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झालाना मर्डर केस: उम्मेद की मौत से उजड़ा घर, पिता-भाई के बाद परिवार का तीसरा सहारा भी छिना, परिजनों के लिए उठी मदद की मांग

जयपुर के मालवीय नगर स्थित झालाना बस्ती में छह दिन पहले हुए हमले में घायल उम्मेद सिंह भाटी (36) की एसएमएस अस्पताल में मौत के बाद इलाके में आक्रोश भड़क गया। लोगों ने आरोपी को फांसी, परिवार को 50 लाख मुआवजा, नौकरी और डेयरी बूथ की मांग करते हुए डेढ़ घंटे चक्का जाम किया।

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जयपुर

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Arvind Rao

Dec 03, 2025

Jaipur Malviya Nagar Jhalana young man Ummed Singh Bhati
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मृतक उम्मेद सिंह भाटी और प्रदर्शन करते हुए लोग (फोटो- पत्रिका)

जयपुर: मालवीय नगर स्थित झालाना बस्ती में छह दिन पहले हुए जानलेवा हमले में घायल हुए युवक उम्मेद सिंह भाटी (36) ने मंगलवार सुबह एसएमएस अस्पताल में दम तोड़ दिया। उम्मेद की मौत की सूचना मिलते ही झालाना बस्ती निवासी लोग आक्रोशित हो गए और कैलगिरी मार्ग पर स्थित झालाना प्याऊ चौराहे पर एकत्र होकर चक्का जाम कर दिया।

प्रदर्शनकारी आरोपी को फांसी की सजा दिलाने, मृतक परिवार को तुरंत 50 लाख रुपए की आर्थिक सहायता, परिवार के एक सदस्य को नौकरी और एक डेयरी बूथ आवंटित करने की मांग कर रहे थे। करीब डेढ़ घंटे तक मार्ग अवरुद्ध रहा, जिससे यातायात व्यवस्था चरमरा गई और स्कूली बच्चों व आमजन को खासी परेशानी हुई।

जाम की सूचना मिलते ही पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे और प्रदर्शनकारियों से बातचीत शुरू की। पुलिस ने यातायात को तत्काल अन्य मार्गों से डायवर्ट कराया। पुलिस अधिकारियों ने प्रदर्शनकारियों से उनकी मांगों से संबंधित ज्ञापन जिला कलक्टर तक पहुंचाने का आश्वासन दिया, जिसके बाद प्रदर्शन समाप्त हुआ और मार्ग सुचारू रूप से खुल सका।

यह था मामला

मृतक उम्मेद सिंह के ममेरे भाई राम सिंह ने बताया कि 27 नवंबर की देर रात करीब दो बजे स्थानीय निवासी नीरज सेन ने कहासुनी के बाद उम्मेद पर पत्थर से हमला कर दिया था। सिर पर गंभीर चोट लगने के कारण उम्मेद तभी से अस्पताल में भर्ती थे, जहां मंगलवार सुबह उनकी मौत हो गई।

मालवीय नगर थानाधिकारी वीरेंद्र सिंह ने बताया कि पुलिस ने 29 नवंबर को ही मुख्य आरोपी नीरज सेन को गिरफ्तार कर जेल भिजवा दिया था। युवक की मौत के बाद मामले में हत्या की धारा जोड़ दी गई है।

पहले पिता, फिर भाई और अब उम्मेद की मौत


मृतक के परिजन ने बताया कि उम्मेद के पिता की कई वर्ष पहले और भाई की कुछ वर्ष पहले मौत हो चुकी है। अब उम्मेद की मौत होने से परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। परिवार में अब सिर्फ विधवा मां, भाभी, उम्मेद की पत्नी और छोटे बच्चे ही रह गए हैं। परिवार की आर्थिक स्थिति बेहद कमजोर है, जिसके चलते प्रदर्शनकारियों ने उनके लिए सरकारी सहायता की मांग की है।