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पायलट पद से हटे तो 7 साल बाद मंच का बदला नजारा, गहलोत-डोटासरा से घिरे रहे राहुल

locationजयपुरPublished: Feb 13, 2021 09:18:43 am

Submitted by:

santosh

राज्य में सियासी घमासान और प्रदेश अध्यक्ष पद से Sachin Pilot के हटने के बाद Rahul Gandhi पहली बार दो दिवसीय दौरे पर आए हैं। इस दौरे में सात साल पुरानी स्थिति देखने को नहीं मिली।

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पत्रिका न्यूज नेटवर्क
जयपुर. कांग्रेस नेता Rahul Gandhi के दौरे के समय प्रदेश के पार्टी नेताओं की नजरें उनके वक्तव्य से ज्यादा इस पर लगी थी कि राहुल के साथ मुख्यमंत्री Ashok Gehlot और Sachin Pilot को कहां जगह मिलेगी। व्यवहार में क्या कोई अंतर आएगा। राज्य में सियासी घमासान और प्रदेश अध्यक्ष पद से पायलट के हटने के बाद राहुल पहली बार दो दिवसीय दौरे पर आए हैं। इस दौरे में सात साल पुरानी स्थिति देखने को नहीं मिली।

राहुल पहले दिन के पूरे दौरे में मंच और आवागमन के गहलोत और प्रदेशाध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा से ही घिरे रहे। वहीं पायलट और प्रदेश प्रभारी अजय माकन एक-दूसरे के साथ नजर आए। राहुल-पायलट के बीच सार्वजनिक रूप से कहीं बातचीत होती भी नहीं दिखी। दोनों सभाओं में मंच पर भी माकन-पायलट गुफ्तगू करते दिखे जबकि दूसरी ओर राहुल-गहलोत और डोटासरा। हालांकि भीड़ जुटाने में दोनों ही खेमों के लोग लगे हुए थे।

कुल 48 मिनट का संबोधन, 25 बार लिया मोदी का नाम
पीलीबंगा और पदमपुर की सभाओं में राहुल का कुल 48 मिनट का संबोधन रहा। वह श्रीगंगानर में 26 और पीलीबंगा में 22 मिनट बोले। इस दौरान सबसे ज्यादा प्रधानमंत्री मोदी का नाम लेते हुए हमला बोला। राहुल ने दोनों जगह कमोबेश एक जैसी बातें कही। दोनों सभाओं में लगभग 25 बार मोदी का नाम लिया।

सूरतगढ़ हवाईपट्टी पर सभी से की बात
राहुल सुबह करीब साढ़े दस बजे सूरतगढ़ हवाई पट्टी पर पहुंचे। विशेष विमान में राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल, युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीवी श्रीनिवास भी उनके साथ थे। राहुल के स्वागत के लिए गहलोत, डोटासरा, माकन, पायलट, रामेश्वर डूडी, कुलदीप इन्दौरा, मोहनप्रकाश सहित कई वरिष्ठ नेता मौजूद थे। चाय-नाश्ते के साथ राहुल ने इनसे वार्ता की। उसके बाद पीलीबंगा किसान महापंचायत के लिए निकले।

पीलीबंगा के मुकाबले पदमपुर में रही ज्यादा भीड़
किसान महापंचायत को लेकर कांग्रेस ने पूरी ताकत झोंक रखी थी लेकिन भीड़ के मामले में पीलीबंगा से पदमपुर आगे रहा। बताया जा रहा है कि दोनों जगह करीब 40 हजार लोग जुटे जबकि कांगेस 1 लाख से ज्यादा भीड़ जुटने का दावा कर रही है।

नागौर से गांधी परिवार का खास नाता
नागौर से गांधी परिवार का शुरुआती दौर से ही विशेष रिश्ता रहा है। जवाहर लाल नेहरू से लेकर राहुल तक गांधी परिवार के सभी नेताओं का नागौर आना हुआ है। राहुल गांधी दूसरी बार आ रहे हैं। पहले वह सोनिया गांधी के साथ आए तब राजनीति में सक्रिय नहीं थे। 2 अक्टूबर 1959 को नेहरू ने पंचायत राज व्यवस्था नागौर से ही शुरू की थी। इसके बाद इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री रहते वर्ष 1971 और फिर 1980 में इमरजेंसी के दौरान नागौर आईं। वर्ष 1984 में प्रधानमंत्री रहते राजीव गांधी नागौर आए। वर्ष 1999, 2009 और 2013 में सोनिया गांधी आ चुकी हैं।

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