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Jaipur: फुटपाथ खाली कराने को लेकर हाईकोर्ट सख्त, अतिक्रमी को संरक्षण देने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई के निर्देश

कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि अतिक्रमण चिन्हित करते समय मास्टर प्लान व जोनल डेवलपमेंट प्लान के मानकों का ध्यान रखा जाए। अतिक्रमी को संरक्षण देने में किसी अधिकारी या पुलिस अधिकारी की भूमिका सामने आए तो उसे बख्शा नहीं जाए।

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जयपुर

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Kamal Mishra

Aug 23, 2025

High Court strict on clearing footpaths

फाइल फोटो- पत्रिका

जयपुर। प्रदेश में सड़क व फुटपाथ पर हो रहे अतिक्रमण से नाराज हाईकोर्ट ने इन्हें हटाने के लिए राज्य सरकार को नगर निगमों व नगर परिषदों के माध्यम से अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि अतिक्रमण चिन्हित करते समय मास्टर प्लान व जोनल डेवलपमेंट प्लान के मानकों का ध्यान रखा जाए। अतिक्रमी को संरक्षण देने में किसी अधिकारी या पुलिस अधिकारी की भूमिका सामने आए तो उसे बख्शा नहीं जाए।

अतिक्रमण करने वालों के प्रति सहानुभूति नहीं दिखा सकते, लेकिन कार्रवाई से पहले प्रभावित व्यक्ति को 7 से 8 दिन का समय दिया जाए। इस संबंध में सात अक्टूबर को कार्रवाई रिपोर्ट पेश की जाए, वहीं नगरीय विकास विभाग का जिम्मेदार अधिकारी तथा जेडीए सहित अन्य विकास प्राधिकरणों की प्रवर्तन शाखा के मुखिया भी कोर्ट में हाजिर हों, अधिकारी हाजिर हों।

जनहित याचिका पर कोर्ट की सुनवाई

न्यायाधीश संजीव प्रकाश शर्मा और न्यायाधीश संजीत पुरोहित की खंडपीठ ने विनोद कुमार बोयल की जनहित याचिका को पुनर्जीवित कर यह आदेश दिए। याचिकाकर्ता ने प्रार्थना पत्र पेश कर अवमानना कर्ता के रूप में एक अधिकारी को पक्षकार बनाने की गुहार की। इस पर कोर्ट ने प्रार्थना पत्र खारिज करते हुए कहा कि अवमानना के मामले में किसी व्यक्ति को बाद में पक्षकार बनाने का नियम नहीं है। अवमानना प्रकरण उस अधिकारी तक सीमित रहता है, जिसे निर्देश दिए गए थे। साथ ही, कहा कि कोई भी कोर्ट अतिक्रमण को प्रोत्साहित करने के लिए अधिकृत नहीं है।

कोर्ट के यूडीएच व जेडीए को निर्देश

  • शहर को जोड़ने वाले मार्गो पर अतिक्रमण चिन्हित करते समय मास्टर प्लान का ध्यान रखें।
  • सडक़ों और फुटपाथ पर कोई भी अतिक्रमण नहीं रहना चाहिए।
  • किसी ग्राम प्राधिकारी की ओर से जारी पट्टा या कोर्ट का आदेश अतिक्रमण हटाने में आड़े नहीं आए।
  • अतिक्रमण हटाने से पूर्व प्रभावित व्यक्ति को 7-8 दिन का समय दिया जाए, जिससे वह कब्जा हटा सके।
  • अतिक्रमण करने वाला कब्जा नहीं हटाए तो प्रशासन कब्जा हटाए और उसका खर्च अतिक्रमी से वसूल हो।