
आपके सवालों के जवाब फैमिली एस्ट्रो स्पेशल पर
ज्योतिषाचार्य: पं. मुकेश भारद्वाज के साथ
यहां पाएं चार तरह की एस्ट्रो विधाओं के टिप्स
1). अंकगणित
2). टैरो कार्ड
3). वैदिक ज्योतिष (सनसाइन-मूनसाइन)
4). वास्तु शास्त्र
यह कॉलम उन पाठकों के लिए है जो ज्योतिष शास्त्र के माध्यम से भविष्य के पूर्वानुमानों में भी रुचि रखते हैं। भविष्य के पूर्वानुमान लगाने की लगभग सभी लोकप्रिय विधाओं को समाहित कर इस क्षेत्र में रुचि रखने वाले पाठकों के लिए यह देश में एक नए तरह की पहल है। जिसमें पाठक ना केवल दिन से जुड़ी सम्भावनाओं की जानकारी लें सकेगें साथ ही भविष्य से जुड़े प्रश्न भेज पूर्वानुमान प्राप्त कर सकेगें।
इस कॉलम में अंकगणित टैरो कार्ड, सनसाइन, वैदिक ज्योतिष एवं मून साइन के अनुसार ग्रह नक्षत्र के समग्र प्रभाव का पूर्वानुमान और संभावना पर लगातार जानकारियों को साझा करेंगे।
ज्योतिषाचार्य: पं. मुकेश भारद्वाज
अंकगणित के अनुसार आज का मूलांक 5 है और भाग्य अंक 8 है। इसके मायने यह है की आज के दिन में जहां एक ओर व्यवसाय गत ऊर्जा प्रचुर मात्रा में उपलब्ध होगी वहीं परिश्रम और कूटनीति के लिए भी पर्याप्त ऊर्जा उपलब्ध रहेगी। अगर समग्र रूप से देखा जाए तो आज के दिन में वे लोग ज्यादा सफलता अर्जित करेंगे जिन्हें परिश्रम पूर्वक अपने कार्य करने की आदत है। साथ में खुद की पूंजी के साथ किया गया व्यापार में ज्यादा लाभ होता दिखाई दे रहा है। रुका हुआ पैसा मिलना और नए व्यापारिक समझौते होना आज के दिन का विशेष प्रभाव रहेगा। ऐसे लोग जो किन्ही कारणों से स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से ग्रसित है उन्हें राहत मिलती हुई दिखाई दे रही है। बैंकिंग सेगमेंट में काम करने वाले लोगों को तनाव का सामना करना पड़ सकता है।
टैरो कार्ड में आज का कार्ड है द टावर के साथ सूट ऑफस् वार्डस है। इसके मायने हैं कि आज के दिन में तेजी से बदलाव के साथ थोड़ी निराशा और नकारात्मकता भी दिखाई देती है। ऐसे में किसी मार्गदर्शक या अपने कोच गाइड या आदर्श व्यक्तित्व के साथ जुड़कर उस के सानिध्य में अपने विचारों को वार्तालाप को या किसी प्रकार की निराशा में केवल उनके साथ कुछ समय गुजार कर अपने तनाव को कम करने या अपने तनाव के सही हल निकालने में मदद ले सकते हैं। आज के दिन अकेले रहना और अपने ही विचारों मैं निरंतर निराशा के साथ अपने आप को पिछली घटनाओं के लिए जिम्मेदार ठहराना परेशानियों को बढ़ाने वाला सिद्ध हो सकता है। बाहर निकले और लोगों से परामर्श करें तभी सकारात्मक परिणाम आ पाएंगे।
सन साइन आज के दिन कार्यस्थल पर विशेष उपलब्धियों के साथ योजनाबद्ध और त्वरित कार्य होने की संभावना है। सभी अपने कार्यों पर पूरी तरह एकाग्रता दिखाते हुए एक-दूसरे को सहयोग करते हुए दिखाई दे रहे हैं। साथी कर्मियों द्वारा एक दूसरे को सहयोग प्रदान करके आगामी कार्यों में अपने लिए विशेष सफलता की संभावना आरंभ करने का दिन भी आज ही है। उच्चाधिकारियों की कठोरता और साथी कर्मियों की एकता से आने वाली समस्या कुछ समय के लिए चल सकती है।
मूनसाइन आज के दिन भावनात्मक संबंधों में थोड़ा रूखापन और एक दूसरे के प्रति नकारात्मकता के साथ वार्तालाप होने की संभावना दिखाई देती है। इसके साथ ही पूर्व में किए गए आर्थिक लेनदेन पर भी कटुता पूर्ण वार्ता आज के दिन को और ज्यादा तनावपूर्ण बना सकती है। संभव हो तो अपने सारे ड्यू ज इमानदारी से क्लियर करते हुए या स्वीकार करते हुए शब्दों में इमानदारी और व्यवहार में ट्रांसपेरेंसी दिखाने का सही समय है। जरा भी नकारात्मकता संबंधों को निराशा की ओर ले जा सकती है आज के दिन की ऊर्जा इसमें महत्वपूर्ण रोल निभाएगी।
कैसा रहेगा इस सप्ताह आपका रिश्ते संबंधो का राशिफल?
