सरकार बनी, उसी पार्टी का प्रत्याशी अंता से जीता है।
राजस्थान में परिसीमन के बाद अंता सीट का 2008 में गठन हुआ। इस सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में प्रमोद जैन भाया की जीत हुई। कांग्रेस की ही इस साल प्रदेश में सरकार बनी और भाया मंत्री बने।
इसके बाद 2013 में यहां से भाजपा प्रत्याशी प्रभुलाल सैनी जीते। इस साल प्रदेश में भाजपा की सरकार बनी और प्रभुलाल सैनी मंत्री बने। 2018 में फिर से विधानसभा चुनाव हुए और इस बार यहां एक बार फिर कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में प्रमोद जैन भाया की जीत हुई। प्रदेश में भी कांग्रेस की सरकार बनी और प्रमोद जैन भाया फिर से मंत्री बने।
2023 में यहां भाजपा प्रत्याशी कंवरलाल मीणा विधायक बने और सरकार भी भाजपा की ही बनी। हालांकि, मीणा को मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली। कुछ समय पहले मीणा को एक मामले में सजा हुई, जिससे उनकी विधायकी चली गई। अंता को पहली बार विधानसभा उपचुनाव का सामना करना पड़ रहा है।
बारां. अंता विधानसभा क्षेत्र में मंगलवार को उपचुनाव में 80.21 प्रतिशत मतदान हुआ। इसमें पुरुष मतदाताओं की 82.32 प्रतिशत, महिलाओं की 78 प्रतिशत और अन्य की 75 प्रतिशत भागीदारी रही। उपचुनाव में कुल 2,28,264 मतदाताओं में से 1,83,099 मतदाताओं ने मताधिकार का प्रयोग किया। इनमें 96,141 पुरुष तथा 86,955 महिला व तीन अन्य मतदाता रहे।
अंता सीट का ट्रेंड देखें तो यहां जिसको 50 प्रतिशत के आस-पास या उससे ज्यादा वोट मिले, वह चुनाव जीत जाता है। 2023 के चुनाव में कंवर लाल मीणा को 49.64 प्रतिशत वोट मिले। 2018 में कांग्रेस प्रत्याशी प्रमोद जैन भाया को 58 प्रतिशत से ज्यादा वोट मिले। 2013 में प्रभु लाल सैनी को 48.84 प्रतिशत वोट मिले। 2008 में भाया को 50.29 प्रतिशत वोट मिले।
Published on:
13 Nov 2025 10:46 am
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