9 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

‘राजस्थान में माइनिंग लॉबी हावी’, हालात पर सुप्रीम कोर्ट चिंतित, रणथम्भौर अभयारण्य मामले पर हुई सुनवाई

शीर्ष न्यायाधीशों के रणथम्भौर दौरे से लौटने के बाद पर्यावरण, प्राकृतिक संसाधन और वन्यजीवों को लेकर सुप्रीम कोर्ट लगातार सख्त रुख दिखा रहा है। मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई ने मंगलवार को टिप्पणी की कि राजस्थान में माइनिंग लॉबी बहुत मजबूत और हावी है।

2 min read
Google source verification

जयपुर

image

Arvind Rao

Sep 18, 2025

Mining Lobby Dominates

राजस्थान में माइनिंग लॉबी हावी (फोटो- पत्रिका)

जयपुर: रणथम्भौर दौरे से लौटने के बाद सुप्रीम कोर्ट पर्यावरण, प्राकृतिक संसाधन और वन्यजीव संरक्षण को लेकर लगातार सख्त रुख दिखा रहा है। मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई ने मंगलवार को टिप्पणी की कि राजस्थान में माइनिंग लॉबी बेहद मजबूत और हावी है, वे कुछ भी कर सकती हैं। लेकिन हम बाघों की कीमत पर कोई समझौता नहीं करेंगे।


मुख्य न्यायाधीश गवई और न्यायाधीश के. विनोद चन्द्रन की खंडपीठ ने बुधवार को टीएन गोडावर्मन मामले की सुनवाई की। इस दौरान राज्य सरकार ने रणथम्भौर से जुड़े बिंदुओं पर जवाब देने के लिए समय मांगा। वहीं, सेंट्रल एम्पावर्ड कमेटी (सीईसी) ने अंतिम रिपोर्ट पेश करने के लिए कोर्ट से अतिरिक्त समय की मांग की। अब इस मामले पर सुनवाई 8 अक्टूबर को होगी।


याचिका में उठे मुद्दे


पर्यावरणविद गौरव कुमार बंसल की ओर से दायर याचिका में आरोप लगाया गया कि रणथम्भौर में भारी मात्रा में अवैध खनन, अतिक्रमण और होटल-रेस्टोरेंट जैसे अवैध निर्माण हो रहे हैं। साथ ही पर्यटन को लेकर भी मनमानी जारी है।


सीईसी के सामने मुख्य बिंदु


-कोर एरिया और बफर जोन में अवैध खनन।
-अवैध व्यावसायिक निर्माण और अतिक्रमण।
-त्रिनेत्र गणेश मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी आवाजाही।
-ईको सेंसेटिव जोन की अधिसूचना में देरी।
-प्राचीन स्मारकों का संरक्षण।
-ईको सेंसेटिव जोन में होटल और फार्म हाउस का निर्माण।


होटल-रेस्टोरेंट और फार्म हाउसों की भरमार


सवाईमाधोपुर में रणथम्भौर टाइगर रिजर्व के ईको सेंसेटिव जोन में होटल और फार्म हाउसों की संख्या लगातार बढ़ रही है। वर्ष 2011 में आरटीआई के तहत दी गई जानकारी के अनुसार 500 मीटर परिधि में 38 निर्माण थे, जो अब बढ़कर 50 से अधिक हो चुके हैं।


अवैध खनन जारी


क्षेत्र में मिट्टी और पत्थर का अवैध खनन बेरोकटोक जारी है। रणथम्भौर रोड पर राजीव गांधी संग्रहालय के पास, उलियाणा गांव, बसोखुर्द और भूरी पहाड़ी क्षेत्र में पत्थरों का अवैध खनन सामने आया है। उलियाणा में वर्ष 2024 में खनन के चलते इंसानों और वन्यजीवों का आमना-सामना भी हो चुका है।


सीईसी की रिपोर्ट, सीईसी की ओर से सुप्रीम कोर्ट को सौंपी रिपोर्ट में कहा गया कि…


-त्रिनेत्र गणेश मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ प्रबंधन के लिए एक ट्रस्ट बनाया जाना चाहिए।
-कचीदा माता मंदिर का अवैध विस्तार रोका जाए।
-अवैध खनन और निर्माण पर मामले तो दर्ज हुए हैं, लेकिन गिरफ्तारियां नहीं हुई हैं।


जांच के लिए बनी समिति


इस मामले की जांच के लिए एक समिति गठित की गई है, जिसमें शामिल हैं, सवाईमाधोपुर कलक्टर, रणथम्भौर टाइगर रिजर्व क्षेत्र निदेशक और सीईसी सदस्य। यह समिति क्षेत्र का दौरा कर मंदिर ट्रस्ट और अन्य पक्षों की सुनवाई करेगी।