
KathaVachak Indresh Upadhyay wedding (Patrika Photo)
Katha Vachak Indresh Upadhyay wedding: वृंदावन (मथुरा) के प्रसिद्ध युवा कथावाचक इंद्रेश उपाध्याय आज जयपुर के ताज आमेर होटल में वैवाहिक बंधन में बंधने जा रहे हैं। तीन दिन से चल रहे भव्य समारोह में देश की धार्मिक, सामाजिक और संगीत जगत की कई हस्तियां शामिल हो रही हैं।
बता दें कि हरियाणा के यमुनानगर की रहने वाली शिप्रा शर्मा के साथ होने वाला यह विवाह इन दिनों सोशल मीडिया पर भी चर्चा का विषय बना हुआ है। बुधवार रात इंद्रेश उपाध्याय अपने परिवार के साथ जयपुर पहुंचे, जिसके साथ ही शादी के उत्सवों की शुरुआत हो गई।
गुरुवार सुबह मेहंदी और हल्दी की रस्में पूरे पारंपरिक अंदाज में आयोजित की गईं। शिप्रा ने इंद्रेश के हाथों पर मेहंदी रचाई, जबकि परिवार की महिलाओं और मित्रों ने भी रस्मों का आनंद लिया। इसके बाद लगन की रस्म संपन्न हुई।
शाम को आयोजित संगीत समारोह इस शादी का सबसे आकर्षक हिस्सा रहा। स्टेज पर पहले इंद्रेश के माता-पिता प्रसिद्ध रामकथा और भागवत कथावाचक कृष्ण चंद्र ठाकुर एवं उनकी धर्मपत्नी ने नृत्य कर सभी का मनमोह लिया। इसके बाद परिवार की बहनों और रिश्तेदारों ने भी प्रस्तुति दी।
संगीत कार्यक्रम का सबसे बड़ा आकर्षण थे बॉलीवुड के मशहूर सिंगर बी प्राक, जो इंद्रेश के करीबी मित्र भी हैं। उन्होंने अपने कई हिट गीत गाए और साथ ही इंद्रेश द्वारा गाए गए लोकप्रिय भजनों की धुनें भी मंच पर सुनाईं। मेहमानों ने देर रात तक संगीत समारोह का आनंद लिया।
इंद्रेश उपाध्याय की लोकप्रियता केवल उनके भजनों तक सीमित नहीं है। वे मथुरा-वृंदावन के प्रमुख युवा कथावाचकों में शुमार हैं और संत समाज में उनके परिवार की गहरी पहचान है। यही कारण है कि विवाह समारोह में धार्मिक-जगत की कई जानी-मानी हस्तियां पहुंच रही हैं।
कथावाचिका जया किशोरी, ब्रज के प्रमुख संत और कार्ष्णि पीठाधीश्वर गुरु शरणानंद, बागेश्वर धाम के धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री, श्री मलूक पीठाधीश्वर संत राजेंद्रदास, प्रसिद्ध कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर, पुंडरीक गोस्वामी, संत अलबेली माधुरी शरण समेत अनेक संतों ने नवदंपती को आशीर्वाद देने के लिए अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है। जयपुर के प्रमुख मंदिरों से जुड़े संत महंत भी इस विवाह में शामिल हो रहे हैं। गोविंद देवजी मंदिर के महंत अंजन गोस्वामी विशेष रूप से समारोह में पहुंचे हैं।
बुधवार को वृंदावन में पारंपरिक निकासी की रस्म संपन्न हुई। इंद्रेश उपाध्याय घोड़ी पर पारंपरिक अंदाज में सवार हुए। उनके हाथों में चांदी की छड़ी, सिर पर ऑफ-व्हाइट पगड़ी और बदन पर खूबसूरत ऑफ-व्हाइट शेरवानी थी। इस जुलूस में उनकी भतीजी भी उनके साथ घोड़ी पर बैठी थीं। परिवार और भक्तों ने ढोल-नगाड़ों के बीच इस रस्म को अत्यंत भव्य बनाया।
इसके पहले उनके घर पर भी कई परंपरागत रस्में निभाई गईं। इन कार्यक्रमों की झलकियां सोशल मीडिया पर लगातार वायरल होती रहीं, जिनमें इंद्रेश के नृत्य और परिवार की झूमती तस्वीरें विशेष रूप से चर्चा में रहीं।
परिवार ने विवाह को भव्य रूप देने में कोई कमी नहीं छोड़ी है। विवाह के निमंत्रण पत्र के साथ वृंदावन के प्रमुख मंदिरों का विशेष प्रसाद भेजा गया है। इसमें राधारमण मंदिर का मिश्री-इलायची प्रसाद, तुलसी तथा अन्य मंदिरों के लड्डू प्रसाद शामिल हैं। आमंत्रण पत्र की यह अनोखी परंपरा लोगों में काफी चर्चा का विषय बनी हुई है।
आज शुक्रवार सुबह 10 बजे से दोपहर एक बजे तक विवाह की मुख्य रस्में वैदिक रीति-रिवाज के अनुसार संपन्न होंगी। देशभर से आ रहे संतों और मेहमानों को ध्यान में रखते हुए होटल परिसर को पारंपरिक और आधुनिक शैली के मिश्रण से सजाया गया है।
इंद्रेश उपाध्याय वृंदावन और मथुरा के प्रसिद्ध युवा कथावाचकों में शामिल हैं। वे अपने मधुर भजनों, कथा वाचन और धार्मिक आयोजनों में अद्भुत ऊर्जा के लिए पहचाने जाते हैं। उनके पिता कृष्ण चंद्र ठाकुर स्वयं विख्यात रामकथा एवं भागवत कथावाचक हैं, जिनकी वजह से बचपन से ही इंद्रेश आध्यात्मिक माहौल में पले-बढ़े। उनकी भजनों की शैली और कथा की सरल भाषा युवाओं में भी काफी लोकप्रिय है।
इंद्रेश उपाध्याय की होने वाली पत्नी शिप्रा शर्मा हरियाणा के यमुनानगर की रहने वाली हैं। उनका परिवार धार्मिक और सांस्कृतिक परंपराओं से जुड़ा माना जाता है। शांत और सौम्य व्यक्तित्व वाली शिप्रा फिलहाल उच्च शिक्षा पूर्ण कर चुकी हैं। शादी के कार्यक्रमों में उनकी खूबसूरत और संयमित उपस्थिति लोगों का ध्यान खींच रही है।
Published on:
05 Dec 2025 08:40 am
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