रिश्ते संबंधों के लिए यह सप्ताह बहुत ही निर्णायक सिद्ध हो सकता है। भावनात्मक संबंधों में वे लोग जो अपने संबंधों को गंभीरता से आगे बढ़ाना चाहते हैं उनके लिए भी और जो किन्ही कारणों से अपने संबंधों में तनावपूर्ण स्थितियों को सह रहे हैं उनके लिए भी। यह सप्ताह एक ऐसी ऊर्जा लेकर आया है जिसमें दोनों पक्ष संबंधों को लेकर के निर्णायक स्थिति की मांग करें। सप्ताह के प्रथम 2 दिन आर्थिक रूप से पिछले लेनदेन पर बातचीत का और सप्ताह का मध्य भाग पुराने भावनात्मक तनाव को एक बार फिर से बातचीत या किसी घटना के जरिए सामने ला सकता है। सप्ताह का अंत एक मरहम की तरह से गुरुजनों या किसी पारिवारिक अनुभवी व्यक्ति के माध्यम से संबंधों में पुनर्स्थापना की एक कोशिश के साथ हो सकता है। वह लोग जो संबंधों को स्थाई रखना चाहते हैं इसका लाभ उठाएं ऐसी संभावना है सप्ताह का अंत उन लोगों के लिए भी बहुत सारी खुशियां लेकर आ रहा है जो अपने संबंधों को आगे बढ़ाना चाहते हैं।
आपका सवाल
प्रश्न: पूजा करते समय आसन का प्रयोग क्यों करना चाहिए?
उत्तर: पूजा करते समय आसन का प्रयोग बहुत ही आवश्यक माना गया है। क्योंकि ऐसा माना जाता है की पृथ्वी की गुरुत्वाकर्षण शक्ति और नॉर्थ पोल टू साउथ पोल बहती हुई इलेक्ट्रोमैग्नेटिक वेव्स उस व्यक्ति के जो पूजा में संलग्न है और ध्यान मग्न है मेडिटेशन या साधना कर रहा है से जुड़ जाती है। अपने बहाव के साथ उस व्यक्ति के साधना और ध्यान को भी अपने साथ बहा ले जाती है। ऐसे में माना जाता है की व्यक्ति को अपने किए गए साधना का लाभ कम मिल पाता है। इसलिए यह आवश्यक है की पूजा या ध्यान की अवस्था में आपके बैठने की व्यवस्था ऐसी हो जिसमें विद्युत चुंबकीय तरंगे या ग्रेविटी फोर्स आप पर कम असरकारक हो। हमारे ऋषि-मुनियों ने अन्य अन्य प्रकार की साधना के लिए अलग-अलग आसनों का जिक्र किया है। लेकिन मूलत है आज के परिपेक्ष में देखें तो ऊन से बना हुआ या कंबल का आसन श्रेष्ठ माना गया है। क्योंकि ऊन और कंबल आपकी निर्माण की गई ऊर्जा को कुछ देर अपने में होल्ड करके रखता है। हमारे ऋषि मुनि हमें सनातन संस्कृति के माध्यम से इस बारे में एक समुचित व्यवस्था देकर गए हैं। जिसमें पूजा ध्यान या साधना के उपरांत एकाएक अपने आसन से खड़े नहीं होना चाहिए बल्कि कुछ देर साधना के उपरांत भी अपने आसन पर बैठे रहे और जिस उद्देश्य से आपने साधना की है उसका स्मरण करते हुए अपने सभी पुण्य को ईश्वर को समर्पित करने के बाद आसन को प्रणाम करते हुए और जल का पात्र जो पूजा के लिए काम में लिया गया था उसमें से जल का आचमन करने के बाद उसका छिड़काव करते हुए आसन को एक कोना पकड़ कर के धीरे-धीरे समेटना चाहिए। दोबारा साधना के समय उसे सावधानी से बिना झड़काए धीरे से बिछाना चाहिए ऐसा करने पर हम हमारी की गई साधना मेडिटेशन पूजा का पूर्ण फल प्राप्त कर सकते हैं।
आज का दैनिक राशिफल ज्यो पं चंदन श्याम नारायाण व्यास पंचांगकर्ता के साथ
