डोटासरा ने यह बातें शुक्रवार रात विधानसभा में शिक्षा अनुदान की मांगों पर चर्चा के जवाब में कहीं। उन्होंने सीधे तौर पर भाजपा पर आरएसएस की विचारधारा को बच्चों पर थोपकर महापुरूषों का इतिहास मिटाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि भाजपा शासन में कक्षा 11 की राजनीति विज्ञान की किताब में साथियों के फांसी होने पर चंद्रशेखर आजाद के साहस टूटने की बात पढ़ाई गई। उन्होंने कहा कि शहीदों के नाम पर पिछले छह महीने में 44 स्कूलों को किया गया। डोटासरा ने कहा कि भावी पीढ़ी की जरूरत को हम समझ नहीं पाए, जिसकी वजह से सरकारी स्कूल पिछड़ गए और निजी स्कूल आगे निकल गए। उन्होंने निजी स्कूलों को बड़ी-बड़ी दुकानें करार दिया।
आरटीई आयसीमा ढाई लाख
डोटासरा ने कई अहम घोषणाएं भी की। इसके तहत 398 सरकारी स्कूलों में कृषि संकाय खोले जाएंगे। शिक्षक दिवस पर अब 1101 शिक्षकों को सम्मानित किया जाएगा। जबकि सरकारी स्कूलों में वार्षिकोत्सव के लिए बजट दिया जाएगा। वहीं आरटीई के लिए आयसीमा ढाई लाख रुपए प्रति वर्ष की जाएगी। शिक्षकों को ट्रांसफर के लिए पर्ची लेकर भटकना नहीं पड़ेगा। इस तरह से होने वाली बदनामी को बंद कर ट्रांसफर के लिए ऑन लाइन आवेदन लिए जाएंगे।