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Ayodhya Ram Mandir: जयपुर के सरसों के तेल से अयोध्या में बनेंगे राम भक्तों के लिए पकवान, जानें क्या है सीता रसोई की खासियत

Ayodhya Ram Mandir: अयोध्या में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा से पहले तेल के 2100 पीपे की खेप बुधवार को जयपुर से शोभायात्रा के रूप में रवाना हुई। यात्रा की शुरुआत चांदपोल गंगा माता मंदिर से हुई। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने हरी झंडी दिखाकर शोभायात्रा को रवाना किया।

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जयपुर

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Kirti Verma

Jan 11, 2024

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Ayodhya Ram Mandir: अयोध्या में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा से पहले तेल के 2100 पीपे की खेप बुधवार को जयपुर से शोभायात्रा के रूप में रवाना हुई। यात्रा की शुरुआत चांदपोल गंगा माता मंदिर से हुई। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने हरी झंडी दिखाकर शोभायात्रा को रवाना किया। कार्यक्रम में सीएम ने कहा कि सीता रसोई के लिए सामग्री भेजना सौभाग्य की बात है। भगवान राम हमारे आराध्य हैं और वे हमारे रोम-रोम में बसते हैं। अयोध्या दुनिया का सबसे बड़ा सांस्कृतिक केंद्र बन गया।

सीता रसोई के लिए निकाली अनूठी शोभायात्रा
शोभायात्रा धर्मयात्रा महासंघ राजस्थान प्रांत व श्याम भजन संध्या परिवार सेवा समिति की ओर से सीता रसोई के लिए शोभायात्रा निकाली गई। गौरतलब है कि भक्तों और दर्शनार्थियों के लिए दो माह तक चलने वाली रसोई के संचालन के लिए सरसों के तेल के ये पीपे भेजे गए हैं। इसके अलावा घी के पीपे भी भेजे गए हैं।


बग्गी में विराजमान रहे संत
जयपुर सहित अन्य जिलों के 50 से अधिक संत-महंत बग्गी में मौजूद रहे। सुरेश पाटोदिया, शंकर झालानी ने बताया कि घर-घर जाकर सीता रसोई के लिए तेल के पीपे एकत्र किए गए। झांकी में राम, सीता, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न के स्वरूप पालकी में बैठे नजर आए। खासतौर पर 15 से अधिक कलाकार सजीव झांकियों के विशेष श्रृंगार के लिए जनकपुर से जयपुर पहुंचें। शोभायात्रा का रास्ते में जगह-जगह स्वागत किया गया।

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रामगंज में लगे जयश्री राम के जयकारे
गंगा जमुना तहजीब के लिए खास माने जाने वाले गुलाबीनगर में साम्प्रदायिक सौहार्द की झलक देखने को मिली। यात्रा रामगंज से गुजरी तो वहां मौजूद लोगों ने भी भीड़ में जयश्रीराम के नारे लगाए। साथ ही कुछ जगहों पर पुष्पवर्षा भी सर्वसमाज ने मिलकर की।

कई मायनों में ख़ास है सीता रसोई
- राम भक्तों के लिए हो रही है भोजन-प्रसादी तैयार
- राम मंदिर से कुछ ही दूरी पर स्थित है सीता रसोई
- 22 जनवरी से यहां करीब 40 भोजनालय चलेंगे
- टेबल-कुर्सी में बैठाकर परोसा जाता है भोजन-प्रसादी
- कई लोगों को एक साथ बैठाकर भोजन खिलाने की है व्यवस्था
- सीता रसोई मंदिर की संपत्ति पर यूपी सरकार का स्वामित्व


दीपदान का नजारा होगा देखने लायक
हवामहल विधायक स्वामी बालमुकुंदाचार्य ने कहा कि कि पूरे देश को इस दिन का इंतजार है। 528 साल में जो दिवाली नहीं मनी, इस बार 22 जनवरी को मनेगी। जयपुर में अयोध्या की तर्ज पर दीपदान का नजार देखने लायक रहेगा। मंगलवार को रामजी का जन्म हुआ, विवाह भी मंगलवार को ही हुआ। हनुमानजी का जन्म भी मंगल का है और इस बार मंगल ही मंगल होने वाला है। विशेष मुहूर्त में रामजी महल में विराजने वाले हैं।

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