
कांग्रेस की बैठक में शक्ति प्रदर्शन करते कार्यकर्ता। फोटो पत्रिका
Rajasthan : जयपुर/अजमेर/कोटा. राजस्थान में नए जिलाध्यक्षों की नियुक्ति को लेकर कांग्रेस के ‘संगठन सृजन अभियान’ के तहत तीन जिलों को छोड़कर लगभग सभी जगह एआइसीसी पर्यवेक्षकों ने जिलों में बैठकों की शुरुआत कर दी है। इन बैठकों में ही कांग्रेस की पुरानी गुटबाजी फिर सतह पर आ गई है। रविवार को कोटा और अजमेर में नेताओं के दो गुटों में जमकर नारेबाजी और बहस हुई। अजमेर में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट समर्थक आमने-सामने आ गए, तो कोटा में पूर्व मंत्री शांति धारीवाल और पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल के समर्थकों में तनातनी हो गई।
गहलोत-पायलट खेमों की गुटबाजी पर लंबे समय की चुप्पी के बाद हाल ही पूर्व मुख्यमंत्री गहलोत ने चौमूं में टिप्पणी की थी कि गुटबाजी की वजह से कार्यकर्ता सोचते हैं कि एक नेता से मिलें तो कहीं दूसरा नाराज न हो जाए। उनकी इस टिप्पणी के दो दिन बाद ही रविवार को फिर भिड़ंत के दृश्य सामने आ गए। दरअसल संगठन बैठक के दौरान पर्यवेक्षकों के सम्मुख नेता अपने-अपने समर्थकों की जिलाध्यक्ष पद पर पैरवी कर रहे हैं। पर्यवेक्षकों के पास ही नामों की अंतिम रिपोर्ट भेजने की जिम्मेदारी है, इसलिए हर नेता शक्ति प्रदर्शन कर रहा है।
माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में अन्य जिलों में भी टकराव के ऐसे हालात बन सकते हैं। राज्य में कुल 50 जिलों के लिए एआइसीसी ने 30 पर्यवेक्षक नियुक्त किए हैं, जिनमें कुछ को दो-दो जिलों का प्रभार दिया गया है। फिलहाल सवाई माधोपुर, डूंगरपुर और चित्तोड़गढ़ में पर्यवेक्षक नहीं पहुंचे हैं, लेकिन अगले दो-तीन दिन में वहां भी बैठक शुरू हो जाएगी।
अजमेर में केंद्रीय पर्यवेक्षक अशोक तंवर की बैठक के दौरान गहलोत और पायलट समर्थक आमने-सामने आ गए। रायशुमारी के दौरान पायलट खेमे के पूर्व अध्यक्ष विजय जैन जब कार्यों का ब्योरा दे रहे थे, तभी गहलोत खेमे के धर्मेंद्र राठौड़ ने माइक लेकर बोलना शुरू कर दिया। इस पर हंगामा हो गया और दोनों पक्षों के बीच नारेबाजी हुई और धक्का-मुक्की तक की नौबत आ गई। बाद में पर्यवेक्षक तंवर और विधायक रूपिंदर सिंह कुन्नर ने बीच-बचाव कर मामला शांत कराया।
राजधानी जयपुर में शहर जिलाध्यक्ष को लेकर अंदरूनी राजनीति तेज हो गई है। सभी विधानसभा क्षेत्रों के प्रत्याशी रह चुके नेता खुद दावेदारी कर रहे हैं या अपने समर्थकों के माध्यम से ताल ठोक रहे हैं। दूसरे दावेदारों ने समर्थन जुटाने के लिए संगठन से जुड़े पदाधिकारियों से संपर्क साधना शुरू कर दिया है। राजधानी में भी खींचतान के आसार है।
कोटा में पार्टी कार्यालय में केन्द्रीय पर्यवेक्षक की बैठक के दौरान विधायक शांति धारीवाल और पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल के समर्थक आमने-सामने हो गए। करीब 20 मिनट तक जमकर नारेबाजी हुई। बैठक में धारीवाल व गुंजल अपने समर्थकों के साथ मौजूद थे। तभी गुंजल समर्थकों ने अपने नेता के पक्ष में नारेबाजी शुरू कर दी। इसके बाद धारीवाल समर्थक भी नारेबाजी करने लगे। इससे टकराव की स्थिति बन गई। अचानक हंगामा होने पर पर्यवेक्षक बैठक छोड़कर कमरे में चले गए। धारीवाल ने कार्यकर्ताओं को शांत करवाया। उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत नारे नहीं लगाएं। कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी के ही नारे लगाएं। यह कहकर धारीवाल भी बैठक छोड़कर चले गए।
Published on:
06 Oct 2025 09:53 am
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