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जयपुर के नगर निगमों के विलय पर PIL, राजस्थान हाईकोर्ट में आज होगी सुनवाई

Rajasthan High Court : जयपुर में हैरिटेज निगम और ग्रेटर निगम को मिलाकर एक नगर निगम बनाने के सरकार के फैसले के खिलाफ दायर याचिका पर हाईकोर्ट में आज गुरुवार को सुनवाई होगी।

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Jaipur Municipal Corporations Merger Rajasthan High Court Hearing PIL Today

फाइल फोटो पत्रिका

Rajasthan High Court : जयपुर में हैरिटेज निगम और ग्रेटर निगम को मिलाकर एक नगर निगम बनाने के सरकार के फैसले के खिलाफ दायर याचिका पर हाईकोर्ट में आज गुरुवार को सुनवाई होगी। कांग्रेस नेता आरआर तिवाड़ी ने जनहित याचिका दायर कर स्वायत्त शासन विभाग की 27 मार्च 2025 की अधिसूचना को चुनौती दी है। याचिका में कहा है कि राजनीति से प्रेरित होकर चुनावी लाभ के लिए दोनों नगर निगमों का विलय किया जा रहा है। पूर्ववर्ती सरकार ने बढ़ती जनसंख्या के मद्देनजर शहर के विकास के लिए दो निगम बनाने का निर्णय किया।

वार्ड संख्या 250 से घटाकर 150 कर देना उचित नहीं

याचिकाकर्ता के अनुसार जयपुर की शहरी आबादी लगभग 45 लाख है। बढ़ते शहरीकरण के हिसाब से वार्ड संख्या 250 से घटाकर 150 कर देना उचित नहीं है। निगमों के विकास से शहर का विकास अवरुद्ध होगा और प्रशासनिक ढांचा प्रभावित होगा।

नागरिकों का जनप्रतिनिधित्व हो जाएगा कम

याचिका में कहा गया कि शीघ्र ही निगम सीमा में शामिल 80 गांवों की करीब 1.75 लाख की आबादी को शामिल किया गया है। दोनों निगमों के एकीकरण से बढ़ी हुई आबादी के बावजूद नागरिकों का जनप्रतिनिधित्व कम हो जाएगा।

गठित विशेष संस्थानों का अस्तित्व हो जाएगा समाप्त

याचिका में कहा गया कि अब इसके पुनः विलय से यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज सिटी के लिए गठित विशेष संस्थानों जैसे हेरिटेज कमेटी, तकनीकी हेरिटेज समिति और हेरिटेज सेल का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा।

चुनावी लाभ के लिए उठाया गया कदम

राजस्थान सरकार के विलय का यह निर्णय आमजन की सलाह और कानूनी प्रावधानों का पालन किए बिना लिया गया है। याचिका में यह भी आरोप लगाया गया कि यह कदम पूरी तरह से राजनीतिक प्रेरणा और चुनावी लाभ के लिए उठाया गया है।