मेष- पारिवारिक लोगों से सम्बन्ध मधुर होंगे। कार्यस्थल पर किसी से आकर्षित होंगे। भाग्योदय संभव है। जो भी काम करें पूरे आत्मविश्वास के साथ और आनंद से करें। निश्चित सफल होंगे।
वृषभ- नए व्यापार की शुरुआत अनुकूल होगी। कान संबंधित पीड़ा हो सकती है। अनावश्यक विवादों में न बोलें नुक्सान हो सकता है। नौकरी में बदलाव के योग हैं। राजनीति से जुड़े लोग मनचाही सफलता पा सकते हैं।
मिथुन-आर्थिक मामले सुलझने की उमीद है। जिन लोगों की आप ने मदद की थी वही आप का विरोध करेंगे। रूचि अनुसार काम मिलने से मन प्रसन्न रहेगा। सुख सुविधा पर खर्च संभव है। मानसिक अस्थिरता रहेगी।
कर्क- वैचारिक मतभेद दूर होंगे। किसी को अपने मन की बात बताने का मौका मिलेगा। कारोबार में नए सौदे लाभप्रद रहेंगे। रुके कार्य पूरे होने में अभी समय लग सकता है। मांगलिक खर्च संभव है।
सिंह- बीती बातों को भुला कर अपने रिश्तों की नई शुरुआत करें। आप की उन्नती से विरोधी को तकलीफ हो सकती है। राजनीति के चलते शत्रु आप को नुकसान पहुचाने का हर संभव प्रयास करेंगे।
कन्या- सामाजिक वर्चस्व में वृद्धि होगी। मन में किसी बात को ले कर दुविधा है उसी के कारण आप तनाव महसूस कर रहे हैं। उधार दिया पैसा आने में संदेह है। मित्र आप के कार्यों में साहयक होंगे। यात्रा सुखद होगी।
तुला-कार्यस्थल पर सहकर्मी आप की सफलता से इर्ष्या करेंगे। कार्यों में हो रही देरी से चिंतित होंगे। कारोबार में नई तकनिकी का प्रयोग लाभान्वित करेगा। बहनों से झगड़ा हो सकता है। धन आगमन में हो रही रुकावट दूर होगी।
वृश्चिक- धार्मिक माहौल में समय व्यतीत होगा। धनार्जन के नए स्त्रोत स्थापित होंगे। माता के स्वास्थय की चिंता रहेगी। पारिवारिक मांगलिक आयोजनों की रुपरेखा बनेगी। दोस्तों के साथ किसी जरूरी मसले पर चर्चा होगी।
धनु- रुके कार्य और योजनाओं को क्रियाशील करने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे। बिमारी के कारण तनाव पैदा होगा पर घबराए नहीं अपने इष्ट पर भरोसा रखें। सब अनुकूल होगा। जीवन साथी का साथ मिलेगा।
मकर- नई योजनाओं में पूंजी निवेश सोच समझ कर करें। पुराने विवाद से युक्त जमीन जायदाद के मसले लंबित होगे। शत्रु परास्त होंगे। नए संपर्क आप को ख्याती दिलवा सकते हैं। कारोबार विस्तार के योग हैं।
कुम्भ- नया काम शुरू करने से पहले अनुभवियों और बड़ो से मार्ग दर्शन सलाह लें। पूंजी निवेश करने में सतर्क रहें। किसी की बातों में जल्द फस जाते हैं खुद को परिपक्व करें। अध्यन के लिए कर्ज लेना पड़ सकता है।
मीन- आप की आदतों के कारण आप ने अपनों से दूरियां बना ली है। समय रहते अपने सम्म स्वभाव और व्यवहार को बदलें तो अच्छा होगा। आर्थिक स्थिति में पहले से सुधार होगा। नए संपर्क स्थापित होंगे।
ग्रह-नक्षत्र ज्योतिर्विद: पंडित घनश्यामलाल स्वर्णकार के साथ
शुभ वि. सं: 2080
संवत्सर का नाम: पिङ्गल
शाके सम्वत: 1945
हिजरी सम्वत: 1444
मु. मास: सव्वाल-23
अयन: उत्तरायण
