
नवजात और सिमरन (फोटो- पत्रिका)
Jaipur News: राजधानी जयपुर में सांगानेरी गेट स्थित महिला चिकित्सालय में एक नवजात की संदिग्ध हालात में मौत हो गई। परिजन ने अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही का गंभीर आरोप लगाया है।
उनका कहना है कि डिलीवरी के बाद नवजात स्वस्थ था। लेकिन नर्सिंग स्टॉफ की अनदेखी और बच्चे को इंजेक्शन लगाने के बाद उसकी हालत बिगड़ती चली गई। लालकोठी थाना पुलिस ने शिकायत के आधार पर 28 सितंबर को मर्ग दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।
पुलिस ने बताया कि मुरलीपुरा स्कीम निवासी फखरूद्दीन गौरी ने दर्ज रिपोर्ट में बताया कि उसकी बहू सिमरन (21) को 23 सितंबर की रात आठ बजे सांगानेरी गेट महिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया था। 24 सितंबर को शाम करीब 7 बजे सिमरन ने एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया। शुरुआत में दोनों ठीक थे।
परिजन के अनुसार, 25 सितंबर की सुबह नवजात को दो इंजेक्शन लगाए गए। इसके बाद रात 10 बजे बच्चे ने रोना शुरू कर दिया। जब नर्सिंग स्टॉफ को दिखाया तो उन्होंने कहा कि सब सामान्य है और बच्चे को वापस भेज दिया।
रात करीब 12 बजे नवजात की हालत बिगडऩे पर नर्सिंग स्टॉफ ने उसे अपनी निगरानी में ले लिया। आधे घंटे बाद डॉक्टर ने बाहर आकर बताया कि बच्चा नीला पड़ गया है। सुबह 6 बजे परिजन को बुलाकर कहा गया कि नवजात की हालत गंभीर है और उसकी बचने की संभावना केवल 10 प्रतिशत है।
डॉक्टरों ने उन्हें बताया कि बच्चे को जन्म से ही हृदय संबंधी समस्या थी। कुछ ही देर में नवजात की मौत की सूचना दी गई। मृतक के शरीर पर नीले धब्बे थे, जिसके बारे में नर्सिंग स्टॉफ का कहना था, बच्चे के शरीर में खून फिल्टर नहीं हो पा रहा था। जब उन्होंने पोस्टमॉर्टम की मांग की तो हॉस्पिटल स्टॉफ ने उन्हें डराया-धमकाया और जबरन दस्तावेज पर साइन करवा लिए। इसके बाद शव सौंप दिया।
बच्चे को पहले से हार्ट संबंधी दिक्कत थी और उसकी सांस की नली में दूध भी पाया गया। मौत की वजह हार्ट की समस्या हो सकती है, क्योंकि हृदय संबंधी कई बीमारियों के लक्षण 24 से 48 घंटे बाद सामने आते हैं। परिजन को यह लगता है कि बच्चा बिल्कुल ठीक था और अचानक मौत हो गई।
-डॉ. विष्णु अग्रवाल, नर्सरी इंचार्ज, महिला चिकित्सालय
Published on:
03 Oct 2025 08:05 am
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