ऋ तु: ग्रीष्म
मास: ज्येष्ठ
पक्ष: कृष्ण
श्रेष्ठ चौघडि़ए: आज प्रात: 7-24 बजे से दोपहर 12-23 तक क्रमश्: चर, लाभ व अमृत तथा दोपहर बाद 2-03 बजे से अपराह्न 3-43 तक शुभ के श्रेष्ठ चौघडि़ए हैं एवं दोपहर 11-56 बजे से दोपहर 12-50 तक अभिजित नामक श्रेष्ठ मुहूर्त हैं जो आवश्यक शुभकार्यारम्भ के लिए अत्युत्तम हैं।
तिथि: दशमी पूर्णा संज्ञक तिथि अन्तरात 2-47 बजे तक, तदुपरान्त एकादशी नन्दा संज्ञक तिथि प्रारम्भ हो जायेगी। दशमी व एकादशी तिथियों में विवाह, जनेऊ, प्रतिष्ठा, पौष्टिक, गृहारम्भ, गृह-प्रवेश, यात्रा, अलंकार, देवकार्य और व्रतोपवास आदि सभी कार्य शुभ व सिद्ध होते हैं।
नक्षत्र: शतभिषा ‘‘चर व ऊध्र्वमुख’’ संज्ञक नक्षत्र प्रात: 10-16 बजे तक, तदन्तर पूर्वाभाद्रपद ‘‘उग्र व अधोमुख’’ संज्ञक नक्षत्र है। शतभिषा नक्षत्र में वास्तु, उपनयन, प्रतिष्ठा, वाहनादि क्रय करना आदि कार्य और पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में साहस, काटना, कारीगरी, विद्या, जनेऊ व जलयन्त्र सम्बन्धी सभी कार्य शुभ व सिद्ध होते हैं।
योग: ऐन्द्र नामक नैसर्गिक अशुभ योग प्रात: 6-35 बजे तक, तदन्तर वैधृति नामक अत्यन्त उपद्रवकारी व दुद्र्धर्ष अशुभ योग अन्तरात 3-56 बजे तक, इसके बाद विष्कुम्भ् नामक नैसर्गिक अशुभ योग है। वैधृति नामक योग की समस्त घटियां सदैव सभी शुभकार्यों में सर्वथा वर्जित हैं।
करण: वणिज नामकरण अपराह्न 3-45 बजे तक तन्दतर अन्तरात 2-47 बजे तक भद्रा है। इसके बाद बवादि करण है।
व्रतोत्सव: आज मदर्स डे, वैधृति पुण्यं तथा पंचक सम्पूर्ण दिवारात्रि है।
चन्द्रमा: चंद्रमा अन्तरात 3-24 बजे तक कुम्भ राशि में, तदुपरान्त मीन राशि में रहेगा।
दिशाशूल: रविवार को पश्चिम दिशा की यात्रा में दिशाशूल रहता है, पर आज कुम्भ राशि के चंद्रमा का वास पश्चिम दिशा की यात्रा में सम्मुख रहेगा। यात्रा में सम्मुख चंद्रमा को लाभदायक व शुभप्रद माना जाता है।
राहुकाल (मध्यममान से): सायं 4-30 बजे से से सायं 6-00 बजे तक राहुकाल वेला में शुभकार्यारम्भ यथासंभव वर्जित रखना हितकर है।
सोमवार-15, मई: अपरा एकादशी व्रत स्मार्तों व वैष्णवों का, पंचक सम्पूर्ण दिवारात्रि, भद्रकाली एकादशी (पंजाब में) जलइ क्रीड़ा एकादशी (उड़ीसा में), अन्तर्राष्ट्रीय परिवार दिवस, मेला डूंगरी जातर मनाली प्रा. (हि.प्र. में), जयेष्ठ संक्रान्ति, सूर्य वृष राशि में प्रवेश पूर्वाह्न 11-45 बजे पर, पुण्यकाल सायं 6-09 बजे तक। मंगलवार-16, मई: अपरा एकादशी व्रत निम्बार्कों का, मधु सुदन द्वादशी, पंचक, मुनि अनन्त नाथ जयन्ती, गण्डमूल प्रा. प्रात: 8-15 से।
बुधवार-17, मई: प्रदोष व्रत, वट सावित्री व्रत प्रा. तीन दिन का, मासशिव रात्रि पंचक प्रात: 7-39 तक व विश्व दूरसंचार दिवस तथा गण्डमूल सम्पूर्ण दिवारात्रि। गुरुवार-18, मई: वट सावित्री व्रत द्वितीय दिवस, मुनि शान्ति नाथ जयन्ती, सावित्री चतुर्दशी व फल हारिणी कलिका पूजन (बंगाल में), गण्डमूल प्रात: 7-23 तक।
शुक्रवार-19, मई: देव पितृ कार्य अमावस्या, भावुका अमावस्या, बड़पूजन अमावस्या, वट सावित्री व्रत समाप्त, शनि जयन्ती, सन्त ज्ञानेश्वर जयन्ती। शनिवार-20, मई: श्री गंगा दशाश्व मेध स्नान प्रा. करवीर व्रत।
रविवार-२१, मई: चन्द्र दर्शन 30 मु. दक्षिण श्रृंगोन्नत, रोहिणी व्रत (जैन), तथा राजीव गांधी पुण्य दिवस।
शुभ कार्यारम्भ मुहूर्त
शुभ मुहूर्त: उपर्युक्त शुभाशुभ समय, तिथि, वार, नक्षत्र व योगानुसार आज किसी शुभ व मांगलिक कार्यादि के शुभ व शुद्ध मुहूर्त नहीं है। सोमवार-15, मई: विवाह अति आवश्यक में (संक्रान्ति दिन दोष), गृहारम्भ अति आव. में (अग्नि पंच· व सं·्रान्ति दिन दोष), गृह-प्रवेश अति आव. में (संक्रान्ति पुण्य काल) नामकरण व प्रसूति स्नान सभी उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र में।
मंगलवार-16, मई: सगाई व रोका, विवाह, हलप्रवहण उ.मा. व रेवती नक्षत्रों में चूड़ा पहिनना व प्रसूति के रेवती नक्षत्र में शुभ मुहूर्त।बुधवार-17, मई: विवाह, गृह-प्रवेश, विपणि-व्यापारारम्भ, मशीनरी प्रारम्भ, वाहनादि क्रय-करना, जड़ूला, कर्णवेध, पदग्रहण, हलप्रवहण, जलाशय रामसर प्रतिष्ठा, सगाई व रोका, चूड़ा पहिनना सभी रेवती नक्षत्र में तथा नामकरण अश्विनी नक्षत्र में।
शनिवार-20, मई: विवाह रोहिणी में, गृहारम्भ अ.आ. में रोहिणी में, गृह-प्रवेश अ.आ. में (क्षीण चन्द्र दोष), शल्य चिकित्सा, रोहिणी में।रविवार-21, मई: आठवां पूजन, पुंसवन, सीमन्त·र्म, रोहिणी व मृगशिरा में, देव-प्रतिष्ठा, विवाह, विद्यारम्भ, विपणि-व्यापारारम्भ, जड़ूला, सगाई व रोका, वाहन क्रय करना, मशीनरी प्रा., कूपारम्भ, पद ग्रहण, जलाशय रामसर प्रतिष्ठा, रोहिणी व मृगशिर में तथा प्रसूति स्नान मृगशिरा नक्षत्र में।
वारकृत्य कार्य: रविवार को सभी स्थिर संज्ञक कार्य, राजकार्य, राज्याभिषेक, ललितकला सीखना, नाचना-गाना, मनोरंजन के कार्य, पशु क्रय करना, जड़ी-बूटी संग्रह करना, औषध जुटाना व उनका प्रयोग, धातु कार्य, शिक्षा-दीक्षा, लेना-देना तथा यज्ञादि मन्त्रोपदेश आदि कार्य शुभ व सिद्ध होते हैं।
आज जन्म लेने वाले बच्चे
आज जन्म लेने वाले बच्चों के नाम (सू, से, सो, द, दी) आदि अक्षरों पर रखे जा सकते हैं। अन्तरात 3-24 तक जन्मे जातकों की राशि मीन है। कुम्भ राशि के स्वामी शनि व मीन राशि के स्वामी बृहस्पति जी हैं। प्रात: 10-16 तक जन्मे जातकों का जन्म ताम्रपाद से व इसके बाद जन्मे जातको का जन्म लोहपाद से है। सामान्यत: ये जातक सत्यप्रिय, धनी, दानी, प्रसिद्ध, नेकनाम, राज-समाज में माननीय, ज्योतिष प्रेमी पर सट्टे आदि के शौकीन भी हो सकते हैं। इनका भाग्योदय लगभग 25-26 वर्ष की आयु तक होता है। कुम्भ राशि वाले जातकों को माता के स्वास्थ्य की चिन्ता, जमीन-जायदाद के कार्यों में विवाद या तनाव बढ़ सकता है। मित्रों से सहयोग की अपेक्षा रहेगी।
Published on:
13 May 2023 06:51 pm
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